नेपाल में मंगलवार देर रात 6.6 तीव्रता का भूकंप आया जिससे 6 लोगों की मौत हो गई. भारत के कई राज्यों में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए.
विज्ञापन
भारत के सात राज्यों में देर रात करीब दो बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भारत के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक नेपाल में भूकंप 9 नवंबर रात 1 बजकर 57 मिनट पर आया. भूकंप का केंद्र नेपाल में था, जहां रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.6 मापी गई. नेपाल के दोती जिले में भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था.
नेपाल में भूकंप के झटकों के कारण कई मकान ध्वस्त हो गए और शुरूआती रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. दोती के पुलिस उपाधीक्षक भोला भट्टा ने गृह मंत्रालय के अधिकारी तुलसी रिजाल द्वारा साझा किए आंकड़े की पुष्टि करते हुए कहा कि आठ घरों के ढहने से पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.
नेपाल के स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि वे जानमाल के नुकसान का आकलन करने की कोशिश कर रहे हैं.
नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "मैंने संबंधित एजेंसियों को घायलों और अन्य पीड़ितों के तत्काल और उचित इलाज के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आदेश दिया है."
नेपाली सेना के प्रवक्ता नारायण सिलवाल ने कहा कि राहत और बचाव दल प्रभावित इलाकों में पहुंच गए हैं और दो हेलीकॉप्टर भी तैयार रखे गए हैं.
दोती जिले की एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी कल्पना श्रेष्ठ ने कहा कि भूकंप के केंद्र के आसपास के गांवों से विवरण एकत्र किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मलबे से बचाए गए लोगों में एक बच्चा भी शामिल है.
भारत में भी देर रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए. भारत में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कई शहरों में झटके महसूस किए गए. हालांकि भारत में किसी जानमाल के नुकसान की रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आई है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक भारत के कई शहरों में झटके करीब करीब 10 सेकंड तक महसूस किए गए. दिल्ली से सटे नोएडा और गुरूग्राम में भी झटके महसूस किए गए. भूकंप का एहसास होने पर लोग घरों से बाहर आ गए. देर रात भूकंप का अनुभव होने पर लोगों ने ट्विटर पर ट्वीट करना शुरू कर दिया. जिसके बाद ट्विटर पर #earthquake ट्रेंड करने लगा.
नेपाल में अप्रैल 2015 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें लगभग 9,000 लोग मारे गए और 23 हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. भूकंप के कारण पांच लाख से अधिक घर नष्ट हो गए. इस भूकंप ने कई कस्बों और सदियों पुराने मंदिरों को पूरी तरह से मिटा दिया. भूकंप के कारण नेपाली अर्थव्यवस्था को छह अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ था.
अब तक के सबसे विनाशकारी भूकंप
भूकंप, सबसे जानलेवा प्राकृतिक आपदाओं में से एक हैं. पृथ्वी के भीतर होने वाली ये शक्तिशाली भूगर्भीय हलचल अब तक करोड़ों लोगों की जान ले चुकी है. एक नजर, अब तक के सबसे जानलेवा भूकंपों पर.
तस्वीर: Reuters
शांशी, 1556
चीन के शांशी प्रांत में 1556 में आए भूकंप को मानव इतिहास का सबसे जानलेवा भूकंप कहा जाता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक रिक्टर स्केल पर करीब 8 तीव्रता वाले उस भूकंप से कई जगहों पर जमीन फट गई. कई जगह भूस्खलन हुए. भूकंप ने 8,30,000 लोगों की जान ली.
तस्वीर: Reuters
तांगशान, 1976
चीन की राजधानी बीजिंग से करीब 100 किलोमीटर दूर तांगशान में आए भूकंप ने 2,55,000 लोगों की जान ली. गैर आधिकारिक रिपोर्टों के मुताबिक मृतकों की संख्या 6 लाख से ज्यादा थी. 7.5 तीव्रता वाले उस भूकंप ने बीजिंग तक अपना असर दिखाया.
