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आखिरकार बन सकेगी जर्मनी में सरकार

४ मार्च २०१८

जर्मनी की एसपीडी पार्टी ने चांसलर अंगेला मैर्केल की पार्टी के साथ गठबंधन डील को मंजूरी दे दी है. अगले दो हफ्ते में देश में नई सरकार बन सकेगी.

Deutschland Ergebnis des SPD-Mitgliedervotums
तस्वीर: Reuters/H. Hanschke

जर्मनी में 24 सितंबर को चुनाव हुए थे. देश के इतिहास में यह पहला मौका है जब सरकार बनते बनते लगभग छह महीने लग गए हैं. रविवार सुबह आखिरकार अनिश्चितता तब खत्म हुई जब सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ने अंगेला मैर्केल की सीडीयू-सीएसयू के साथ गठबंधन डील को मंजूरी दे दी. एसपीडी के लगभग साढ़े चार लाख सदस्यों में से 66 प्रतिशत ने गठबंधन डील के हक में वोट दिया, जबकि 34 प्रतिशत इसके खिलाफ रहे. पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष ओलाफ शॉल्त्स ने कहा, "यह एसपीडी के लिए आसान फैसला नहीं था."

इससे पहले सोमवार को मैर्केल की सीडीयू पार्टी ने गठबंधन डील को मंजूरी दी थी. हालांकि पार्टी में कई सदस्य इससे खुश नहीं दिखे. उनका मानना था कि मैर्केल ने डील में एसपीडी की बहुत सारी बातें मान ली हैं. दोनों पक्षों से मंजूरी मिल जाने के बाद डील पर अब मुहर लग सकती है और इसके बाद जर्मन संसद बुंडेसटाग मैर्केल को एक बार फिर चांसलर पद सौंपेगा. 14 मार्च को ऐसा होने की उम्मीद है.

अंगेला मैर्केल लगातार चौथी बार देश की चांसलर का पद संभालेंगी. सीडीयू पार्टी पहले ही नई कैबिनेट के मंत्रियों की घोषणा कर चुकी है. एसपीडी अब आने वाले दिनों में छह नामों की घोषणा करेगी. इनमें कौन कौन शामिल होगा, इसकी तो शॉल्त्स ने घोषणा नहीं की लेकिन उन्होंने यह बताया कि छह में से तीन महिला और तीन पुरुष मंत्री होंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि कैबिनेट में दोनों नए और पुराने चहरे देखने को मिलेंगे.

सितंबर में हुए चुनाव में मैर्केल की सीडीयू पार्टी भले ही सबसे बड़े दल के रूप में उभरी लेकिन उसे पिछले आम चुनाव की तुलना में करीब सात प्रतिशत कम वोट मिले. वहीं अति दक्षिणपंथी पार्टी अल्टरवेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) को चुनाव में इसका फायदा मिला. अब गठबंधन की घोषणा के बाद एएफडी ने इस फैसले को एसपीडी के लिए "विनाशकारी" बताया है. रविवार सुबह एएफडी ने अंगेला मैर्केल और एसपीडी की अध्यक्ष आंद्रेया नालेस के कार्टून के साथ ट्वीट किया, "हद से हद 2021 तक इसकी कीमत सामने आ जाएगी. तब तक हम जर्मनी की सबसे सशक्त विपक्षी पार्टी के रूप में नागरिकों के हित में काम करते रहेंगे." पार्टी ने इस कार्टून को शीर्षक दिया है, "जर्मनी के लिए और चार डरावने साल."

गठबंधन को लेकर अन्य पार्टियों ने भी निराशा जताई. हालांकि उनकी प्रतिक्रिआएं एएफडी के विपरीत सम्मानजनक रहीं. एफडीपी की निकोला बेयर ने ट्वीट किया, "एसपीडी ने वैसे ही वोट किया जैसी उम्मीद थी. उन्हें मैर्केल के साथ एक और गठबंधन में रह कर हाशिए पर चले जाने से ज्यादा डर नए चुनाव से था. मैर्केल की चिंताएं अब खत्म हुईं. वह अब भी चांसलर कार्यालय में बनी रह सकती हैं." वहीं वामपंथी दल की कात्या किपलिंग ने लिखा कि एसपीडी और सीडीयू एक बार फिर सरकार तो बना रहे हैं लेकिन इस बार वे कमजोर हो कर लौट रहे हैं. 

जर्मनी के इतिहास में हमेशा गठबंधन सरकारें ही बनती रही हैं. पिछली सरकार में भी सीडीयू और एसपीडी सहयोगी थे. लेकिन चुनाव आते आते दोनों दलों में मतभेद साफ दिखने लगे थे. एसपीडी ने सीडीयू के साथ ना रह कर, उसके खिलाफ खड़े होने का फैसला किया था. चुनाव के बाद मैर्केल की सीडीयू पार्टी की अन्य दलों के साथ गठबंधन बनाने की कोशिशें नाकाम रहीं. अगर इस बार एसपीडी साथ नहीं देती, तो संभवतः देश में नए चुनाव एकमात्र विकल्प रहता. अंगेला मैर्केल साल 2005 से चांसलर के पद पर बनी हुई हैं. माना जा रहा है कि यह उनका आखिरी कार्यकाल होगा. 

जेफरसन चेस/आईबी

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