मिटे नहीं हैं सिंजार में बर्बादी के निशान
३१ जुलाई २०१८Sinjar still in ruins
दर दर यजीदी
दर दर यजीदी
इराक में रहने वाले शरणार्थियों के दिन मुश्किल होते जा रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार संस्था यूएनएचसीआर के मुताबिक इराक में विस्थापित लोगों की संख्या करीब 10 लाख है और इनमें से अधिकतर यजीदी हैं.
इराक में ही बेघर
अपने ही देश में दर बदर घूमने वाले इराकियों की संख्या करीब 10 लाख बताई जाती है. इनमें से अधिकतर लोग देश के उत्तरी इलाकों की ओर जा रहे हैं.
दरबदर
उत्तरी इराक में पहुंचे अधिकतर यजीदी हैं. सिंजर पहाड़ियों पर इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने जब हमला किया तो उनमें अधिकतर सुरक्षा के लिए उत्तरी शहरों में आ गए.
खुद की देखभाल
गैर सरकारी संगठनों और कुर्द इलाके की सरकार के लिए इतने सारे लोगों की व्यवस्था करना मुश्किल का काम है. जिन्हें शरणार्थी शिविरों में जगह नहीं मिली उन्हें बिना किसी मदद के ही अपनी देखभाल करनी है.
जगह नहीं
शरणार्थी शिविरों में कम जगह के कारण कई यजीदी आधी अधूरी बनी इमारतों, खाली घरों या स्कूली इमारतों में रह रहे हैं.
सिंजर नरसंहार
सिंजर इलाके के गांवों से भागना इतना आसान नहीं था. आईएस के लड़ाकों ने जब वहां हमला किया तो कई लोग मारे गए. इसे सिंजर नरसंहार के तौर पर दर्ज किया गया है.
घर से घर
इस अधूरी बनी इमारत में करीब 40 परिवार रहते हैं और सर्दियों में तापमान के गिरने के साथ ही इनका खुली हवा में रहना मुश्किल हो जाएगा.
उम्मीद
आंतरिक तौर पर विस्थापितों के लिए नये शरणार्थी शिविर बनाने का वादा किया गया है लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है.
भविष्य का सवाल
इस आपदा और संकट में कई यजीदी बच्चे भी घिर हुए हैं. उनका भविष्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक चिंता का विषय है.
बैग पैक करो
ताजा संकट से ये लोग जैसे तैसे उबरने की कोशिश कर ही रहे थे कि इमारत बनाने वालों ने यजीदियों को इमारतें खाली करने के लिए कह दिया है. उन्हें शरणार्थी शिविरों में जगह नहीं मिलने के कारण वह इन इमारतों में रहने को मजबूर हैं.
जड़ से उखड़े
कैमरे के सामने फोटो के लिये खड़ा युवक. सिंजर से भागे कई लोगों को अपने परिवार के बारे में कुछ पता नहीं, यह भी नहीं कि वे जिंदा भी हैं या नहीं.