भारी बर्फबारी में किसी की मस्ती तो कोई बेहाल
११ दिसम्बर २०१७अंटार्कटिका की दुलर्भ तस्वीरें और जानकारी
अंटार्कटिका की दुलर्भ तस्वीरें और जानकारी
बर्फीली वादियों के बीच गुलाबी जमीन, 100 डिग्री की भाप और 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलती हवाएं. अति दुर्गम धरती का दक्षिणी ध्रुव अंटार्कटिका कुछ ऐसा ही है.
नौसेना के जहाज पर
दक्षिण अमेरिकी देश चिली की नौसेना चिलियन अंटार्कटिक इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों को लेकर दक्षिणी ध्रुव की ओर बढ़ी. चलिये हम भी उनके साथ इस रोमाचंक यात्रा पर चलते हैं.
शेटलैंड आर्किपेलागो
वैज्ञानिक अभियान दक्षिण शेटलैंड द्वीपों से शुरू हुआ. यह इलाका अंटार्कटिका के 11 द्वीपों से मिलकर बना है. आगे जाना का रास्ता यहीं से निकलता है.
अंटार्कटिका में स्वागत
दिसंबर से फरवरी को गर्मियों का मौसम कहते हैं. लेकिन इस दौरान भी तापमान अधिकतम -20 डिग्री सेल्सियस था. बीच बीच में 160 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा भी चल सकती है.
गुलाबी धरती
एकदम दक्षिणी हिस्से में चिली का वैज्ञानिक अड्डा येल्चो है. यहां बर्फ गुलाबी दिखाई पड़ती है. असल में एक विशेष प्रकार की काई के चलते बर्फ गुलाबी दिखाई पड़ती है. इसे वॉटरमेलन स्नो भी कहते है.
येल्चो बेस
दक्षिणी खाड़ी पर चिली का यह वैज्ञानिक बेस 1962 में बनाया गया. यहां अंटार्कटिक महासागर में हो रहे बदलावों का अध्ययन किया जाता है.
अकल्पनीय विरोधाभास
बाहर हाड़ जमाने वाली ठंड और भीतर उबलती धरती. अंटार्कटिका के कुछ द्वीपों के नीचे आज भी ज्वालामुखी सुलग रहे हैं.
तस्वीर से धोखा न खाएं
जहाज पर वापस लौटने के बाद हमें एक विशाल हिमखंड भी दिखाई पड़ा. तस्वीर में भले ही यह छोटा सा दिखाई पड़े, लेकिन नंगी आंखों से देखने पर ऐसे हिमखंड गगनचुंबी इमारत जैसे दिखते हैं.
बैक्टीरिया की खोज
चिली के वैज्ञानिकों ने वहां से बैक्टीरिया के कुछ नमूने जुटाये हैं. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इतने दुश्वार हालात में जीने वाले यह बैक्टीरिया असरदार एंटीबायोटिक दवाएं बनाने में मददगार होंगे.
कौन सा जीव
भालू या भेड़िये सा दिखता यह जीव असल में अंटार्कटिक फर सील है. आम सील से बहुत अलग दिखने वाली इस फर सील के कान बाहर निकले होते हैं, छोटी नाक और बहुत लंबी मूंछें होती है.
धुआं छोड़ती जमीन
वैज्ञानिक एक ऐसी जगह भी पहुंचे जहां धरती लगातार भाप और धुआं सा छोड़ती है. इस जगह पर गंधक यानि सल्फर की तीखी गंध मौजूद है. सतह का तापमान करीब 100 डिग्री है.
इंसानी दखल के सबूत
एक द्वीप पर नॉर्वे का व्हेलिंग स्टेशन हेक्टर भी दिखा. यहां कई दशकों तक व्हेल मछलियों का तेल निकाला जाता था.
स्टेशन बी
1944 में व्हेलर में एक ब्रिटिश बेस भी बनाया गया. इसे स्टेशन बी नाम दिया गया. लेकिन 1967 और 1969 के ज्वालामुखीय विस्फोट के बाद यह अड्डा छोड़ना पड़ा.
चिली का ओ हिगिंस
एक और चिली का बेस, बेर्नांडो ओ'हिगिंस. यहीं जर्मनी का पोलार रिसर्च सेंटर भी है. यहां लगे एंटीना सैटेलाइट से सिग्नल पाकर इस जगह को दुनिया से जोड़ते हैं.
मेरे इलाके में ये कौन
अभियान के अंत में हमें अंटार्कटिका के असली बाशिंदे पेंग्विन भी दिखाई पड़े. पापुआ प्रजाति के ये पेंग्विन 71 से 75 सेंटीमीटर बड़े और छह किलोग्राम तक भारी होते हैं. रिपोर्ट: नतालिया मेसर/ओएसजे