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राजनीतिसीरिया

सीरिया में असद सरकार के पतन के बाद 10 दिनों में क्या हुआ

१८ दिसम्बर २०२४

सत्ता पर कब्जे के बाद हयात तहरीर अल-शाम के सामने अब देश को संभालने की चुनौती है. असद की विदाई के बाद सीरिया में अब तक क्या हुआ? अंतरराष्ट्रीय बिरादरी नए नेतृत्व के साथ किस तरह पेश आ रही है?

दमिश्क की एक स्कूल में सीरिया का नया झंडा फहराने की तैयारी
सीरिया में अब जगह जगह विद्रोहियों का झंडा लगाया जा रहा हैतस्वीर: Ammar Awad/REUTERS

सीरिया में बशर अल-असद की सत्ता उखड़ने और देश की कमान इस्लामिक गुट हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) और सहयोगी विद्रोहियों के हाथ में जाने के बाद 10 दिन बीत गए हैं. पांच दशक से ज्यादा पुराना असद परिवार का शासन तो खत्म हो गया. अब आगे क्या होगा यह किसी को नहीं पता.

अब तक जो दिख रहा है उसमें प्रमुख यह है कि सीरिया के आम लोग रोजमर्रा की जिंदगी में लौट रहे हैं. दुकानें और बाजार खुल गए हैं, लोग अपने काम पर वापस आ रहे हैं. कई देशों की सरकारें एचटीएस के प्रतिनिधियों से संपर्क कर रही हैं और अलग-अलग देशों में रह रहे शरणार्थियों में वतन वापसी की उम्मीद जगी है. सबकी नजरें एचटीएस और उनके सहयोगी विद्रोहियों की गतिविधियों और घोषणाओं पर है.

इस्राएल ने सीरिया के इलाके में घुस कर कई हमले किए हैंतस्वीर: Omar Haj Kadour/AFP/Getty Images

एचटीएस की हथियारबंद शाखा बंद होगी

एचटीएस के सैन्य प्रमुख ने कहा है कि इस्लामिक गुट सबसे पहले अपनी हथियारबंद शाखा को भंग करेगा और उन्हें देश की सेना में शामिल कराएगा. समाचार एजेंसी एएफपी को दिए इंटरव्यू में सैन्य प्रमुख मुरहाफ अबू कसरा ने कहा, "सभी सैन्य ईकाइयों को इस संस्था में शामिल होना पड़ेगा."

कसरा ने कहा है कि कुर्द नियंत्रण वाले इलाकों को देश के नए नेतृत्व के अंदर लाया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनका गुट संघवाद को खारिज करता है, "सीरिया नहीं बंटेगा." अबू कसरा ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस्राएल की तरफ से बार-बार हो रहे हमलों और सीरिया के इलाके में घुसपैठ को गलत बताते हुए इसका समाधान ढूंढने की अपील की है.

सीरिया से असद सरकार की विदाई के बाद इस्राएल ने गोलन पहाड़ियों के इलाके में बफर जोन में अपनी सेना उतार दी है और वह सीरिया के इलाके में घुस आया है. इस्राएल का कहना है कि यह रक्षात्मक और अस्थायी कदम है. इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू पहली बार गोलन पहाड़ियों के सबसे ऊंचे ठिकाने माउंट हरमन पर भी गए हैं.

एचटीएस ने कहा है कि देश की मौजूदा संस्थाएं अपना काम करती रहेंगी. सीरिया के जातीय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का भी भरोसा दिया गया है.  एचटीएस ने असद के शासन में हुए अपराधों के लिए भी न्याय करने का वादा किया है, इनमें दसियों हजार लोगों का असद की जेलों से लापता होना भी शामिल है.

सत्ता परिवर्तन के बाद बुधवार को दमिश्क के हवाई अड्डे से पहले विमान ने उड़ान भरीतस्वीर: Omar Sanadiki/AP/dpa/picture alliance

दमिश्क से उड़ा पहला विमान

असद की विदाई के बाद बुधवार, 18 दिसंबर को दमिश्क के हवाई अड्डे से पहले विमान ने उड़ान भरी. यह विमान 43 यात्रियों को लेकर सीरिया के उत्तरी शहर अलेप्पो गया. यात्रियों में कई पत्रकार भी शामिल थे. असद की सेना और सुरक्षा बलों ने 8 दिसंबर को दमिश्क का हवाई अड्डा छोड़ दिया था.

संयुक्त राष्ट्र के विदेश दूत गेयर पेडर्सन ने चेतावनी दी है कि असद का शासन खत्म होने के बाद भी सीरिया में चला आ रहा संघर्ष "अभी खत्म नहीं हुआ है." उन्होंने उत्तर में तुर्की समर्थित और कुर्द गुटों के बीच चल रही जंग की ओर ध्यान दिलाया और उम्मीद जताई है कि सीरियाई कुर्दों के साथ कोई राजनीतिक समझौता होगा. हालांकि अमेरिका ने एलान किया है कि उसने इन दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम पर सहमति करा दी है जो इस हफ्ते के आखिर तक जारी रहेगी.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस बीच एक बयान जारी कर "समेकित और सीरियाई नेतृत्व वाले" राजनीतिक प्रक्रिया की मांग की है. इसमें कहा गया है कि यह प्रक्रिया, "सीरिया के सभी लोगों की उचित मांगों को पूरा करे, सब की रक्षा करे और उन्हें शांति, स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक तरीके से अपना भविष्य तय करने के योग्य बनाने वाली होनी चाहिए."

दमिश्क के पास डूमा के सैन्य ठिकाने में राहतकर्मियों को सामूहिक कब्रें भी मिली हैंतस्वीर: Ugur Yildirim/DIA/IMAGO

अब नहीं मिल रहे हैं जेलों में कैदी

तुर्की के राहतकर्मियों ने सीरिया की कुख्यात सैयदनाया जेल के कैदियों की खोज अब बंद कर दी है. वहां की गुप्त काल कोठरियों में अब कोई बाकी नहीं बचा है. दमिश्क के उत्तर में मौजूद यह जेल राष्ट्रपति असद के शासन में अधिकारों के दमन का प्रतीक बन गई थी. जेलों से रिहा हुए हजारों कैदी अब अपने परिवार के पास चले गए हैं. हालांकि दसियों हजार कैदियों का अब भी कोई पता नहीं चल सका है जिनके परिवार उनकी तलाश कर रहे हैं. 'सीरियन ऑब्जरवेट्री फॉर ह्युमन राइट्स' (एसओएचआर) के मुताबिक असद की जेलों और हिरासत केंद्रों में 2011 से अब तक एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.

अमेरिकी सरकार सीरिया के नए नेतृत्व से बातचीत शुरू कर चुकी है. इधर यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सुला फॉन डेयर लेयन ने कहा है कि संघ सीरिया के नए शासकों के साथ "सीधे संपर्क" को तेज करेगा. इधर फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने अपने डेलिगेशम दमिश्क भेजे हैं. इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा है कि उनका देश सीरिया के नए नेतृत्व के साथ संपर्क के लिए तैयार है लेकिन साथ ही उन्होंने "अत्यधिक सावधानी" बरतने का अनुरोध किया है. मेलोनी ने कहा है, "बातों के बाद काम भी होना चाहिए और हम सीरिया के नए प्रशासन को उनके काम के आधार पर परखेंगे."

एनआर/एए (एएफपी) 

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