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राजनीतिस्वीडन

स्वीडन सरकार लाई 13 साल के दोषियों को जेल भेजने का प्रस्ताव

मरी जोसिलिन
६ नवम्बर २०२५

आपराधिक गैंग से जुड़ी हिंसा को कम करने के लिए स्वीडन अब अपराधिक जिम्मेदारी की न्यूनतम आयु 13 साल करने की तैयारी कर रहा है. क्या बाकी यूरोपीय देश भी स्वीडन की राह पर चल सकते हैं?

DW Videostill | Teen gang Sweden
तस्वीर: DW

सितंबर में स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टरसन ने देश में आपराधिक जिम्मेदारी की न्यूनतम आयु को 15 वर्ष से घटाकर 13 वर्ष करने का प्रस्ताव पेश किया. हालांकि, यह कदम केवल गंभीर अपराधों जैसे हत्या और बम धमाकों के मामलों के लिए ही प्रस्तावित है.

स्वीडन में बढ़ती गैंग हिंसा को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. पुलिस का कहना है कि आपराधिक गिरोह जानबूझकर कम उम्र के युवाओं को अपने गिरोह में शामिल करते हैं, उन्हें गोलीबारी करने और हथियार पहुंचाने जैसे काम पर लगाते हैं. चूंकि, उन्हें भी पता है कि 15 साल से कम उम्र के किशोरों पर मुकदमा दायर नहीं किया जा सकता है.

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स्वीडन की सरकार ने पहले ही 15 से 17 वर्ष के किशोर अपराधियों के लिए स्वीडिश जेलों में विशेष सुधार इकाइयां बनाने की घोषणा की थी. लेकिन अब इस प्रस्ताव के तहत इस योजना को 13 से 14 साल के बच्चों के लिए भी लागू करने पर विचार किया जाएगा. स्वीडन के न्याय मंत्रालय के अनुसार, अगले साल की गर्मियों तक इन नाबालिगों को ऐसे विशेष सुधार केंद्रों में भेजने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.

स्वीडिश सरकार का मानना है कि इस बदलाव से गैंग अपराधों में इस्तेमाल हो रहे कानूनी लूपहोल को बंद किया जा सकेगा. हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों, बाल अधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि केवल अपराध की उम्र सीमा घटाने से ही अपराध बंद नहीं हो जाएंगे. साथ ही, यह कदम बच्चों के सुधार और पुनर्वास प्रक्रिया पर भी असर डाल सकता है.

यूरोपीय संघ के देशों में अलग-अलग नियम

यूरोप में अपराध की न्यूनतम उम्र देश-दर-देश अलग-अलग है. एक तरफ आयरलैंड में यह उम्र 10 साल है. तो दूसरी तरफ, पुर्तगाल और लक्जमबर्ग में 16 साल की आपराधिक उम्र तय है.

इस अंतर के बावजूद, यूरोपीय संघ के सभी देशों में 18 साल से कम उम्र वाले नाबालिग अपराधियों के लिए एक अलग न्याय प्रणाली ही है. जिसका मुख्य उद्देश्य सजा देना नहीं, बल्कि शिक्षा और सुधार पर ध्यान देना है. लेकिन हाल के वर्षों में युवाओं से जुड़े अपराधों पर बढ़ती राजनीतिक बहस के चलते सुरक्षा और सजा के बीच का यह अंतर धुंधला हो गया है.

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एक तरफ, फिनलैंड और पुर्तगाल जैसे देशों में अधिक ध्यान अब भी सामाजिक पुनर्वास पर दिया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ, स्वीडन और जर्मनी जैसे देश अब युवाओं के हिंसक अपराधों में शामिल होने के बढ़ते चलन के कारण कड़े नियमों की मांग कर रहे हैं.

जर्मनी में भी किशोरों पर सख्ती बढ़ाने का दबाव

जर्मनी में अपराध की न्यूनतम उम्र 14 साल तय की गई है. वहां, 14 से 17 वर्ष के अपराधियों पर किशोर न्यायालयों में मुकदमा चलाया जाता है. जहां पर उनके सुधार, सामुदायिक सेवा और परामर्श पर ध्यान दिया जाता है. जेल की सजा देना इन न्यायालयों का उद्देश्य नहीं होता है.

जर्मन चांसलर,  फ्रीडरिष मैर्त्स की रूढ़िवादी पार्टी, सीडीयू के कुछ सदस्य और अति-दक्षिणपंथी राजनेता बढ़ते किशोर अपराधों का हवाला देते हुए अपराध की उम्र सीमा को घटाकर 12 साल करने की मांग कर रहे हैं. चूंकि, संघीय अपराध आंकड़ों के अनुसार, 2024 में हिंसक अपराधों में शामिल नाबालिग संदिग्धों की संख्या 11.3 फीसदी बढ़ी है. हालांकि यह आंकड़ा अब भी 2000 के दशक की शुरुआत की तुलना में काफी कम है.

