सीरिया में कितने जातीय और धार्मिक समूहों के लोग रहते हैं?
१३ दिसम्बर २०२४सीरिया में 14 साल लंबे गृह युद्ध के बाद विद्रोही बलों ने राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से हटा दिया है. इससे असद परिवार के पांच दशक लंबे शासन का अंत हो गया. सीरिया के लोग जश्न मना रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि अब देश में शांति और स्थिरता आएगी. सीरिया में इस समय सबसे लोकप्रिय नारा है, "एक हैं, एक हैं, एक हैं, सीरियाई लोग एक हैं." सीरिया के प्रवासी भी इस समय यह नारा लगा रहे हैं.
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सीरिया में सटीक आंकड़ों की दिक्कत
सीरिया को मध्य पूर्व स्थित सबसे ज्यादा विविधता वाले देशों में से एक माना जाता है. हालांकि, फिलहाल यह आंकड़ा मिलना मुश्किल है कि यहां किस जातीय और धार्मिक समूहों की आबादी कितनी है. इसकी वजह यह है कि एक दशक से अधिक समय तक चले गृह युद्ध के कारण यहां के लोग कई जगहों पर पलायन कर गए हैं.
पर्यवेक्षकों का मानना है कि इस्लामिक समूह 'हयात तहरीर अल-शाम' (एचटीएस) के हमले के बाद तानाशाह असद की सत्ता का अंत हुआ और इसके साथ ही गृह युद्ध भी खत्म हो गया है. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय समुदाय मध्य पूर्व और सीरिया के भविष्य को लेकर चिंतित है.
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देश की कुल आबादी की कोई सटीक संख्या उपलब्ध नहीं है. सीरिया के केंद्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने बताया कि 10 दिसंबर 2019 तक देश में 2.92 करोड़ लोग रहते थे. अमेरिका की विदेशी खुफिया एजेंसी 'सीआईए' की 'वर्ल्ड फैक्टबुक' का अनुमान है कि जुलाई 2021 तक सीरिया में लगभग 2.04 करोड़ लोग रह रहे थे. विश्व बैंक के मुताबिक, साल 2023 में सीरिया की आबादी 2.3 करोड़ थी. अन्य अनुमानों के मुताबिक, यह संख्या 2.5 करोड़ के करीब है.
सीरिया की कुल आबादी का सही आंकड़ा इन्हीं अनुमानों के आसपास हो सकता है. हालांकि, इन आंकड़ों के बीच बड़े अंतर भी विनाशकारी गृहयुद्ध के असर को दिखाते हैं जिसने देश को बुरी तरह से तोड़ दिया है. संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का अनुमान है कि युद्ध के कारण लगभग छह लाख मौतें हुई हैं. इनके अलावा 60 लाख सीरियाई देश छोड़कर भाग गए और करीब 70 लाख लोग देश के दूसरे हिस्सों में विस्थापित हो गए.
सुन्नी, शिया, और अलावी
जनसंख्या संबंधी सटीक आंकड़ों का अभाव है, लेकिन सीरिया में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों की आबादी का अनुमान लगाना काफी हद तक संभव है. सीरिया की जनसंख्या में लगभग 70 फीसदी सुन्नी मुसलमान हैं. इनकी बसाहट समूचे देश में है. उनका मानना है कि इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मुहम्मद ने स्पष्ट रूप से उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं की थी.
देश की कुल आबादी में करीब 13 फीसदी शिया मुसलमान हैं. वे मानते हैं कि पैगंबर मुहम्मद ने अपने कजिन और दामाद अली इब्न अबी तालिब को अपना उत्तराधिकारी और इमामों की वंशावली में पहला व्यक्ति नामित किया था.
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सीरिया के अधिकांश शिया मुसलमान अलावी हैं. इनमें पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद भी शामिल हैं. अलावी, इस्लाम का एक अल्पसंख्यक गूढ़ संप्रदाय है. इस अल्पसंख्यक संप्रदाय के कई लोग सीरिया के पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में रहते हैं, खास तौर पर होम्स और हामा शहरों में.
मुसलमान समूहों के अलावा सीरिया में ईसाई धर्म के विभिन्न संप्रदायों, जैसे कि ग्रीक ऑर्थोडॉक्स, सिरिएक ऑर्थोडॉक्स, मैरोनाइट, सीरियन कैथोलिक, रोमन कैथोलिक और ग्रीक कैथोलिक के लोग भी रहते हैं.
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सीरिया में कई अन्य जातीय अल्पसंख्यक भी हैं. इनमें ड्रूज, फलस्तीनी, इराकी, अर्मेनियाई, ग्रीक, असीरियन, सर्कसियन, मंडियन और तुर्कमान समूह शामिल हैं. इनमें से ज्यादातर लोग राजधानी दमिश्क और उसके आसपास रहते हैं.
कुर्द शासित स्वायत्त प्रशासन
उत्तरी और पूर्वी सीरिया का कुर्द शासित स्वायत्त प्रशासन 'रोजावा' सीरिया के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समूह कुर्दों का घर है. यहां करीब 25 लाख कुर्द रहते हैं. कुछ कुर्द राजधानी दमिश्क और उसके आसपास भी रहते हैं. कुर्दों में यजीदी अल्पसंख्यक हैं, जो मुख्य रूप से अलेप्पो प्रांत में रहते हैं.
फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था 'यूनाइटेड नेशंस रिलीफ एंड वर्क्स एजेंसी फॉर फलस्तीन रिफ्यूजीस' (यूएनआरडब्ल्यूए) के अनुसार, सीरिया में 12 शरणार्थी शिविर भी हैं. इन शिविरों में 4,38,000 फलस्तीनी शरणार्थी रह रहे हैं.
सीरिया के सुन्नी मुसलमानों की एक बड़ी आबादी उत्तरपूर्वी इदलिब क्षेत्र में रहती है. यह इलाका पिछले पांच वर्षों में युद्धग्रस्त देश का आखिरी विपक्षी गढ़ बन गया था. एचटीएस द्वारा संचालित यह इलाका लगभग 40 लाख विस्थापित सुन्नियों, ईसाइयों और ड्रूज का अस्थायी घर बन गया है. पूरे देश में एचटीएस का शासन स्थापित होने के बाद ये लोग अपने मूल गांव और कस्बों में वापस लौटना चाहते हैं.