इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप ने अपनी गोपनीयता नीति को बदल दिया है. नीति बदलने से यूजर्स काफी गुस्से में हैं और इसके विकल्प को तलाश रहे हैं. भारत में कुछ यूजर्स तो व्हाट्सऐप को हटाकर अन्य ऐप डाउनलोड कर रहे हैं.
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इंस्टैंट मैसेजिंग सर्विस देने वाले ऐप में सबसे लोकप्रिय व्हाट्सऐप ही था लेकिन उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी 2021 से ऐप को काफी नुकसान हो रहा है. नई डाटा प्राइवेसी पॉलिसी के बाद मैसेजिंग ऐप सिग्नल को इंस्टॉल करने वालों की संख्या हर रोज करीब दस लाख के करीब पहुंचने को है. व्हाट्सऐप इस्तेमाल करने वालों का डाटा फेसबुक की दूसरी कंपनियों के साथ साझा करने की तैयारी में है. नए अपडेट में कहा गया है कि व्हाट्सऐप की सेवाएं जारी रखने के लिए 8 फरवरी 2021 तक नीति स्वीकार करें नहीं तो ऐप को इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.
रिसर्च कंपनी ऐपटॉपिया के आंकड़ों के मुताबिक 10 जनवरी को दुनियाभर में करीब 8,10,000 यूजरों ने सिग्नल ऐप को अपने मोबाइल पर इंस्टॉल किया था. यह 6 जनवरी के डाउनलोड के मुकाबले 18 गुना अधिक है. इसी दिन व्हाट्सऐप ने नई गोपनीयता नीति की घोषणा की थी. व्हाट्सऐप ने शर्तों और गोपनीता नीति को बदलते हुए यूजर्स का डाटा इस्तेमाल करने और स्वामित्व कंपनी फेसबुक के साथ लोकेशन, फोन नंबर साझा करना जोड़ दिया है. यहीं नहीं व्हाट्सऐप फेसबुक के मैसेंजर और इंस्टाग्राम के साथ भी डाटा साझा करेगा.
निजता की वकालत करने वालों ने इस कदम का विरोध किया है, उन्होंने फेसबुक द्वारा यूजर डाटा को संभालने के ट्रैक रिकॉर्ड को हवाला देते हुए नई नीति की आलोचना की है. कई सुझाव दे रहे हैं कि यूजर्स टेलीग्राम और सिग्नल जैसे मंचों का इस्तेमाल करें.
सिग्नल का कहना है कि नए यूजर्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए उसने नए सर्वर बिठाए हैं. अब तक गैर-लाभकारी ऐप का इस्तेमाल पत्रकार, अधिकार कार्यकर्ता ही करते आए थे. चैटिंग के लिए यह ऐप ज्यादा सुरक्षित और इंक्रिप्टेड है. सिग्नल एक ओपन सोर्स मैसेजिंग ऐप है जो गोपनीयता पर केंद्रित है.
9 जनवरी को सिग्नल ने ट्वीट किया था कि ऐप ने भारत, ऑस्ट्रिया, फ्रांस, फिनलैंड, जर्मनी, हांगकांग और स्विट्जरलैंड में एप्पल स्टोर पर शीर्ष फ्री ऐप की सूची में प्रथम स्थान हासिल कर लिया है.
गूगल और एप्पल प्ले स्टोर को चुनौती देते भारतीय प्ले स्टोर
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रिॉनिक्स एसोसिएशन के मुताबिक, 2019 में भारत में करीब 50 करोड़ स्मार्टफोन यूजर थे. स्मार्ट फोन का बाजार बड़ा है और साथ ही ऐप स्टोर का भी. गूगल और एप्पल को अब भारत से भी चुनौती मिल रही है.
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ऐप स्टोर और कारोबार
गूगल और एप्पल पर अपने ऐप स्टोर पर एकाधिकार जमाने का आरोप लगता आया है. दरअसल ऐप स्टोर पर कई ऐप मुफ्त हैं जैसे कि फेसबुक, व्हॉट्सऐप, आरोग्य सेतु आदि लेकिन कुछ ऐप ऐसे होते हैं जिन्हें खरीदना पड़ता है. इसके बदले कंपनियां ऐप बनाने वालों से भी कमीशन लेती हैं.
तस्वीर: Apple Inc.
भारत में भी विवाद
भारत में पिछले दिनों पेमेंट ऐप पेटीएम को गूगल ने नीतियों के उल्लंघन का हवाला देते हुए उसे प्ले स्टोर से हटा दिया था. इससे पहले जोमाटो और स्विगी को भी गूगल ने नोटिस भेजा था. टिकटॉक बैन होने के बाद भारतीय स्टार्ट कंपनियां अब नए-नए विकल्प तलाश रही हैं. तकनीक के क्षेत्र में स्टार्टअप में अब शॉर्ट वीडियो फॉर्मेट वाले ऐप, गेमिंग ऐप तैयार हो रहे हैं. सरकार भी इसे बढ़ावा दे रही है.
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पेटीएम का मिनी ऐप स्टोर
पिछले दिनों भारतीय कंपनी पेटीएम ने एंड्रॉयड यूजर्स और ऐप डेवलेपर्स के लिए अपना मिनी ऐप स्टोर लॉन्च किया. अब भारतीय यूजर्स को गूगल के अलावा एक और विकल्प मिल गया है. पेटीएम के मिनी ऐप स्टोर पर इस वक्त 1एमजी, नेटमेड्स, डीकैथलॉन जैसे कई और ऐप लिस्ट हो चुके हैं.
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सरकारी ऐप स्टोर
ई गॉव ऐप स्टोर पर भारत सरकार के कई ऐप मौजूद हैं इसके अलावा मॉय गॉव डॉट इव पर पहले ही सैकड़ों ऐप मौजूद हैं जो कि मुफ्त हैं. रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार जल्द अपना ऐप स्टोर लॉन्च करने जा रही है ताकि भारतीय स्टार्टअप कंपनियों को परेशानियों से बचाया जा सके.
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ऐप का बाजार
ऐप स्टोर पर कुछ ऐसे ऐप्स मौजूद हैं जिनको डाउनलोड करने के लिए फीस अदा करनी पड़ती है. इन ऐप्स का बाजार विशाल है. एक अनुमान के मुताबिक 2019 में लोगों ने ऐप स्टोर से 460 अरब डॉलर के ऐप खरीदे और इसके आने वाले सालों में बढ़ने की संभावना है.
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कमाई का जरिया
भारत में करीब 50 करोड़ लोग स्मार्ट फोन इस्तेमाल करते हैं और एक अनुमान के मुताबिक तीन फीसदी लोगों के पास एप्पल के फोन हैं. यानी 97 फीसदी लोगों के पास एंड्रायड के फोन हैं. गूगल ऐप स्टोर से होने वाली कमाई में बहुत आगे निकलना चाहता है. युवा देश में गेमिंग और वीडियो शेयरिंग जैसे ऐप्स काफी लोकप्रिय है और ऐप के लिए पैसे भी चुकाने को तैयार रहते हैं.
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गेमिंग ऐप पर नजर
भारत में पबजी और टिकटॉक बैन होन के बाद कई देसी ऐप बाजार में आ गए हैं और वे लोकप्रिय भी हो रहे हैं. पबजी की तर्ज पर ही भारतीय कंपनी ने फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार के साथ एएफयू-जी (फौजी) ऐप लॉन्च किया है. कुछ महीने पहले भारत सरकार ने सुरक्षा का हवाला देते हुए 118 चीनी ऐप्स बैन कर दिए थे.