भारत में सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश के खिलाफ अपील को सुनने से इनकार कर दिया है. गैरसरकारी संगठन सिटीजंस फॉर जस्टिस एंड पीस ने इस अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी.
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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें धर्म परिवर्तन और अंतरधार्मिक विवाह पर मध्य प्रदेश के धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी. शीर्ष अदालत ने अध्यादेश की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर रोक लगाते हुए कहा कि वह इस मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के विचार को देखना चाहेगा. मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील विशाल ठाकरे से कहा, "मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से संपर्क करें. हम हाईकोर्ट के विचार देखना चाहेंगे." इस पीठ में जस्टिस बोबडे के साथ जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम भी हैं.
सर्वोच्च अदालत की पीठ ने कहा कि उसने पहले ही इसी तरह के मामलों को हाईकोर्ट में वापस भेज दिया था. शीर्ष अदालत ने इससे पहले इसी मुद्दे को लेकर अन्य दलीलों पर भी सुनवाई करने से इनकार कर दिया था. याचिकाकर्ता की ओर से पेश की गई नवीनतम दलील के अनुसार, उत्तर प्रदेश द्वारा लव जिहाद के नाम पर बनाया गया इसी तरह का अध्यादेश (उत्तर प्रदेश निषेध धर्म परिवर्तन अध्यादेश 2020) व्यक्ति की निजता और पसंद की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है. अपील में कहा गया था कि इससे भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 19 (1) (ए) और 21 के तहत मिले मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है.
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मुस्लिम पुरुषों को परेशान किए जाने के आरोप
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी को अंतरधार्मिक विवाह के कारण होने वाले धर्मांतरण को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बनाए गए कानूनों को चुनौती देने वाली याचिका में हिमाचल प्रदेश और मध्यप्रदेश को पक्षकार बनाने की एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) को अनुमति दे दी थी. इसके साथ ही अदालत ने मुस्लिम निकाय जमीयत उलमा-ए-हिंद को भी मामले में एक पक्षकार बनने की अनुमति दी थी. मुस्लिम निकाय का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता एजाज मकबूल ने पीठ के समक्ष दलील दी कि देश के विभिन्न हिस्सों में बड़ी संख्या में मुस्लिम पुरुषों को इन कानूनों के तहत परेशान किया जा रहा है.
पिछले महीने शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विवादास्पद कानूनों की जांच करने पर सहमति व्यक्त की थी, जिसका उद्देश्य अंर्तजातीय विवाह के कारण धर्म परिवर्तन को विनियमित करना था. शीर्ष अदालत ने इन कानूनों को रोकने से इनकार कर दिया था और मामले में राज्य सरकारों से जवाब मांगा था. अधिवक्ता विशाल ठाकरे, गैरसरकारी संगठन सिटीजंस फॉर जस्टिस एंड पीस और अन्य ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 और उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है.
नागरिकों की व्यक्तिगत पसंद पर हमला
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि ये अध्यादेश नागरिकों के व्यक्तिगत पसंद और स्वतंत्रता पर हमला हैं. उनका कहना है कि अंतरधार्मिक विवाहों के पीछे किसी विदेशी साजिश के सबूत नहीं हैं. याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना है कि राज्यों में इस मुद्दे पर अध्यादेश जारी करने की कोई फौरी जरूरत नहीं थी. लव जिहाद पर सरकार के पास कोई आंकड़ा नहीं है, इसलिए इस अध्यादेश लाने की स्थिति नहीं थी.
उत्तर प्रदेश का विवादास्पद अध्यादेश न केवल अंतरधार्मिक विवाहों से जुड़ा हुआ है, बल्कि सभी धर्मांतरणों और ऐसे किसी भी व्यक्ति के लिए विस्तृत प्रक्रियाओं का पालन निर्धारित करता है, जो किसी अन्य धर्म में शामिल होने की इच्छा रखते हैं. जमीयत उलमा-ए-हिंद ने अपने आवेदन में मुस्लिम युवाओं के मौलिक अधिकारों का मुद्दा उठाया है, जिन्हें कथित तौर पर अध्यादेश का इस्तेमाल करके निशाना बनाया जा रहा है.
लव जिहाद जैसे जुमले भी भले ही सियासत में उछाले जाते हों, लेकिन अंतर धार्मिक शादियां धर्मों के बीच बढ़ रही दूरी को पाटने का एक अच्छा तरीका है. चलिए डालते नजर कुछ ऐसी ही जोड़ियों पर.
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शाहरुख खान-गौरी खान
बॉलीवुड के किंग कहे जाने वाले शाहरुख खान ने पंजाबी परिवार में जन्मी गौरी छिब्बर से 1991 में शादी की, जिसके बाद वह गौरी खान बन गईं. दोनों के तीन बच्चे हैं.
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ऋतिक रोशन-सुजैन खान
अभिनेता ऋतिक रोशन और सुजैन खान ने 2000 में शादी की. लेकिन 2014 में दोनों नो अलग होने का फैसला किया. सुजैन खान अभिनेता संजय खान की बेटी हैं. यहां उन्हें अभिनेत्री पूजा हेगड़े के साथ देखा जा सकता है.
