स्लोवाकिया की ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (STA) ने उड़ने वाली कार को मंजूरी दे दी है. इस कार के ओद्यौगिक स्तर पर उत्पादन की दिशा में यह पहला कदम है.
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स्लोवाकिया की सरकार ने उड़ने वाली कार के एक मॉडल एयरकार को हवा में उड़ने योग्य मानते हुए प्रमाणपत्र जारी कर दिया है. इसका अर्थ है कि कार के कमर्शियल उत्पादन की दिशा में बढ़ा जा सकता है. इस कार को क्लाइनविजन नाम की एक कंपनी ने डिजाइन और तैयार किया है.
क्लाइनविजन के संस्थापक और सीईओ स्टेफान क्लाइन ने एक बयान में कहा, "एयरकार को मिली मंजूरी अत्याधिक सक्षम उड़ने वाली कारों के ओद्यौगिक उत्पादन के दरवाजे खोलती है. यह आधिकारिक और अंतिम पुष्टि है कि हम मध्यम-दूरी वाली यात्राओं को हमेशा के लिए बदलने की क्षमता रखते हैं.”
उड़ने वाली बाइक की बिक्री शुरू
जापान की स्टार्टअप कंपनी ने अपनी होवरबाइक यानी उड़ने वाली बाइक दुनिया को दिखाई है. ड्रोन बनाने वाली कंपनी एएलआई टेक्नोलॉजी की यह बाइक 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 40 मिनट तक उड़ने का दावा कर रही है.
तस्वीर: Reuters/P. Rossignol
जापान में बिकने लगी उड़ने वाली बाइक
इस बाइक की कीमत 6 लाख 80 हजार डॉलर यानी लगभग 5 करोड़ रुपये रखी गई है और मंगलवार से इसकी बिक्री भी शुरू हो गई है.
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अभी आम सड़कों से दूर
कंपनी का कहना है कि फिलहाल ‘एक्स टूरिजमो लिमिटेड एडिशन’ नाम की इस बाइक को जापान की आम सड़कों पर उड़ने का मौका नहीं मिलेगा और इसे शहर से दूर खुली जगहों पर ही उड़ाया जा सकेगा.
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पूरी दुनिया में होड़
उड़ने वाले वाहन बनाने की होड़ दुनियाभर की कई कंपनियों में लगी हुई है. और ऐसी कंपनियों को धन भी खूब मिल रहा है.
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रिमोट वाली कार
इसी साल जून में उद्योगपति मैथ्यू पियर्सन ने यह इलेक्ट्रिक फ्लाइंग कार पेश की थी. हालांकि यह कार रिमोट के जरिए उड़ाई जाती है.
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रेसिंग के लिए फ्लाइंग कार
मैथ्यू पियर्सन की यह कार खासतौर पर रेसिंग के लिए बनाई गई है और इसे उन्होंने महान कार निर्माताओं जैसे कार्ल बेंज को समर्पित किया है.
तस्वीर: Airspeeder
लिफ्ट एयरक्राफ्ट
अगस्त 2020 में लिफ्ट एयरक्राफ्ट कंपनी ने eVTOL नाम के इस वाहन का परीक्षण किया था. यह परीक्षण अमेरिकी सेना के साथ मिलकर किया गया था.
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एक और कार तैयार
जुलाई में एयरकार वी5 ने अपनी टेस्ट फ्लाइट पूरी की थी. सिर्फ तीन मिनट में यह कार सामान्य से उड़ने वाली कार में बदल जाती है. इसे प्रोफेसर स्टेफान क्लाइन ने डिजाइन किया है.
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तैयारी में एरोमोबिल भी
2017 में एरोमोबिल कंपनी ने यह उड़ने वाली कार दिखाई दी, जो 700 किलोमीटर तक उड़ सकती है और 10 हजार मीटर की ऊंचाई पर जा सकती है.
तस्वीर: Reuters/P. Rossignol
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एयरकार ने पिछले साल जून में ही दो शहरों के बीच अपनी पहली उड़ान भरी थी. इस कार को 1.6 लीटर वाली बीएमडबल्यू इंजन के साथ बनाया गया है. इसे उड़ान भरने के लिए मात्र 300 मीटर के रनवे की जरूरत होती है.
हजार किलोमीटर की यात्रा संभव
कार 170 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकती है और 1,000 किलोमीटर तक जा सकती है. जमीन पर यह सामान्य कार होती है जो उड़ान भरने के लिए छोटे विमान में बदल जाती है. इस प्रक्रिया में तीन मिनट से भी कम का समय लगता है.
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क्लाइनविजन ने बताया है कि प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए कार को 70 घंटे की टेस्ट उड़ानें पूरी करनी थीं. इसके अलावा 200 टेक ऑफ और लैंडिंग भी पूरी की गईं.