स्वीडन में 2025 में एक स्कूल में हुई पुलिस कार्रवाई की तस्वीरतस्वीर: Kicki Nilsson/TT/IMAGO

हालांकि, स्वीडन की तरह ही यहां भी बाल अधिकार कार्यकर्ता और कानूनी विशेषज्ञ उम्र सीमा को घटाने के पक्ष में नहीं हैं. उनका कहना है कि इस तरह का कदम उठाने से पहले इस पर शोध किया जाना चाहिए. ताकि पता चल सके कि इस तरह के कदम से क्या वास्तव में अपराधों में कमी आएगी. साथ ही, यह पता लगाना भी जरूरी है कि ऐसे फैसले का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है.

हालांकि, अब तक जर्मन सरकार ने इस दिशा में बदलाव करने की कोई विशेष इच्छा तो नहीं दिखाई है. वह लंबे समय से अपनी किशोर न्याय प्रणाली की नींव रही "सुधार पहले” की नीति पर आज भी कायम है. लेकिन यह बहस बार-बार उठती रही है. ऐसे में अब स्वीडन के इस कदम के बाद, जर्मनी के रूढ़िवादी नेताओं के लिए यह एक प्रेरणा जरूर बन सकता है.

आयरलैंड: पूरे यूरोप में अपराध की न्यूनतम उम्र सीमा सबसे कम

आयरलैंड में यूरोपीय संघ के सभी देशों के मुकाबले अपराध की न्यूनतम उम्र सबसे कम है. यहां, चिल्ड्रन एक्ट के तहत ज्यादातर मामलों में 12 साल की उम्र से ही बाल अपराधियों पर मुकदमा चलाया जा सकता है. लेकिन बलात्कार, हत्या या गैर-इरादतन हत्या जैसे गंभीर अपराधों के मामले में दस साल की उम्र से ही मुकदमा दायर किया जा सकता है.

आयरलैंड की पुलिस गार्डातस्वीर: Artur Widak/NurPhoto/picture alliance

हालांकि, यूनिसेफ और काउंसिल ऑफ यूरोप जैसी संस्थाएं इस नीति की आलोचना करती आई हैं. यह संस्थाएं आपराधिक मामलों के लिए कम से कम 14 साल की न्यूनतम उम्र रखने की सिफारिश करती हैं. आयरलैंड में भी कई सामाजिक संगठनों और कार्यकर्ताओं ने सरकार से यह सीमा बढ़ाने की मांग की है. उनका कहना है कि मौजूदा कानून, आधुनिक बाल संरक्षण मानकों के खिलाफ है.

लेकिन आयरलैंड सरकार अपने इस कानून के बचाव में कहती है कि देश में विशेष किशोर न्यायालय और डाइवर्जन प्रोग्राम हैं. जो सजा के बजाय शिक्षा और सुधारात्मक न्याय पर ध्यान देते हैं. लेकिन फिर भी, लगातार बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच, अब इस कानून की समीक्षा करने पर चर्चा चल रही है.

डेनमार्क ने क्यों बदला अपना रुख

इस मामले में डेनमार्क का अनुभव बाकी देशों के लिए एक चेतावनी जैसा है. 2010 में केंद्र-दक्षिणपंथी सरकार ने किशोर अपराध रोकने की कोशिश में अपराध की न्यूनतम उम्र 15 से घटाकर 14 साल कर दी थी. लेकिन महज दो साल बाद ही नई सरकार ने इस फैसले को पलट दिया. चूंकि, अध्ययनों में पाया गया कि इस फैसले के बावजूद 14 साल की उम्र के किशोरों में अपराध के मामलों में कोई कमी नहीं आई. बल्कि ऐसा भी देखा गया कि कम उम्र में जेल भेजने से दोबारा अपराध करने की संभावना अधिक बढ़ जाती है.

यूरोप के नीति-निर्माताओं के लिए यह सबक था कि कड़े कानून, राजनीतिक रूप से बेशक लोकप्रिय हो सकते हैं, लेकिन वह स्थायी समाधान नहीं हो सकते हैं.

पूरे यूरोपीय संघ में यह सवाल अब भी राजनीति का विषय है कि कितनी उम्र सजा देने के लिए सही उम्र हो सकती है. हालांकि, स्वीडन का प्रस्ताव युवाओं के अपराध पर सख्त रवैये की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने के लिए है. लेकिन 2025 में डेनमार्क में हुए एक अध्ययन में सामने आया है कि कम उम्र में अपराधी ठहराए जाना पुनर्वास को और अधिक कठिन बना देता है. अमेरिका में भी शोधकर्ताओं ने पाया कि कम उम्र में जेल भेजने से बच्चों के सकारात्मक विकास पर बुरा असर पड़ता है. साथ ही, इसके दीर्घकालिक प्रभाव भी काफी नकारात्मक हो सकते हैं.

अब, यूरोपीय देश अपराध से बचने और सुधार करने के बीच संतुलन तलाश रहे हैं. लेकिन असल चुनौती यह नहीं है कि अपराध की उम्र सीमा कितनी घटाई या बढ़ाई जाए. बल्कि यह है कि समाज कैसे कमजोर युवाओं और किशोरों को अपराध की राह पर जाने से रोक सकता है.

Editor's note: इस स्टोरी को 7 नवंबर को अपडेट किया गया ताकि साफ किया जा सके कि स्वीडन की सरकार अब तक आपराधिक जिम्मेदारी की आयु घटाने का केवल प्रस्ताव लाई है, इस समय तक इसके लागू होने की कोई निश्चितता नहीं है.

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