दक्षिण एशिया में हैं सबसे ज्यादा बाल दुल्हनें
१९ अप्रैल २०२३यूनिसेफ के मुताबिक दक्षिण एशिया में 29 करोड़ बाल दुल्हनें हैं और यह संख्या वैश्विक संख्या के 45 प्रतिशत के बराबर है. संस्था ने बाल विवाह का अंत करने के लिए और कोशिशों की मांग की है. दक्षिण एशिया के लिए संगठन की रीजनल डायरेक्टर नोआला स्किनर ने कहा, "दक्षिण एशिया के ऊपर दुनिया में होने वाले बाल विवाहों का सबसे ज्यादा बोझ होना दुखदायक है."
उन्होंने आगे कहा, "बाल विवाह लड़कियों को शिक्षा से दूर कर देता है, उनके स्वास्थ्य और सुख को खतरे में डालता है और उनके भविष्य से समझौता करता है. एक भी लड़की की बचपन में शादी नहीं होनी चाहिए." संस्था द्वारा कराए गए एक नए अध्ययन के लिए बांग्लादेश, भारत और नेपाल में 16 स्थानों पर लोगों से बातचीत की गई.
बातचीत से सामने आया कि कोविड तालाबंदी के दौरान बच्चियों के लिए पढ़ने के विकल्प सीमित थे, ऐसे में कई माता-पिता को अपनी बेटियों के लिए शादी ही सबसे अच्छा विकल्प लगा. नेपाल में महिलाओं के लिए शादी की कानूनी उम्र 20 है, भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश में 18 और अफगानिस्तान में 16 है.
संभावित समाधान
पाकिस्तान में भी 16 है, सिवाय सिंध राज्य के जहां न्यूनतम उम्र 18 है. अध्ययन में यह भी पता चला कि महामारी के दौरान परिवारों पर वित्तीय दबाव इतना बढ़ गया था कि घर का खर्च कम करने के लिए बेटियों की कच्ची उम्र में शादी कर देना ही बेहतर लगा.
संस्था ने कहा कि बातचीत में जो संभावित समाधान निकल कर आए उनमें शामिल हैं - गरीबी के मुकाबले के लिए सामाजिक सुरक्षा के कदम उठाना, हर बच्चे के शिक्षा के अधिकार की रक्षा करना, कानून के पालन को सुनिश्चित करने के लिए ढांचा बनाना और सामाजिक रीतियों को संबोधित करने की और कोशिश करना.
संयुक्त राष्ट्र पॉप्युलेशन फंड में एशिया-पैसिफिक की रीजनल डायरेक्टर ब्योर्न एंडरसन कहती हैं, "हमें शिक्षा के जरिए लड़कियों को सशक्त करने के लिए साझेदारियों को मजबूत करना चाहिए. इस शिक्षा में व्यापक यौन शिक्षा भी शामिल है. साथ ही हमें लड़कियों को स्किल सिखाने चाहिए और समुदायों को एक साथ आ कर गहरी जड़ों वाली इस प्रथा को बंद करने के लिए सहारा देना चाहिए."
सीके/एए (रॉयटर्स)