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सलमान खान का परिवार
सलमान खान ने तो अब तक शादी नहीं की है. लेकिन उनके परिवार में कई शादियां ऐसी हैं जिनमें अलग अलग धर्म के लोग मिले. इसमें सलीम खान-सुशीला चरक, हेलेन, अलवीरा-अतुल अग्निहोत्री, अरबाज-मलाइका, सोहेल खान-सीमा सचदेव जैसी कई जोड़ियां शामिल हैं.
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सैफ अली खान-अमृता सिंह-करीना कपूर
अभिनेता सैफ अली खान और अमृता सिंह की शादी लगभग 13 साल चली. 2004 में वे अलग हो गए. इसके बाद उन्होंने 2012 में करीना कपूर से शादी की.
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इमरान हाशमी-परवीन साहनी
बॉलीवुड में अपने किसिंग सीन के लिए मशहूर इमरान हाश्मी ने 2006 में परवीन साहनी से शादी की. यह तस्वीर "डर्टी पिक्चर" की प्रमोशन के वक्त है जिसमें वह अभिनेत्री विद्या बालन के साथ दिख रहे हैं.
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मुमताज-मयूर माधवानी
गुजरे जमाने की सबसे हिट अभिनेत्रियों में से एक मुमताज का संबंध एक मुस्लिम परिवार से रहा है. 1974 में उन्होंने कारोबारी मयूर माधवानी से शादी कर अपना घर बसाया.
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नरगिस दत्त-सुनील दत्त
नरगिस का नाम पहले फातिमा राशिद था. पर्दे पर तो उनकी जोड़ी राजकपूर के साथ हिट थी लेकिन असल जिंदगी में उन्होंने सुनील दत्त को अपना हमसफर बनाया.
हरफनमौला गायक और अभिनेता किशोर कुमार ने मशहूर अभिनेत्री मधुबाला से शादी की. मधुबाला का नाम पहले मुमताज जहान देहलवी था और उन्हें हिंदी सिनेमा की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में गिना जाता है. मुगले आजम में अनारकली के किरदार में उन्होंने बखूबी जान डाली.
साठ और सत्तर के दशक की ग्लैमरस अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने भी भारतीय क्रिकेट के कप्तान मंसूर अली खान पटौदी को अपने जीवन साथी के रूप में चुना. पटौदी ने 70 साल की उम्र में 2011 में दुनिया को अलविदा कह दिया.
अपनी मुस्कान और शानदार अभिनय के लिए मशहूर वहीदा रहमान ने 1974 में अभिनेता शशि रेखी से शादी की जो बतौर अभिनेता कमलजीत के नाम से जाने जाते थे. लंबी बीमारी के बाद 2000 में उनके पति का निधन हो गया.
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उस्ताद अमजद अली खान- शुभालक्ष्मी
सरोद के सुरों से जादू करने वाले उस्ताद अमजद अली खान ने 1976 में भारतनाट्यम नृत्यांगना शुभलक्ष्मी बरुआ से शादी की. उनके दो बेटे अमान और अयान भी सरोद बजाते हैं.
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जरीना वहाब-आदित्य पंचोली
1980 के दशक की एक जानी मानी अभिनेत्री जरीना वहाब ने फिल्म अभिनेता आदित्य पंचोली के साथ विवाह रचाया. उनके बेटे सूरज पंचोली ने हीरो के साथ बॉलीवुड में कदम रखा.
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फराह खान-शिरीष कुंदर
कोरियोग्राफर से निर्देशन में उतरीं फराह खान ने 2004 में शिरीष कुंदर से शादी की. अपने बयानों से कई विवादों में रहे कुंदर की मुलाकात फराह से उनकी फिल्म मैं हूं ना पर काम करने के दौरान हुई.
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सुनील शेट्टी-माना शेट्टी
अभिनेता सुनील शेट्टी की पत्नी माना शेट्टी मुस्लिम पिता और हिंदू मां की संतान हैं. शादी से पहले उनका नाम माना कादरी था. 1991 में दोनों एक दूसरे के हो गए.
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मनोज बाजपेयी-शबाना रजा
सत्या, शूल, कौन, वीर-जारा, अलीगढ़ और राजनीति जैसी फिल्मों में अपने जौहर दिखाने वाले अभिनेता मनोज बाजपेयी ने 2006 में शबाना रजा से शादी की, जिसके बाद उन्होंने अपना नाम नेहा रख लिया.
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सचिन पायलट-सारा पायलट
कांग्रेस के युवा नेता सचिन पायलट की पत्नी का नाम सारा पायलट हैं. सारा कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला की बेटी हैं. दोनों के दो बेटे आरान और विहान हैं.
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उमर अब्दुल्ला-पायल नाथ
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने 1994 में पायल नाथ से शादी की. लेकिन 2011 में वे अलग हो गए.
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मुख्तार अब्बास नकवी-सीमा नकवी
मुख्तार अब्बास नकवी बीजेपी नेता और पार्टी का एक अहम मुस्लिम चेहरा हैं. उनकी पत्नी का नाम सीमा नकवी है, जिनका संबंध एक हिंदू परिवार से रहा है.
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जहीर खान-सागरिका घटके
मशहूर क्रिकेटर जहीर खान ने अभिनेत्री सागरिका घटके के साथ शादी की है. सागरिका घटके चक दे, रश और जी भर के जी ले जैसी कई फिल्मों में काम कर चुकी हैं.