स्लोवाकिया की ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के निदेशक रेने मोलनार ने कहा, "इस विमान ने हर निर्मित विमान के लिए बनाए गए राष्ट्रीय नियमों की शर्तों को पूरा किया है और सुरक्षा मानकों का प्रदर्शन किया है. इस आधार पर इसे हवा में उड़ान भरने योग्य मानकर प्रमाणपत्र जारी किया गया है.”
इंडिया की काली पीली टैक्सी सिडनी में
दिल्ली-मुंबई में चलने वाली एक काली पीली कार सिडनी में भी है. भारत से सिडनी पहुंचने की इस काली पीली कार की यात्रा भी बड़ी मजेदार है.
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दिल्ली की कार सिडनी में
सिडनी में अक्सर सड़कों पर यह काली पीली टैक्सी घूमती दिखती है. अंदर से एकदम खांटी देसी अंदाज में सजी हुई. म्यूजिक भी देसी ही बजता है. बस चलाने वाला एक अंग्रेज है.
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जेमी की कार
इस काली पीली कार के मालिक हैं सिडनी में रहने वाले जेमी रॉबिनसन. उन्होंने अपनी इस प्यारी टैक्सी को नाम दिया है ‘बॉलीवुड कार.’
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भारत से प्यार
जेमी रहने वाले तो ब्रिटेन के हैं लेकिन बस गए हैं ऑस्ट्रेलिया में. पर उन्हें भारत से बहुत लगाव है. इसलिए वह कई बार भारत जा चुके हैं.
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काली पीली कार
इंडिया वाली टैक्सी को जेमी रॉबिनसन ने कारों के टीवी शो में देखा था. तभी उनका इस कार पर मन आ गया और वह इसे सिडनी लाने की जुगत में जुट गए.
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लाना तो संभव नहीं
नियम कानूनों के भारत से पुरानी कार को ऑस्ट्रेलिया लाना लगभग असंभव है. तो जेमी ने पुर्जे मंगाए भारत से और ऐम्बैस्डर की बॉडी खोजी ऑस्ट्रेलिया में. फिर उन्होंने कार को ऑस्ट्रेलिया में असेंबल किया, जिसमें तीन साल गए.
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आजा मेरी गाड़ी में बैठ जा
अब जेमी की कार सिडनी में खूब चलती है. लोग, खासकर भारतीय इस कार को अपने अलग अलग इवेंट्स के लिए किराये पर लेते हैं. और इसमें घूमना फिरना भी करते हैं, भारत जैसा आनंद लेने के लिए.
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दीवाने हजारों हैं
जेमी बताते हैं कि इस पुरानी कार के बहुत दीवाने हैं. इसलिए लोग उन्हें कई बार राह चलते भी रोक लेते हैं और इस कार के बारे में पूछते हैं. उन्हें इंडिया की कार सिडनी में देखकर अचंभा होता है. यहां जेमी मशहूर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर स्टीव वॉ के साथ हैं.
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जेमी का लगाव
जेमी को भारत से गहरा लगाव है. इस कार में उन्होंने अपनी कई भारत यात्राओं की यादें सहेज कर रखी हैं, जिन्हें वह अपनी सवारियों के साथ भी बांटते हैं.
तस्वीर: Jammie Robinson
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मोलनार ने कहा कि एसटीए ने अब एयरकार एयरक्राफ्ट-टाइप प्रमाणपत्र के लिए अर्जी दाखिल कर सकती है. उन्होंने कहा, "टाइप सर्टिफिकेट मिलने के बाद इस एयरक्राफ्ट का ओद्यौगिक उत्पादन किया जा सकता है.”
कई देशों में चल रही है तैयारी
उड़ने वाली कारों को मंजूरी देने की तैयारी कई देशों में चल रही है. यूरोप की तीन पहियों वाली पीएएल-वी लिबर्टी कार जो जाइरोकॉप्टर की तरह उड़ती है, सड़कों पर चलने के लिए पहले ही मंजूरी हासिल कर चुकी है और अब यूरोपीयन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी का सर्टिफिकेट हासिल करने पर काम कर रही है.
कई अन्य कार कंपनियां भी एयर-टैक्सी सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही हैं. हालांकि बहुत सी मौजूदा कारों को उड़ाने के लिए पायलट का लाइसेंस एक अनिवार्यता है. स्लोविकया की एयरकार भी पायलट ही उड़ा सकते हैं. कुछ कंपनियां स्वचालित उड़न-कारें बनाने पर काम कर रही हैं.
सोमवार को विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग ने ऐलान किया था कि वह कैलिफॉर्निया स्थित स्वचालित एयर टैक्सी बनाने वाली कंपनी विस्क में 45 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी. विस्क कंपनी बोइंग और गूगल के सह-संस्थापक लैरी पेज की कंपनी किटी हॉक की साझी योजना है.