भारत ने कहा, उसकी है ऑस्ट्रेलिया में मिली अनोखी चीज
१ अगस्त २०२३
भारत ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि ऑस्ट्रेलिया में एक बीच पर मिली अनोखी चीज दरअसल उसके रॉकेट का ही एक टुकड़ा था.
विज्ञापन
भारत ने माना है कि वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में एक समुद्र तट पर मिली धातु की विशाल चीज उसके एक रॉकेट से टूट कर गिरा एक टुकड़ा था. यह विशालकाय चीज जुलाई में पर्थ शहर से करीब 250 किलोमीटर उत्तर में एक समुद्र तट पर मिला था. इस अनजान चीज को देखकर लोगों में खासा कौतुहल पैदा हो गया था क्योंकि उस वक्त कोई यह बताने की स्थिति में नहीं था कि यह चीज क्या है और कहां से आयी.
भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ने बीबीसी को बताया कि यह चीज पोलर सैटलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) रॉकेट का टुकड़ा था. बीबीसी ने इसरो के प्रवक्ता सुधीर कुमार के हवाले से लिखा है कि इस टुकड़े का क्या करना है, यह पूरी तरह ऑस्ट्रेलिया पर निर्भर है.
बुधवार को ही ऑस्ट्रेलियन स्पेस एजेंसी (एएसए) ने कहा था कि धातु का यह विशाल गोला पीएसएलवी रॉकेट का टुकड़ा हो सकता है, जो भारत अपने उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए इस्तेमाल करता है.
अब क्या होगा?
आमतौर पर जब अंतरिक्ष एजेंसियां रॉकेट छोड़ती हैं तो इस तरह से योजना बनायी जाती है कि उनके टुकड़े समुद्र में गिरें ताकि जान या माल का कोई नुकसान ना हो. लेकिन बहुत बार ऐसा होता है कि ये टुकड़े जमीन पर भी गिरते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इन टुकड़ों को पहचानना मुश्किल नहीं होना चाहिए क्योंकि अक्सर पुर्जों पर सीरियल नंबर लिखे होते हैं, जिनसे उनके मूल देश का पता लगाया जा सकता है.
एएसए ने कहा है कि वह भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के साथ मिलकर पीएसएलवी के टुकड़े के भविष्य को लेकर विचार कर रही है ताकि "संयुक्त राष्ट्र की अंतरिक्ष संधि के तहत तय जिम्मेदारियों के अनुसार अगले कदम” उठाये जा सकें.
ईसाई धर्म से जुड़ी "बड़ी खोज"
इस्राएली पुरातत्वविदों ने एक रोमन जहाज के मलबे से कई प्राचीन और मूल्यवान कलाकृतियों को खोजा है. इनमें ईसाई 'गुड शेफर्ड' या पवित्र चरवाहे की अंगूठी भी शामिल है.
तस्वीर: Ariel Schalit/AP Photo/picture alliance
प्राचीन अंगूठी
रोमन जहाज से पुरातत्वविदों को 'गुड शेफर्ड' की अंगूठी मिली है, जो सबसे पुराने ईसाई प्रतीकों में से एक है.
तस्वीर: Debbie Hill/UPI/newscom/picture alliance
चांदी के सिक्के
इन प्राचीन चीजों को येरुशलम के एंटीक्विटीज अथॉरिटी में प्रदर्शनी के लिए रखा गया है. रोमन और मामलुक काल के कैसरिया के तट पर दो जहाजों के मलबे में कई पुरातत्व कलाकृतियां मिलीं हैं.
तस्वीर: Debbie Hill/UPI/newscom/picture alliance
1700 साल पुरानी अंगूठी
इस सोने की अंगूठी में हरा रत्न लगा है, जिस पर एक चरवाहे की आकृति बनी हुई है. आकृति में एक युवक अपने कंधों पर भेड़ ले जा रहा है. कहा जाता है कि यह अंगूठी ईसाई धर्म के औपचारिक रूप से संगठित होने से पहले रोमन काल में फैली ईसा मसीह का प्रतीक थी.