तस्वीर: picture alliance / dpa
हिंद महासागर, 2004
दिसंबर 2004 को 9.1 तीव्रता वाले भूकंप ने इंडोनेशिया में खासी तबाही मचाई. भूकंप ने 23,000 परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा निकाली. इससे उठी सुनामी लहरों ने भारत, श्रीलंका, थाइलैंड और इंडोनेशिया में जान माल को काफी नुकसान पहुंचाया. सबसे ज्यादा नुकसान इंडोनेशिया के सुमात्रा द्पीव में हुआ. कुल मिलाकर इस आपदा ने 2,27,898 लोगों की जान ली. 17 लाख लोग विस्थापित हुए.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo
अलेप्पो, 1138
ऐतिहासिक दस्तावेजों के मुताबिक सीरिया में आए उस भूकंप ने अलेप्पो को पूरी तरह झकझोर दिया. किले की दीवारें और चट्टानें जमींदोज हो गईं. अलेप्पो के आस पास के छोटे कस्बे भी पूरी तरह बर्बाद हो गए. अनुमान लगाया जाता है कि उस भूकंप ने 2,30,000 लोगों की जान ली.
तस्वीर: Reuters/Hosam Katan
हैती, 2010
रिक्टर पैमाने पर 7 तीव्रता वाले भूकंप ने 2,22,570 को अपना निवाला बनाया. एक लाख घर तबाह हुए. 13 लाख लोगों को विस्थापित होना पड़ा. हैती आज भी पुर्नर्निमाण में जुटा है.
तस्वीर: A.Shelley/Getty Images
दमघान, 856
कभी दमघान ईरान की राजधानी हुआ करती थी. ऐतिहासिक दस्तावेजों के मुताबिक करीब 12 शताब्दी पहले दमघान शहर के नीचे से एक शक्तिशाली भूकंप उठा. भूकंप ने राजधानी और उसके आस पास के इलाकों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया. मृतकों की संख्या 2 लाख आंकी गई.
तस्वीर: Reuters
हैयुआन, 1920
चीन में आए करीब 7.8 तीव्रता वाले भूकंप के झटके हजारों किलोमीटर दूर नॉर्वे तक महसूस किये गए. भूकंप ने हैयुआन प्रांत में 2 लाख लोगों की जान ली. पड़ोसी प्रांत शीजी में भूस्खलन से एक बड़ा गांव दफन हो गया. लोगंदे और हुइनिंग जैसे बड़े शहरों के करीब सभी मकान ध्वस्त हो गए. भूकंप ने कुछ नदियों को रोक दिया और कुछ का रास्ता हमेशा के लिए बदल दिया.
तस्वीर: Reuters
अर्दाबिल, 893
ईरान में दमघान के भूकंप की सिहरन खत्म भी नहीं हुई थी कि 37 साल बाद एक और बड़ा भूकंप आया. इसने पश्चिमोत्तर ईरान के सबसे बड़े शहर अर्दाबिल को अपनी चपेट में लिया. करीब 1,50,000 लोग मारे गए. 1997 में एक बार इस इलाके में एक और शक्तिशाली भूकंप आया.
तस्वीर: AP Graphics
कांतो, 1923
7.9 तीव्रता वाले भूकंप ने टोक्यो और योकोहामा इलाके में भारी तबाही मचाई. पौने चार लाख से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा. इसे ग्रेट टोक्यो अर्थक्वेक भी कहा जाता है. भूकंप के बाद चार मीटर ऊंची सुनामी लहरें आई. आपदा ने 1,43,000 लोगों की जान ली.
तस्वीर: Reuters
अस्गाबाद, 1948
पांच अक्टूबर 1948 को तुर्कमेनिस्तान का अस्गाबाद इलाका शक्तिशाली भूकंप की चपेट में आया. 7.3 तीव्रता वाले जलजले ने अस्गाबाद और उसके आस पास के गांवों को भारी नुकसान पहुंचाया. कई रेलगाड़ियां भी हादसे का शिकार हुईं. भूकंप ने 1,10,000 लोगों की जान ली.
तस्वीर: Siamak Ebrahimi
कश्मीर, 2005
भारत और पाकिस्तान के विवादित इलाके कश्मीर में 7.6 तीव्रता वाले भूकंप ने कम से कम 88 हजार लोगों की जान ली. सुबह सुबह आए इस भूकंप के झटके भारत, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान और चीन तक महसूस किए गए. पाकिस्तान में करीब 87 हजार लोगों की मौत हुई. भारत में 1,350 लोग मारे गए.
तस्वीर: AFP/Getty Images/T. Mahmood
सिंचुआन, 2008
87,000 से ज्यादा लोगों की जान गई. करीब एक करोड़ लोग विस्थापित हुए. 7.9 तीव्रता वाले भूकंप ने 10,000 स्कूली बच्चों की भी जान ली. चीन सरकार के मुताबिक भूकंप से करीब 86 अरब डॉलर का नुकसान हुआ.