सिंगापुर की सरकार ने कहा है कि वह दो पुरुषों के बीच संबंध को कानूनी मान्यता देगी. इस फैसले को एलजीबीटीक्यू समुदाय के अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
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सिंगापुर औपनिवेशिक युग के कानून को निरस्त करक पुरुषों के बीच शारीरिक संबंध को अपराध की श्रेणी से बाहर करने वाला है. लेकिन वह इसको सुनिश्चित करने के लिए संविधान में संशोधन करेगा कि समान-विवाह की अनुमति नहीं हो.
पुरुषों के बीच संबंध को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के सिंगापुर के फैसले को 5 अरब की आबादी वाले एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एलजीबीटीक्यू अधिकारों के लिए सही दिशा में एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है.
वार्षिक नेशनल डे पर आयोजित रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ली हसिइन लूंग ने कहा कि वह 377 ए कानून को निरस्त करने में विश्वास करते हैं और ऐसा "अभी करना सही बात है." उन्होंने कहा कि गे संबंध को गैर-आपराधिकरण करने को देश के अधिकतर लोग स्वीकार करेंगे.
एलजीबीटीक्यू+ जहां खुल कर घूम सकते हैं
लेस्बियन, गे, ट्रांसजेंडर, बायसेक्शुअल या क्वीयर- चाहे कोई किसी भी तरह की लैंगिक पहचान या यौन वरीयता वाला इंसान हो, दुनिया में कहीं भी उनके जाने पर रोक तो नहीं होनी चाहिए. देखिए कौन से हैं सबसे क्वीयर-फ्रेंडली ठिकाने.
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कनाडा
कनाडा को विश्व का सबसे क्वीयर-फ्रेंडली देश कहना गलत नहीं होगा. वर्ल्ड ट्रैवल एवार्ड्स में इसे टॉप LGBTQ+ फ्रेंडली ठिकाना पाया गया. समलैंगिक शादियों को यहां 2005 से ही कानूनी मान्यता मिली हुई है. इसके अलावा यहां साल भर समुदाय की रंगबिरंगी पहचान का उत्सव मनाने के लिए कार्यक्रम होते रहते हैं. जैसे जून में होने वाला टोरंटो प्राइड (फोटो में) या अगस्त में मॉन्ट्रियाल प्राइड फेस्टिवल.
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माल्टा
भूमध्य सागर में बसा यह छोटा सा द्वीपीय देश यूरोप के कुछ सबसे प्रगतिशील देशों में से एक है. LGBTQ+ समुदाय के लिए यहां इतना काम हुआ है कि 2004 में यहां किसी भी यौन वरीयता या लैंगिक पहचान वाले इंसान के साथ भेदभाव पर रोक लग गई. 2016 में गे कनवर्जन थेरेपी को गैरकानूनी घोषित करने वाला भी यह पहला देश है.
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पुर्तगाल
लिस्बन और पोर्तो (फोटो में) को पुर्तगाल का सबसे विविधता से भरा और खुले विचारों वाला शहर कहा जा सकता है. यहां समलैंगिक शादियों को 2010 से ही वैधता मिली हुई है. इसके कुछ साल बाद समान सेक्स वाले जोड़ों को बच्चे गोद लेने का अधिकार भी मिल गया. लेकिन ट्रांसजेंडर लोगों की सुरक्षा और तथाकथित कनवर्जन थेरेपी पर बैन लगाने जैसे कदम अभी बाकी हैं.
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स्वीडन
इसकी गिनती विश्व के सबसे प्रगतिशील देशों में होती है. यहां एलजीबीटीक्यू समुदाय की सुरक्षा के लिए कई कानून बनाए गए हैं. इस स्कैंडिनेवियन देश में समान सेक्स के लोगों के बीच सेक्स को 75 साल पहले ही अपराध के दायरे से बाहर निकाल लिया गया था. अब तो यहां किसी को संबोधित करने के लिए एक ही न्यूट्रल सर्वनाम चलता है - "hen". पहले महिलाओं के लिए hon ("she") और पुरुषों के लिए han ("he") सर्वनाम चलन में थे.
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उरुग्वे
लैटिन अमेरिका के सबसे सहनशील देश के रूप में उरुग्वे का नाम आता है क्योंकि यह समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने वाला पहला देश था. इस छोटे से देश में 1934 से ही समान सेक्स के लोगों के बीच सहमति से होने वाले सेक्स को अपराध के दायरे से बाहर निकाल लिया गया था. 2004 में यहां LGBTQ+ समुदाय को सुरक्षा देने वाले कई कानून बनाए गए.
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ऑस्ट्रेलिया
घूमने फिरने वालों के दिमाग में ऑस्ट्रेलिया की छवि खूबसूरत समुद्री तटों और रंगबिरंगी संस्कृति वाले शहरों से जुड़ी होगी. लेकिन अब भी शायद यह नहीं पता होगा कि यह बेहद सहनशील देश भी है. यहां भेदभाव विरोधी कानून 1984 में ही पास हो गए थे. इनका मकसद किसी भी इंसान को उसकी लैंगिक पहचान या यौन वरीयता के आधार पर दुर्व्यवहार से बचाना था. 2017 से यहां समलैंगिक विवाह भी वैध हैं.
