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राजनीतिदक्षिण कोरिया

उत्तर कोरिया के साथ बंटवारे के "जख्म भरेंगे" ली जेइ म्यूंग

४ जून २०२५

दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति ली जेइ म्यूंग ने परमाणु ताकत वाले पड़ोसी उत्तर कोरिया के साथ बातचीत करने और "जख्मों को भरने" के संकल्प के साथ बुधवार को सत्ता संभाली.

 शपथ ग्रहण के बाद भाषण देते ली जे म्यूंग
ली जे म्यूंग ने कहा है कि वह उत्तर कोरिया के साथ बातचीत करेंगेतस्वीर: ANTHONY WALLACE/Pool via REUTERS

अपने पूर्ववर्ती युन सुक योल के लगाए मार्शल लॉ की वजह से समय से पहले हुए चुनावों में म्यूंग ने जबर्दस्त जीत हासिल की है. म्यूंग को कुल 49.4 फीसदी जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी और युन सुक योल की रुढ़िवादी पार्टी के नेता किम मून सू को सिर्फ 41.2 फीसदी वोट मिले. किम ने हार मान ली है और इसके लिए पार्टी की अंदरूनी लड़ाई को जिम्मेदार बताया है. इसके अलावा एक तीसरे उम्मीदवार की वजह से भी रुढ़िवादी वोटों में बंटवारा हुआ और म्यूंग की जीत आसान हो गई.

अर्थव्यवस्था की चिंता

बुधवार को वोटों की गिनती पूरी होने और नतीजे की पुष्टि के साथ ही उनका कार्यकाल शुरू हो गया. राष्ट्रपति बनने के साथ ही उन्होंने सावधान किया है, "बढ़ता संरक्षणवाद और सप्लाई चेन में फेरबदल" एशिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए अस्तित्व का संकट बन सकता है. देश की अर्थव्यवस्था मोटे तौर पर निर्यात पर निर्भर है और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की कारोबारी नीतियों से जिन देशों की नींद उड़ी हुई है, उनमें दक्षिण कोरिया भी शामिल है.

ली जे म्यूंग ने एक सादे समारोह में राष्ट्रपति का कार्यभार संभालातस्वीर: ANTHONY WALLACE/Pool via REUTERS

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग के लिए लाखों याचिकाएं

यह महज संयोग ही है कि जिस दिन दक्षिण कोरिया में ली जेई म्यूंग ने सत्ता संभाली है उसी दिन ट्रंप के आदेश पर अमेरिका ने स्टील और अल्युमिनियम पर आयात शुल्क दोगुना बढ़ा कर 50 फीसदी कर दिया है. हालांकि बाजार ने म्यूंग के राष्ट्पति बनने के बाद सकारात्मक रुख दिखाया है और कोरियाई शेयर बाजारों में बुधवार को तेजी दिखी.

बुधवार को म्यूंग ने उसी नेशनल असेंबली में शपथ लिया जहां योल ने सेना तैनात कर देश में मार्शल लॉ लगा दिया था. शपथ ग्रहण समारोह भी बहुत सादा था, हमेशा की तरह वहां हजारों लोगों की बजाय महज कुछ सौ लोगों की ही बुलाया गया था.

उत्तर कोरिया से बातचीत

म्यूंग ने दक्षिण कोरिया के शीर्ष सैन्य कमांडर से बात की और औपचारिक रूप से देश की सशस्त्र सेना की कमान अपने हाथ में ले ली. उन्होंने सेना से आग्रह किया है कि वो उत्तर कोरिया के उकसावों के लिए अपनी "तैयारी" बरकरार रखें. हालांकि उन्होंने अपने पहले बयान में कहा कि वह उत्तर कोरिया से बातचीत के लिए तैयार हैं. म्यूंग ने कहा, "हम बंटवारे और युद्ध के घावों को भरेंगे और शांति और समृद्धि वाला भविष्य बनाएंगे. चाहे यह जितनी भी महंगी हो शांति युद्ध से बेहतर है." उन्होंने कहा कि देश "उत्तर कोरिया के परमाणु और सैन्य उकसावों का सामना करेगा साथ ही बातचीत के रास्ते खोलेगा और कोरियाई प्रायद्वीप में बातचीत और सहयोग के रास्ते शांति कायम करने पर काम करेगा."

ली जे म्यूंग ने एक सादे समारोह में राष्ट्रपति का कार्यभार संभालातस्वीर: ANTHONY WALLACE/Pool via REUTERS

दक्षिण कोरिया में कार्यवाहक राष्ट्रपति भी महाभियोग के जरिए निलंबित

म्यूंग का उत्तर कोरिया के बारे में दिया बयान उनके पूर्ववर्ती के रुख से अलग बताया जा रहा है क्योंकि उन्होंन बातचीत के लिए पहले से कोई शर्त नहीं रखी है. कोरिया इंस्टिट्यूट फॉर नेशनल यूनिफिकेशन के वरिष्ठ समीक्षक होंग मिन का कहना है, "यह बातचीत के जरिए असहमतियों को सुलझाने" का संकेत है, "अभी यह देखना बाकी है कि उत्तर कोरिया इस पर क्या जवाब देता है लेकिन यह ध्यान देने की बात है कि ली ने साफ तौर पर यह संकेत दिया है कि उत्तर कोरिया को लेकर उनका रुख अलग है." 

अमेरिकाऔर चीन समेत कई देशों ने म्यूंग के राष्ट्रपति बनने पर उन्हें बधाई दी है और उनके साथ मिल कर काम करने की इच्छा जताई है. म्यूंग ने ऐसे समय में सत्ता संभाली है जब संसद में उनकी पार्टी के पास पहले से ही बहुमत है. ऐसे में अगले तीन साल तक अपने एजेंडे को लागू करवाने में उनके सामने कोई दिक्कत पेश आने की उम्मीद नहीं है.

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