श्रीलंका: कार्यवाहक राष्ट्रपति ने आपातकाल लागू किया
१८ जुलाई २०२२![Sri Lanka | Protest gegen Interims Präsident Ranil Wickremesinghe](https://static.dw.com/image/62502465_800.webp)
रविवार देर रात जारी एक आधिकारिक नोटिस के मुताबिक, कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने एक बार फिर श्रीलंका में आपातकाल की स्थिति लागू कर दी है. श्रीलंका में बीते कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शनों और सामाजिक अशांति को खत्म करने के लिए आपातकाल की घोषणा की गई है. आपातकालीन घोषणा में कहा गया है, "सार्वजनिक सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था के संरक्षण और समुदाय के जीवन के लिए आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की बहाली के हित में यह उचित है."
श्रीलंका पिछले कई महीनों से गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. देश भोजन, ईंधन और दवा समेत अन्य आवश्यक चीजों की भारी कमी जैसी समस्याओं से जूझ रहा है. इन्हीं कारणों से देश में अभी भी अशांति का माहौल है.
महंगाई और जरूरी चीजों की कमी के कारण जनता सड़क पर उतर आई थी और राजनीतिक नेतृत्व के खिलाफ इस तरह के सार्वजनिक गुस्से और आक्रोश का कारण बना कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को परिणामस्वरूप देश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा. पिछले हफ्ते देश छोड़कर भागने के बाद उन्होंने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था जिसे पिछले शुक्रवार को स्वीकार कर लिया गया. शुक्रवार को विक्रमसिंघे ने अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी.
गोटाबाया का इस्तीफा, 20 जुलाई को श्रीलंका को मिलेगा नया राष्ट्रपति
नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने के लिए शनिवार को श्रीलंका की संसद बुलाई गई, जबकि संकटग्रस्त देश के लिए ईंधन की एक खेप पहुंची, जिससे कुछ राहत मिली. श्रीलंका ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बेलआउट पैकेज के लिए धन की अपील की है, लेकिन देश में राजनीतिक उथल-पुथल के कारण पैकेज पर बातचीत में देरी हो रही है.
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने जुलाई के पहले सप्ताह में संसद में सांसदों से कहा कि देश "दिवालिया" है और इसका गहरा असर कम से कम अगले साल के अंत तक रहेगा. उन्होंने कहा था कि संकट को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ बातचीत जारी है, लेकिन बेलआउट पैकेज पर बातचीत लेनदारों के साथ कर्ज पुनर्गठन योजना को अंतिम रूप देने पर निर्भर करती है, जो अगस्त तक संभव हो पाएगा.
एयरपोर्ट पर ड्रामे के बाद श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने देश छोड़ा
इस बीच देश के केंद्रीय बैंक के प्रमुख ने अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया है कि इस साल देश की अर्थव्यवस्था के छह फीसदी से ज्यादा सिकुड़ने की आशंका है.
पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे के देश से भाग जाने के बाद सड़कों पर विरोध प्रदर्शन थोड़ा कम हुआ है. इस महीने की शुरुआत में विरोध प्रदर्शनों के दौरान राष्ट्रपति आवास पर कब्जा कर लिया गया था और कुछ लोग अभी वहां डटे हुए हैं.
श्रीलंकाई संसद ने घोषणा की है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन मंगलवार को होंगे और श्रीलंका के नए राष्ट्रपति का चुनाव बुधवार को होगा.
एए/वीके (रॉयटर्स, एएफपी)