तस्वीर: Ariel Schalit/AP Photo/picture alliance
पूरा खजाना ही मिल गया
मलबे से सैकड़ों रोमन युग के चांदी और कांस्य के सिक्के बरामद किए गए हैं. जबकि 500 चांदी के सिक्के मामलुक साम्राज्य के हैं. रोमन साम्राज्य और मामलुक सल्तनत ने कई शताब्दियों तक पूर्वी भूमध्य सागर के बड़े क्षेत्रों पर शासन किया.
तस्वीर: Israel Antiquities Authority/ZUMA Press/picture alliance
कीमती पत्थर
इस्राएली डिपार्टमेंट ऑफ एंटिक्विटीज की हेलेना सोकोलोव के मुताबिक मलबा कैसरिया शहर में पाया गया, जो रोमन काल में क्षेत्रीय राजधानी और रोमन गतिविधि का केंद्र था. सिक्कों के अलावा, विशेषज्ञों को घंटियां, मिट्टी और धातु से बनी कई वस्तुएं और एक लंगर मिला.
तस्वीर: Israel Antiquities Authority/ZUMA Press/picture alliance
"असामान्य खोज"
इस्राएली डिपार्टमेंट ऑफ एंटिक्विटीज में सिक्का विभाग के प्रमुख रॉबर्ट कोल ने खोज को "असामान्य" बताया है. कोल के मुताबिक, "पत्थर पर खुदी हुई पवित्र चरवाहे की छवि ईसाई धर्म के शुरुआती निशानों में से एक है."
तस्वीर: Israel Antiquities Authority/ZUMA Press/picture alliance
6 तस्वीरें1 | 6
संयुक्त राष्ट्र के बाह्य अंतरिक्ष मामलों के विभाग के तहत यदि अंतरिक्ष से कोई चीज किसी देश में गिरती है तो उसकी जिम्मेदारी है कि उसे मूल देश को लौटाये. बहुत सारे देश इन टुकड़ों को वापस चाहते हैं ताकि अंतरिक्ष अभियान का विश्लेषण किया जा सके. हालांकि इस मामले में भारत को इस टुकड़े से कोई खास फायदा नहीं होना है, इसलिए उसे वापस लेने में उसकी दिलचस्पी ना होना जाहिर है.
विज्ञापन
ऑस्ट्रेलिया रखने को तैयार
उधर वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया राज्य की सरकार भी ऐसे संकेत दे चुकी है कि वह इस टुकड़े को अपने पास रखना चाहेगी. स्थानीय मीडिया से बातचीत में राज्य के मुख्यमंत्री रॉजर कुक ने कहा था कि इस टुकड़े को राज्य के संग्राहलय में उसी जगह रखा जा सकता है जहां नासा के स्काईलैब स्टेशन से गिरे टुकड़े रखे हैं. स्काईलैब से गिरे टुकड़े 1979 में मिले थे और उन्हें संग्राहलय में लोगों के देखने के लिए रखा गया है.
ऑस्ट्रेलिया के सार्वजनिक प्रसारक ने रिपोर्ट छापी थी कि कुछ लोग इसे पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए भी इस्तेमाल करना चाहते हैं. फिलहाल यह विशाल टुकड़ा एएसए के गोदाम में रखा गया. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पीएसएलवी का यह टुकड़ा इसरो के किस अभियान में प्रयोग किये गये रॉकेट से गिरा है और कितने दिन पानी में रहने के बाद समुद्र तट पर आया. यह कुछ हफ्तों से लेकर कुछ महीनों तक की अवधि हो सकती है.
ऑरोरा बोरिएलिस: आकाश में चमत्कार
ऑरोरा हर बार हमें मोहित कर लेती हैं. हाल ही में एक सौर तूफान ने दुनिया के ऐसे इलाकों में आकाश में रंगीन कलाकृतियां बिखेर दीं, जहां अमूमन इन्हें कम ही देखा जाता है. देखिए ऐसी ही कुछ इलाकों में ली गईं दुर्लभ तस्वीरें.
