ताइवान में आए तेज भूकंप ने सात लोगों की जान ली है. सैकड़ों घायल हुए हैं. भूकंप के बाद जारी सुनामी की चेतावनी रद्द की गई.
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ताइवान के सेंट्रल वेदर एडमिनिस्ट्रेशन (सीडब्ल्यूए) के मुताबिक, 3 अप्रैल की सुबह 7.2 तीव्रता वाला भूकंप आया. भूकंप का केंद्र ताइवान के दक्षिणपूर्वी शहर हुआलिएन के पास था. सीडब्ल्यूए ने बताया कि भूचाल जमीन में 15.5 किलोमीटर की गहराई से निकला.
भूकंप के चलते कम-से-कम सात लोगों की मौत हुई है और 700 से ज्यादा घायल हैं. दमकल विभाग ने जमींदोज इमारतों की संख्या 25 बताई है. इनमें से आधी हुआलिएन में हैं. ताइवान के प्रसारक टीवीबीएस ने कई धराशायी इमारतों की फुटेज दिखाई है. वीडियो में तिरछी हो चुकी कई इमारतें भी दिख रही हैं.
भूकंप के बाद भी झटकों की चेतावनी
ताइवान की राजधानी ताइपे के सिस्मोलॉजी सेंटर के डायरेक्टर वु शिएन-फू के मुताबिक यह "25 साल में आया सबसे तगड़ा भूकंप" है. वू ने पत्रकारों को बताया, "भूकंप जमीन के करीब था और शैलो था. इसका असर ताइवान और उसके द्वीपों पर महसूस किया गया." धरती में 0 से 70 किलोमीटर की गहराई से उठने वाले भूकंप को 'शैलो अर्थक्वेक' कहा जाता है.
ताइवान में इससे पहले 1999 में बेहद ताकतवर भूचाल आया था. रिक्टर पैमाने पर उसकी तीव्रता 7.6 थी. उस भूंकप ने 2,400 लोगों की जान ली.
अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि तेज भूकंप के बाद आने वाले झटके आने वाले दिनों में द्वीप को फिर से हिला सकते हैं. वू ने चेतावनी देते हुए कहा है, "जनता को महत्वपूर्ण चेतावनियों और संदेशों पर ध्यान देना चाहिए और भूकंप के बाद बाहर निकलने के लिए तैयार रहना चाहिए."
ताइवान नियमित रूप से भूगर्भीय हलचल पर नजर रखता है. द्वीप दो टेक्टॉनिक प्लेटों के जुड़ाव के नजदीक स्थित है. टेक्टॉनिक प्लेटों की हलचल के कारण ही ताइवान के पड़ोसी जापान में हर साल करीब 1,500 भूकंप आते हैं.
सुनामी की चेतावनी रद्द
ताइवान के तटीय इलाके से उठे भूकंप के बाद जापान और फिलीपींस ने सुनामी की चेतावनी भी जारी की थी. जापानी प्रशासन को आशंका थी कि कई मीटर ऊंची समुद्री लहरें उनके दक्षिणी द्वीपों से टकरा सकती हैं. फिलीपींस ने भी अपने तटीय इलाकों के लिए ऐसी ही चेतावनी जारी की थी. हालांकि बाद में दोनों देशों ने इस अलर्ट को रद्द कर दिया.
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा कि उनका देश ताइवान को हर जरूरी मदद देने के लिए तैयार है. ताइवान को "समुद्र पार का पड़ोसी" बताते हुए किशिदा ने भूकंप की खबर को अफसोसजनक बताया.
मार्च 2011 में जापान के होंसु द्वीप पर 9.0 तीव्रता वाला भूंकप आया. इस भूकंप से पैदा हुई सुनामी लहरों ने फुकुशिमा परमाणु संयत्र की पावर सप्लाई काट दी. परमाणु रिएक्टरों की कूलिंग बंद होने का कारण फुकुशिमा परमाणु त्रासदी सामने आई. माना जाता है कि 2011 के भूकंप और सुनामी ने जापान में करीब 18,500 लोगों की जान ली.
ओएसजे/एसएम (एपी, रॉयटर्स)
भूकंप, तूफान, सुनामी: 21वीं सदी की सबसे बड़ी आपदाएं
सीरिया और तुर्की में आए भूकंपों में मरने वालों की संख्या 21,000 पार कर चुकी है, जिससे ये भूकंप इस सदी की सबसे बड़ी आपदाओं में शामिल हो चुके हैं. यह हैं 21वीं सदी की सबसे बड़ी आपदाएं.
