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चीन में ‘उगता हुआ सूरज’ बन गए हैं बुजुर्ग ग्राहक

१८ मार्च २०२४

पिछले कुछ सालों से इस बात को लेकर बड़ी चिंता जाहिर की जाती रही है कि चीन की आबादी लगातार बूढ़ी हो रही है, जिसका असर उसके आर्थिक विकास पर होगा. लेकिन बहुत सी कंपनियों ने इन बुजुर्गों में ही नया बाजार खोज लिया है.

चीन की बूढ़ी होती आबादी
चीन की बूढ़ी होती आबादी में कंपनियों ने नया बाजार तलाशा हैतस्वीर: Xu Hui/HPIC/dpa/picture alliance

कोई योग सीख रहा है तो अफ्रीकी ड्रम बजाने की क्लास ले रहा है. चीन के मध्यवर्गीय बुजुर्गों ने सक्रिय रहने के बहुत से रास्ते खोज लिए हैं और कंपनियां इसका पूरा लाभ उठा रही हैं.

बुजुर्गों के लिए क्लास चलाने वाली कंपनी मामा सनसेट की बीजिंग में प्रमुख की पेइलिन कहती हैं, "शिक्षा उद्योग अब सिल्वर इकोनॉमी के लिए बदल रहा है.” अप्रैल 2023 में शुरुआत के बाद से अब तक चीनी राजधानी में इस कंपनी के पांच केंद्र खुल चुके हैं.

कंसल्टिंग फर्म फ्रॉस्ट एंड सलिवन का अनुमान है कि चीन में बुजुर्गों की कक्षाओं का बाजार 2027 तक 34 फीसदी बढ़कर 120.9 अरब युआन यानी लगभग 1.3 अरब रुपये का हो जाएगा. 2022 में यह सिर्फ 28 अरब युआन का था.

30 करोड़ ग्राहक!

अगले एक दशक में चीन में करीब 30 करोड़ लोग रिटायरमेंट की उम्र में पहुंच जाएंगे. यानी अमेरिका की पूरी आबादी जितने लोग. यूरोमॉनिटर संस्था का कहना है कि 2040 तक एशिया-पैसिफिक में 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की आधी आबादी चीन में होगी.

एक तरफ तो यह चिंता की बात है क्योंकि काम करने की उम्र वाले लोगों की संख्या घट रही है. इसका सीधा असर चीन के औद्योगिक और आर्थिक उन्नति पर होगा लेकिन बहुत से निवेशक इस बूढ़ी होती आबादी को एक नए और तेजी से उभरते बड़े बाजार के रूप में देख रहे हैं.

मामा सनसेट अपने केंद्रों में 20 से ज्यादा तरह की कक्षाएं मुहैया कराती है. 50 से अधिक आयु वाले हजारों लोग ये कक्षाएं ले रहे हैं. अब कंपनी अपने घरेलू निवेशकों के साथ इस बात पर चर्चा कर रही है कि देशभर में 200 फ्रैंचाइजी केंद्र खोले जाएं. कंपनी इस लक्ष्य तो तीन साल में पूरा करना चाहती है, जब वह हांग कांग स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करने की योजना बना रही है.

‘उगता हुआ सूरज'

इसी तरह का काम कर रही एक अन्य कंपनी क्वानटेजिंग है. फ्रॉस्ट एंड सलिवन के मुताबिक अमेरिकी शेयर बाजार में सूचीबद्ध यह कंपनी चीन में बुजुर्गों को क्लास उपलब्ध करवाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है. यह कंपनी वीडियो एडिटिंग जैसे तमाम तरह के कोर्स चलाती है. अब क्वानटेजिंग ताई ची और पारंपरिक चीनी इलाज जैसी नई कक्षाएं शुरू करने के लिए बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती कर रही है.

व्यापार सिर्फ कक्षाओं पर ही खत्म नहीं होता. अपने मध्यवर्गीय बुजुर्ग छात्रों को ये कंपनियां उनके काम के उत्पाद भी बेच रही हैं. जैसे क्वानटेजिंग अपने ग्राहकों को चीनी शराब बाइजियू से लेकर पारंपरिक चीनी दवाओं में इस्तेमाल होने वाली बूटी मोक्सा भी बेच रही है.

क्वानटेजिंग का रेवन्यू पिछले साल की आखिरी तिमाही में 98 करोड़ युआन यानी लगभग 11 अरब रुपये का था जो बीते साल की इसी तिमाही से लगभग 24.7 फीसदी ज्यादा था. इस दौरान उसके ग्राहकों की संख्या 44.6 प्रतिशत बढ़ी.

कंपनी के सीईओ मैट पेंग कहते हैं, "यह उद्योग उगता हुआ सूरज है.”

चीन की सरकार भी इस बाजार को गंभीरता से ले रही है. जनवरी में सरकार ने बुजुर्गों के लिए सेवाओं और उत्पादों पर करों में छूट का ऐलान किया था. प्रधानमंत्री ली कियांग ने इसी महीने वादा किया कि ‘सिल्वर इकोनॉमी' को और बढ़ाने के लिए ज्यादा प्रयास किए जाएंगे.

सब इतना अच्छा नहीं

दूसरी तरफ, कुछ विश्लेषक इस क्षेत्र में आ रहे निवेश को लेकर चेतावनी भी देते हैं. उनकी चिंता है कि रिटायर हो गए लोग कम आय वर्ग में आते हैं और उनकी सबसे बड़ी चिंताएं मूलभूत जरूरतों को पूरा करना होती हैं. इनमें स्वास्थ्य सेवा एक बड़ी चिंता है. चीन जैसे समाज में यह चिंता इसलिए भी बड़ी है क्योंकि बड़ी संख्या में बुजुर्ग अपनी जरूरतों के लिए बच्चों पर निर्भर हैं.

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यूरोमॉनिटर में रिसर्च मैनेजर रेचल ही कहती हैं कि चीन के बुजुर्ग उपभोक्ताओं का बड़ा बाजार तो है लेकिन यह जापान या दक्षिण कोरिया जैसी अहमियत हासिल कर सकता है, इसे लेकर संदेह है. रेचल कहती हैं कि चीन में आमतौर पर नजरिया रूढ़िवादी है और आय-असमानता बहुत ज्यादा है, इसलिए बुजुर्गों की अपने ऊपर खर्च करने की संभावना कम होती है.

देश के शहरी क्षेत्रों में औसत पेंशन गरीब राज्यों में 3000 युआन से लेकर बीजिंग में 6,000 युआन तक है. एक संस्था नोमूरा के मुताबिक 16 करोड़ चीनियों को सौ युआन मासिक की ग्रामीण पेंशन मिलती है. मामा सनसेट में एक क्लास 50-60 युआन की होती है, जबकि 36 क्लास के लिए लगभग 2,000 युआन लगते हैं.

वीके/एए (रॉयटर्स)

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