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विज्ञानकेन्या

खुदाई में मिले प्राचीन औजार, रहस्य बने इस्तेमाल करने वाले

१० फ़रवरी २०२३

पुरातत्वेत्ताओं को केन्या में खुदाई में कुछ बेहद प्राचीन पत्थर के औजार मिले हैं. इन्हें कौन इस्तेमाल करता था, अभी यह रहस्य बना हुआ है. पहले अनुमान था कि मौजूदा इंसानों के ठीक पहले के पूर्वज ही ऐसे औजार बनाया करते थे.

शुरुआती मानव एक हाथ में पत्थर पकड़ते थे और उस पर दूसरे पत्थर से चोट करते थे. इस तरह वो पत्थर को पतला करते और किनारों को पैना बनाते थे. पत्थर और इन नुकीले फ्लैक्स की मदद से प्राचीन मानव कई तरह की चीजों को काट और तोड़ सकते थे (सांकेतिक तस्वीर)
शुरुआती मानव एक हाथ में पत्थर पकड़ते थे और उस पर दूसरे पत्थर से चोट करते थे. इस तरह वो पत्थर को पतला करते और किनारों को पैना बनाते थे. पत्थर और इन नुकीले फ्लैक्स की मदद से प्राचीन मानव कई तरह की चीजों को काट और तोड़ सकते थे (सांकेतिक तस्वीर)तस्वीर: Karen Carr/Smithsonian

केन्या में जिस जगह पर ताजा खोज हुई है, वहां औजारों के साथ दो बड़े दांतों के जीवाश्म भी मिले हैं. ये जीवाश्म मानवों के ही एक विलुप्त हो चुके रिश्तेदार पैरनथ्रोपस के हैं. यह जानकारी 9 फरवरी को साइंस जर्नल में छपी एक रिसर्च में दी गई है.

यह खोज उन साक्ष्यों का हिस्सा है, जिनसे पता चलता है कि हम इंसान जिस होमो वंशावली से सीधे तौर पर जुड़े हैं, वो औजार बनाने वाले पाषाण युग के अकेले जीव नहीं थे. स्मिथसोनियन्स ह्युमन ओरिजिन्स प्रोग्राम के निदेशक और इस शोध के लेखक रिक पॉट्स बताते हैं, "ये दांत एक हैरतअंगेज जासूसी कहानी के कथानक जैसे हैं. असली सवाल यह है कि औजार बनाने वाले ये शुरुआती जीव कौन थे?"

करीब 29 लाख साल पुराने हैं ये औजार

रिसर्च के मुताबिक, इस दौर में शुरुआती मानव मांस के लिए गैंडों का शिकार करने और उन्हें काटने में ये औजार इस्तेमाल करते थे. केन्या में इससे भी प्राचीन पत्थर के औजार मिल चुके हैं, जिनकी तारीख करीब 33 लाख साल पुरानी बताई जाती है. यह हमारे होमो पूर्वजों के अस्तित्व में आने से काफी पहले का दौर था. जर्मनी के माक्स प्लांक इंस्टीट्यूट फॉर इवॉल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी में पुरातत्वेत्ता शैनॉन मैकफेरॉन बताते हैं कि ये औजार कमोबेश ज्यादा सामान्य थे और अब तक केवल एक ही जगह पर बरामद हुए हैं.

हालिया खोज उस विस्तृत परंपरा से मेल खाती है, जिसे ओल्डोवान टूलकिट कहा जाता है. इसी तरह के औजार पूरे अफ्रीका समेत कुछ और जगहों पर मिले हैं. रिक पॉट्स बताते हैं कि ये ओल्डोवान टूलकिट के औजार प्रागैतिहासिक काल से करीब 10 लाख साल पहले के दौर के हैं.

पत्थरों के औजार इस्तेमाल करने का तरीका

स्टोन एज इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियाना की एंथ्रोपोलॉजिस्ट कैथी शिक बताती हैं कि शुरुआती मानव एक हाथ में पत्थर पकड़ते थे और उस पर दूसरे पत्थर से चोट करते थे. इस तरह वो पत्थर को पतला करते और किनारों को पैना बनाते थे. पत्थर और इन नुकीले फ्लैक्स की मदद से प्राचीन मानव कई तरह की चीजों को काट और तोड़ सकते थे. मुमकिन है कि केन्या की साइट पर मिले औजार सबसे प्राचीन ओल्डोवान टूलकिट का हिस्सा हों. इनसे संकेत मिलता है कि ये औजार एक बहुत खास प्रयोजन में उनकी मदद करते थे, वो था खाना.

यह खोज लेक विक्टोरिया के किनारे एक हरी-भरी पहाड़ी जगह न्यायंगा में हुई है. यहां 2015 में खुदाई शुरू हुई थी. अब तक शोधकर्ताओं को कई तरह के पुरावशेष, शिल्पकृतियां और जानवरों की हड्डियां मिल चुकी हैं. गैंडे की हड्डियों पर मिले चीरने-प्रहार करने के कई निशान मिले हैं. इनसे संकेत मिलता है कि उन्हें मांस के लिए काटा गया था. शुरुआती मानव इस मांस को कच्चा खाते होंगे. शोधकर्ताओं का मानना है कि शुरुआती मानव अपने औजारों से ऐंटिलोप्स की हड्डियां तोड़कर वसायुक्त मज्जा खाते होंगे. वो पौधों की जड़ों के सख्त बाहरी छिलके उतारने के लिए औजारों की मदद लेते होंगे.

शोध के मुख्य लेखक और न्यूयॉर्क सिटी यूनिवर्सिटी स्थित क्वीन्स कॉलेज के एंथ्रोपोलॉजिस्ट थॉमस प्लमर बताते हैं, "इतने शुरुआती दौर में भी पत्थर के औजारों की मदद से वो वातावरण से कई सारे संसाधन ले पाते थे. अगर आप गैंडे को काट सकते हैं, तो आप कमोबेश किसी भी चीज को काट सकते हैं."

मुश्किल है रहस्य सुलझाना

प्लमर बताते हैं कि पहले यह मानना आसान था कि हमारे एकदम सीध के पूर्वज ही इन औजारों का इस्तेमाल करते थे. मगर अब जो दांत मिले हैं, उन्हें देखते हुए यह संभावना खारिज नहीं की जा सकती कि बाकी शुरुआती मानव भी अपने-अपने औजार बनाया करते होंगे. इनमें हमारे विलुप्त हो चुके रिश्तेदार पैरनथ्रोपस भी शामिल हैं, जिनके पास बड़े दांत और छोटे दिमाग थे. 

हालांकि इन औजारों को कौन इस्तेमाल करता था, इस रहस्य को सुलझाना मुश्किल होगा. क्योंकि हम ठोस तौर पर नहीं कह सकते कि ये औजार पैरनथ्रोपस इस्तेमाल करते थे या वो बस संयोग से वहां मरे, जहां औजार मिले हैं. कैथी शिक कहती हैं, "जब हमें होमिनिन जीवाश्म पत्थर के औजारों के साथ मिलते हैं, तो हमेशा यह उलझन होती है कि यह खाना है या खाने वाला?"

एसएम/आरपी (एएफपी)

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