तस्वीर: Pornchai Kittiwongsakul/AFP/Getty Images
हिंद महासागर सुनामी
26 दिसंबर, 2004 को सुमात्रा के पास आए 9.15 तीव्रता के भूकंप ने एक ऐसी सुनामी को जन्म दिया जिसने इंडोनेशिया, थाईलैंड, भारत, श्रीलंका और इलाके के कई देशों में कम से कम 2,30,000 लोगों की जान ले ली. 43,000 लोग लापता हो गए और कई गांव, कई द्वीप तबाह हो गए.
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हैती में भूकंप
13 जनवरी, 2010 को 7.0 तीव्रता के एक भूकंप ने हैती की राजधानी पोर्ट-ओ-प्रिंस को तबाह कर दिया. करीब 3,16,000 लोग मारे गए. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान था कि राजधानी और उसके आस-पास के इलाकों में 80,000 इमारतें ढह गईं.
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म्यांमार में चक्रवात
दो मई, 2008 को नरगिस चक्रवात ने म्यांमार के इरावडी डेल्टा और दक्षिणी यांगून में कहर बरपाया. 240 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं की वजह से करीब 1,40,000 लोगों की जान चली गई. 24 लाख लोग बुरी तरह से प्रभावित हुए.
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चीन में भूकंप
12 मई, 2008 को चीन के शिशुआं राज्य में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप ने करीब 87,600 लोगों की जान ले ली.
तस्वीर: Shifang/dpa/picture alliance
पाकिस्तान में भूकंप
आठ अक्टूबर, 2005 को इस्लामाबाद से उत्तर पूर्व की तरफ आए 7.6 तीव्रता के भूकंप ने कम से कम 73,000 लोगों की जान ले ली. भूकंप का भारतीय कश्मीर में भी असर हुआ और वहां भी 1,244 लोग मारे गए.
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ईरान में भूकंप
26 दिसंबर, 2003 को ईरान के दक्षिण पूर्वी राज्य केरमान में आए 6.6 तीव्रता के भूकंप ने बाम नाम के पूरे शहर को ही सपाट कर दिया. कम से कम 31,000 लोग मारे गए.
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जापान में भूकंप/सुनामी
11 मार्च, 2011 को उत्तरपूर्वी जापान में आए 9.0 तीव्रता के भूकंप और उससे जन्मी सुनामी ने करीब 15,690 लोगों की जान ले ली. इस भूकंप की वजह से 1986 में हुए चेर्नोबिल परमाणु हादसे के बाद दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु हादसा भी हुआ.
26 जनवरी, 2001 को गुजरात के भुज में आए 7.9 तीव्रता के भूकंप ने कम से कम 14,000 लोगों की जान ले ली. 1,50,000 से भी ज्यादा लोग घायल हो गए और लाखों लोग बेघर हो गए.
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नेपाल में भूकंप
25 अप्रैल, 2015 को 7.8 तीव्रता के एक भूकंप ने नेपाल को हिला कर रख दिया. कम से कम 9,000 लोगों की जान चली गई और 80 लाख से भी ज्यादा लोग प्रभावित हुए.
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इंडोनेशिया में भूकंप/सुनामी
28 सितंबर, 2018 को इंडोनेशिया के द्वीप सुलावेसी में आए 7.5 तीव्रता के भूकंप की वजह से समुद्र में 1.5 मीटर ऊंची लहरों वाली सुनामी आई, जिसने 4,300 से भी ज्यादा लोगों की जान ले ली.
तस्वीर: Dita Alangkara/AP Photo/picture alliance
हैती में भूकंप (2021)
14 अगस्त, 2021 को दक्षिणी हैती में आए 7.2 तीव्रता के भूकंप ने कम से कम 2,200 लोगों की जान ले ली और करीब 13,000 मकानों को नष्ट कर दिया.
तस्वीर: Orlando Barria/EFE/IMAGO
कटरीना तूफान
कटरीना तूफान का कहर अमेरिका के न्यू ऑर्लांस पर 29 अगस्त, 2005 को टूटा. शहर के अधिकांश हिस्से 4.57 मीटर पानी में डूब गए और करीब 1,800 लोग मारे गए. मरने वाले अधिकांश लोग लुसिआना राज्य में थे लेकिन पड़ोसी राज्य मिसिसिप्पी में भी तूफान का भारी असर हुआ था. (रॉयटर्स)