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जर्मनी
इंटरसेक्स लोगों के अधिकारों के लिए हाल के सालों में जर्मनी में काफी तरक्की हुई है. बड़े शहरों जैसे कोलोन (फोटो में) और राजधानी बर्लिन में समाज काफी हद तक क्वीयर-फ्रेंडली माना जा सकता है लेकिन देश के बाकी हिस्से इतने खुले विचारों वाले नहीं कहे जा सकते. एक ही लिंग के लोगों की आपस में शादी को यहां 2017 में ही कानूनी मान्यता मिल गई थी. इंटरसेक्स लोग भी अपनी अलग कानूनी पहचान रखते हैं.
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आइसलैंड
आर्कटिक के इस कम आबादी वाले देश आइसलैंड में ना केवल प्रकृति के अद्भुत नजारे और जाड़ों का स्वर्ग है बल्कि यहां क्वीयर लोगों की भी जन्नत है. ऐसे में LGBTQ+ लोगों के लिए इससे दोस्ताना, सुरक्षित और स्वागत करने वाला घूमने का ठिकाना खोजना मुश्किल होगा. राजधानी रिक्याविक (फोटो में) में 1999 से ही सालाना प्राइड फेस्टिवल होता आता है. समान-सेक्स शादियां 2010 से वैध हैं.
तस्वीर: IBL Schweden/picture alliance
ताइवान
LGBTQ+ लोगों के अधिकारों के मामले में एशिया के सबसे प्रगतिशील देश के रूप में ताइवान का नाम आता है. इस द्वीपीय देश में लैंगिक भेदभाव के खिलाफ कई कानून बनाए गए हैं. समान सेक्स के लोगों की आपस में शादी को 2019 में कानूनी मान्यता देने वाला यह एशिया का पहला देश बना. और इस तरह उनके घूमने फिरने का सुरक्षित ठिकाना भी.
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कोलंबिया
कोलंबिया की संस्कृति वैसे तो कैथोलिक आस्था वाली और समाज में पुरुषवादी रवैया कूट कूट के भरा दिखता है लेकिन फिर भी इसकी गिनती लैटिन अमेरिका के सबसे प्रगतिवादी देशों में होती है. उरुग्वे के बाद यहां एलजीबीटीक्यू+ स्पेक्ट्रम के लोगों को सबसे ज्यादा अधिकार मिले हुए हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने 2016 में समलैंगिक शादियों को भी कानूनी मान्यता दे दी.(जोफी डिसेमोंड/आरपी)
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सालों पुराना कानून
प्रधानमंत्री ने कहा, "सहमति देने वाले वयस्कों के बीच निजी यौन व्यवहार से कानून व्यवस्था का कोई भी मुद्दा पैदा नहीं होता. इस तरह के लोगों पर मुकदमा चलाने और इसे अपराध बनाने का कोई औचित्य नहीं है."
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ली ने कहा, "यह कानून को वर्तमान सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुरूप लाएगा और मुझे उम्मीद है समलैंगिक नागरिकों को कुछ राहत मिलेगी."
ली ने साथ ही कहा, "377 ए को निरस्त करने के बावजूद हम विवाह की संस्था को बनाए रखेंगे और उसकी रक्षा करेंगे."
1930 के दौर में दंड संहिता की धारा 377 ए ब्रिटिश राज के तहत लागू की गई थी. सिंगापुर पर ब्रिटिश राज 1963 में खत्म हो गया जब सिंगापुर मलेशिया का एक राज्य बन गया और दो साल बाद वह आजाद हो गया. आजाद होने के बाद सिंगापुर ने धारा 377 ए को बनाए रखा. इस धारा के उल्लंघन करने वाले को दो साल की सजा का प्रावधान है.
सुपरमैन, बैटवुमन और दूसरे एलजीबीटी प्लस कॉमिक्स किरदार
प्रारंभिक सुपरमैन के बेटे जॉन केंट ने डीसी कॉमिक्स के नए अंक में अपने बाइसेक्सुअल होने के बारे में बताया है. क्या आप डीसी और मार्वल की काल्पनिक दुनिया के दूसरे एलजीबीटीक्यू किरदारों के बारे में जानते हैं?
तस्वीर: DC Comics/Panini
जोन केंट
डीसी की अगली कॉमिक्स "सुपरमैन: सन ऑफ काल-एल" में सुपरमैन क्लार्क केंट का बेटा जोन केंट अपने बाइसेक्सुअल होने के बारे में बताने वाला है. प्रकाशकों ने यह घोषणा 11 अक्टूबर को की जिस दिन अमेरिका में "नेशनल कमिंग आउट डे" मनाया जाता है. सुपरमैन जूनियर को पत्रकार जे नाकामूरा से प्रेम है.
