दक्षिण कोरियाई वैज्ञानिकों ने बनाया आयरन मैन जैसा रोबोट
२५ दिसम्बर २०२४दक्षिण कोरिया के डेजॉन में शोधकर्ताओं ने एक हल्का पहनने योग्य रोबोट बनाया है. यह रोबोट पैराप्लेजिक (जो चल नहीं सकते) लोगों के पास जाकर खुद को उनके शरीर से जोड़ लेता है. इसके बाद यह उन्हें चलने, रुकावटों को पार करने और सीढ़ियां चढ़ने में मदद करता है.
कोरिया एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (केएआईएसटी) की एक्सोस्केलेटन लैब की टीम ने यह रोबोट विकसित किया है. टीम का कहना है कि उनका उद्देश्य है कि यह रोबोट दिव्यांग लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन सके.
टीम के सदस्य किम सुंग-ह्वान खुद पैराप्लेजिक हैं. उन्होंने इस रोबोट को पहनकर दिखाया. उन्होंने इस प्रोटोटाइप की मदद से 3.2 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलकर दिखाया. उन्होंने सीढ़ियां चढ़ीं और दाएं-बाएं चलते हुए एक बेंच पर जाकर बैठे.
किम ने बताया, "यह रोबोट मेरे पास आ सकता है, भले ही मैं व्हीलचेयर पर बैठा हूं. इसे पहनकर मैं खड़ा हो सकता हूं. यही इसकी सबसे अनोखी बात है."
'आयरन मैन' से मिली प्रेरणा
इस रोबोट का नाम वॉकऑन सूट एफ1 रखा गया है. यह एल्यूमीनियम और टाइटेनियम से बना है और इसका वजन सिर्फ 50 किलोग्राम है. इसमें 12 इलेक्ट्रॉनिक मोटर हैं, जो इंसानी जोड़ों की हरकतों को चलने के दौरान दोहराती हैं.
रोबोट लगातार उन्नत होते जा रहे हैं. हाल ही में जापानी वैज्ञानिकों ने ऐसा रोबोट बनाया था, जो मुस्कुरा सकता है. दक्षिण कोरियई वैज्ञानिकों को एफ1 बनाने की प्रेरणा फिल्म आयरन मैन से मिली, जिसमें रोबोटिक सूट खुद ब खुद शरीर पर लग जाता है.
टीम के एक अन्य सदस्य पार्क जोंग-सु ने कहा, "आयरन मैन फिल्म देखने के बाद मुझे लगा कि ऐसा रोबोट असल जिंदगी में भी लोगों की मदद कर सकता है."
इस रोबोट में सेंसर लगे हैं, जो उसके तलवों और ऊपरी शरीर में 1,000 सिग्नल प्रति सेकंड रिकॉर्ड करते हैं. ये सेंसर उपयोगकर्ता के संतुलन को बनाए रखने और उनकी हरकतों को समझने में मदद करते हैं.
रोबोट ने दिलाया गोल्ड मेडल
पार्क ने बताया कि रोबोट में आगे की तरफ लेंस लगे हैं, जो उसकी आंखों की तरह काम करते हैं. ये लेंस सीढ़ियों की ऊंचाई और रुकावटों का विश्लेषण करते हैं. यह सुविधा उन लोगों के लिए है, जिनकी संवेदना पूरी तरह से खत्म हो चुकी है.
किम सुंग-ह्वान ने वॉकऑन सूट एफ1 पहनकर साइबाथलॉन 2024 में गोल्ड मेडल जीता. यह प्रतियोगिता सहायक रोबोटों की श्रेणियों में दिव्यांग डेवलपर्स के लिए आयोजित की गई थी.
किम ने कहा, "मैं अपने बेटे को यह बताना चाहता था कि मैं भी कभी चल सकता था. मैं उसके साथ ढेर सारे अनुभव साझा करना चाहता हूं."
वीके/एए (रॉयटर्स)