सीरिया के सैनिकों ने किया विद्रोहियों के गढ़ पर कब्जा
१२ अप्रैल २०१८
रूस ने कहा है कि सीरिया के सरकारी सैनिकों ने विद्रोहियों के गढ़ पूर्वी गूटा पर फिर से कब्जा कर लिया है. इसमें डूमा भी शामिल है जहां से पिछले दिनों संदिग्ध रासायनिक हमले की खबर आई थी.
सीरिया के गूटा इलाके के पूर्वी हिस्से में हालात बद से बदत्तर हो चुके हैं. विद्रोहियों के सफाये के चक्कर में सीरिया और रूस ने पूरे शहर को तबाह कर दिया है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/AP/Syrian Civil Defense White Helmets
अंधाधुंध हवाई हमले
सीरिया की राजधानी दमिश्क से सटे पूर्वी गूटा में 19 फरवरी से 26 फरवरी तक रूस ने खूब हवाई हमले किए. हवाई हमलों की आड़ में सीरियाई सेना ने विद्रोहियों के आखिरी गढ़ कहे जाने वाले गूटा में जमीनी सैन्य कार्रवाई की. इसकी कीमत 500 लोगों ने अपनी जान देकर चुकाई.
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धरती पर नर्क
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव आंतोनियो गुटेरेश ने पूर्वी गूटा के हालात को धरती पर नर्क जैसा बताया. गुटेरेश ने पूर्वी गूटा में तुरंत संघर्ष विराम लागू करने की मांग की. पूर्वी गूटा में करीब चार लाख लोग रहते हैं.
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रासायनिक हथियारों का शक
इलाके के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और डॉक्टरों के मुताबिक पूर्वी गूटा के कई लोगों में रासायनिक हमले जैसे लक्षण दिखे हैं. लक्षण क्लोरीन गैस के हमले से मिलते जुलते हैं. सीरिया की सरकार का कहना है कि उसने कभी रासायनिक हथियारों का प्रयोग नहीं किया.
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रॉकेट के अवशेष
पूर्वी गूटा के दूमा में मिसाइलों और रॉकेटों से भी हमले किए गए. 27 फरवरी से हर दिन पांच घंटे का संघर्ष विराम लागू हुआ है. लाखों लोगों को वहां से बाहर निकाला जाना है.
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घर की जगह मलबा
सीरिया और रूस की हालिया सैन्य कार्रवाई ने दूमा में खासी तबाही मचाई. दूमा में अपने घर मलबा साफ करता एक युवक.
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न खाना, न पीना
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मुताबिक दूमा के लाखों आम लोगों के पास न तो पर्याप्त पानी है और न ही खाना. जान बचाने के लिए शिविरों में रह रहे लोगों के लिए खाना पीना जुटाना भी मुश्किल हो गया.
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रूस और सीरिया पर दबाव
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एकमत से सीरिया में 30 देश के संघर्ष विराम का प्रस्ताव पास हुआ. इसके बाद रूस ने 27 फरवरी से पूर्वी गूटा में हर दिन पांच घंटे के संघर्ष विराम का एलान किया. (रिपोर्ट: निकोल गोएबल/ओएसजे)