तस्वीर: DC
हार्ली क्विन और पॉइजन आइवी
हार्ली क्विन बैटमैन सीरीज में बार बार सामने आने वाली किरदार हैं और उन्हें जोकर की प्रेमिका के रूप में जाना जाता है. लेकिन उनके और पॉइजन आइवी के रिश्तों के बारे में भी अफवाहें उड़ी थीं और वो बाद में सही साबित हुईं. 2017 में पाठकों को बताया गया कि हार्ली क्विन बाइसेक्सुअल हैं.
तस्वीर: DC Universe/Courtesy Everett Collection/picture alliance
डेडपूल
डेडपूल सबसे लोकप्रिय एलजीबीटीक्यू किरदारों में से है. उसकी रचना करने वाले गेरी डुग्गन कहते हैं कि डेडपूल "दिल धड़कने वाले किसी भी जीव" की तरफ यौनसंबंधी रूप से आकर्षित हो जाता है. हाल के सालों में उसने मार्वल के लगभग हर किरदार के साथ फ्लर्ट किया है और उसकी कॉमिक्स के लेखक उसके मजाकिया मिजाज का इस्तेमाल कर लैंगिकता के बारे में बात करते हैं.
तस्वीर: Cinema Publishers Collection/imago
ग्रीन लैंटर्न
सबसे पहला ग्रीन लैंटर्न हेट्रोसेक्सुअल था, उसकी कई बार शादी हुई थी और उसके बच्चे भी थे. 2012 में पहली बार डीसी कॉमिक्स में उसके एक समलैंगिक रूप को सामने लाया गया. उसने खुद इन शब्दों में यह घोषणा की, "बीते समय में मैंने अपने एक हिस्से को अपने दोस्तों और साथियों से छुपाए रखा...मैं गे हूं."
तस्वीर: ZUMA/imago images
लोकि
2014 में यंग अवेंजर्स कॉमिक्स में लोकि ने पहली बार खुद के 'जेंडर फ्लुइड' होने के बारे में बताया. उसने कहा, "मेरी दुनिया में तुम्हारी दुनिया की तरह लैंगिक पहचान की अवधारणा नहीं है. बस यौन संबंधी क्रियाएं है." लोकि का किरदार अपना रूप बदल सकता है और कभी पुरुष तो कभी स्त्री बन सकता है.
तस्वीर: Marvel
बैटवुमन
बैटवुमन की कॉमिक्स में सिर्फ शानदार चित्र ही नहीं होते, बैटवुमन किसी भी सुपरहीरो टीवी सीरीज में खुले रूप से समलैंगिक के रूप में जाने जाने वाली पहली मुख्य किरदार है. उसका असली नाम है केट केन, जो एक युवा, अमीर और क्वियर यहूदी महिला है. केट की एक गर्लफ्रेंड है और अपनी लैंगिक पहचान के बारे में खुल कर बताने के बाद उसे अमेरिका के मरीन्स की नौकरी से निकाल दिया जाता है.
तस्वीर: Everett Collection/imago images
जॉन कॉन्स्टेंटिन
डीसी के एंटीहीरो ने 1992 में ही बता दिया था कि उसकी कई गर्लफ्रेंड भी रही हैं और बॉयफ्रेंड भी. लेकिन इस बयान के अलावा उसके बाइसेक्सुअल होने के बारे में और कुछ नहीं बताया गया. 2016 में "लेजेंड्स ऑफ टुमॉरो" सीरीज में फिर इस बात की पुष्टि की गई कि उसे पुरुष और महिलाएं दोनों पसंद हैं. (केविन टी)
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एशिया-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति
ऑस्ट्रेलिया के सभी राज्यों ने 1975 और 1997 के बीच समान-लिंग विवाह प्रतिबंधों को निरस्त कर दिया था. देश की संसद ने 2017 में समान-लिंग विवाह को वैध कर दिया और 2016 से सभी उम्र के लिए सहमति की अनुमति दी.
वहीं चीन में समलैंगिकता को अपराध नहीं माना जाता है, लेकिन निकट भविष्य में समान-विवाह के कानूनी होने की संभावना नहीं है. हालांकि एलजीबीटक्यू समुदाय चीन के प्रमुख शहरों में बहुत सक्रिय हैं, बावजूद इसके इसे समाज पर एक बुरा धब्बा माना जाता है.
भारत की बात की जाए तो 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की एक धारा को रद्द कर दिया था, जिसमें समान-सेक्स के लिए 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान था. इस ऐतिहासिक फैसले के बावजूद, भारत में समलैंगिक विवाह अभी भी अवैध है और समान-विवाह को वैध बनाने के लिए कई याचिकाएं कोर्ट में लगाई जा चुकी हैं. हालांकि, पिछले एक दशक में भारत के बड़े शहरों में एलजीबीटी समुदाय ने कुछ पहचान हासिल करना शुरू कर दिया है.