तस्वीर: SANKA VIDANAGAMA/AFP
हरी लालटेन
हाल ही में अमेरिकी राज्य वॉशिंगटन के वाश्टुकना कस्बे में रात को आसमान जहरीले हरे रंग का हो गया. रविवार 30 अप्रैल को अमेरिकी मौसम एजेंसी एनओएए ने सौर तूफान के बारे में आगाह किया था जो रात के आसमान में इस चित्रकारी का जिम्मेदार था. यूरोप और एशिया में भी कई स्थानों से ऑरोरा के देखे जाने की खबरें आईं.
तस्वीर: Ted S. Warren/AP Photo/picture alliance
रात को सूर्यास्त?
रात की ये घटनाएं ध्रुवीय इलाकों में असामान्य नहीं हैं, लेकिन जर्मन बॉल्टिक सागर के द्वीप यूजडोम पर ये एक यादगार नजारा बन गए. रात के आसमान में ये चमकीले रंग तब बनते हैं जब सौर हवाओं के बिजली से चार्ज हो चुके कण वायुमंडल की ऊपरी सतहों से टकराते हैं.
तस्वीर: Christian Grube/IMAGO
उत्तर में ही नहीं
यह दिलचस्प नजारा सिर्फ उत्तर में ही नहीं बल्कि धरती के दक्षिणी हिस्सों में भी देखा जाता है. तथाकथित उत्तरी रोशनी (ऑरोरा बोरिएलिस) के अलावा दक्षिणी रोशनी (ऑरोरा ऑस्ट्रालिस) भी होती है, जिसे ऑस्ट्रेलिया की एलेस्मेयर झील के पास ली गई इस तस्वीर में देखा जा सकता है.
तस्वीर: SANKA VIDANAGAMA/AFP/Getty Images
बर्लिन में प्रकाश प्रदूषण
बर्लिन में इन रंगों की बस एक झलक ही देखी जा सकी क्योंकि वहां प्रकाश प्रदूषण बहुत ज्यादा है. फिर भी आने वाले सालों में आपको आसमान की तरफ और ज्यादा देखना चाहिए क्योंकि विशेषज्ञों का कहना कि मौजूदा सौर चक्र 2024 और 2025 में अपनी चोटी पर पहुंचेगा और तब रोशनी फैलाने वाले इन कणों का विस्फोट बढ़ जाएगा.
तस्वीर: Jörg&Nicole Krauthöfer/IMAGO
जुड़े हुए मिथक
फिनलैंड में उत्तरी रोशनी असामान्य नहीं है. लेकिन जब तक इनके वैज्ञानिक कारण की खोज नहीं हुई थी तब तक इनके इर्द-गिर्द कई मिथक थे. स्कैंडिनेविया के मूल निवासी 'सामी' लोग इस रहस्यमयी रोशनी में बुरी किस्मत और आत्माएं देखते थे. इनके दिखाई देने पर वो बच्चों को घर से बाहर निकलने से मना कर देते थे और मौन हो कर तब तक इंतजार करते थे जब तक आत्माएं फिर से शांत नहीं हो जाती थीं.
तस्वीर: ALEXANDER KUZNETSOV/AFP
रात का इंद्रधनुष
इंग्लैंड के उत्तर-पूर्वी तट पर व्हिटली बे में सेंट मेरीज लाइटहाउस ऑरोरा बोरिएलिस के इंद्रधनुषीय रंगों के आगे चमक रहा है. रोशनी में हरे, लाल और कभी कभी बैंगनी से लेकर नीले रंग दिखाई देते हैं. रोशनी की तीव्रता में कमी की वजह से रंग हर किसी को अलग भी दिख सकते हैं. (उलरिके शुल्ज)
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि ऑस्ट्रेलिया में अंतरिक्षीय मलबे के टुकड़े गिरे हों. पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स राज्य में कई जगहों पर इलॉन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स के अंतरिक्ष अभियानों से मलबा गिरा था.