अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अमेरिका और अफगानिस्तान के नए शासक वर्ग के बीच पहली बैठक कतर की राजधानी दोहा में हुई. दो दिवसीय वार्ता के दौरान अमेरिकी वार्ता दल में विभिन्न सरकारी एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
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तालिबान के साथ लंबी बातचीत में शामिल जलमई खलीलजाद मौजूदा अमेरिकी टीम का हिस्सा नहीं हैं. खलीलजाद अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि हैं. अमेरिकी वार्ता दल में अमेरिकी विदेश विभाग, अमेरिकी सहायता एजेंसियों और खुफिया एजेंसियों के सदस्य शामिल थे. विदेश विभाग के उप विशेष प्रतिनिधि टॉम वेस्ट और यूएसएआईडी अधिकारी सारा चार्ल्स प्रतिनिधिमंडल में विशेष रूप से प्रमुख हैं.
बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट को नियंत्रित करने को मौजूदा अफगान सरकार के लिए अहम मुद्दा बताया. अफगानिस्तान में विदेशियों की निकासी को भी वार्ता में शामिल किया गया. तालिबान विदेशियों को निकालने में लचीला होने पर सहमत हो गया है.
इस्लामिक स्टेट की चुनौती
तालिबान ने शनिवार को अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक से पहले यह स्पष्ट कर दिया कि बैठक से अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को यह स्पष्ट हो जाएगा कि वे जिहादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) को नियंत्रित करने के मुद्दे को खुद हल करेंगे.
तस्वीरों मेंः महिलाओं के लिए नए नियम
अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए नए नियम
तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए नए नियमों का ऐलान कर दिया है. तो कैसी होगी अब महिलाओं की जिंदगी.
तस्वीर: AAMIR QURESHI/AFP
महिलाओं के लिए नए नियम
अफगानिस्तान के नए उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल बाकी हक्कानी ने कहा है कि महिलाएं पढ़ाई कर पाएंगी लेकिन उन्हें कुछ विशेष नियमों का पालन करना होगा.
तस्वीर: Bilal Guler/AA/picture alliance
पढ़ाई की इजाजत
महिलाओं को यूनिवर्सिटी में पढ़ने की इजाजत होगी. हक्कानी ने कहा है कि जैसा देश आज है, उसी के आधार पर नए अफगानिस्तान का निर्माण किया जाएगा ना कि 20 साल पहले के तालिबानी शासन के आधार पर.
तस्वीर: Hoshang Hashimi/AFP/Getty Images
लड़कों से अलग
महिला छात्रों को लड़कों से अलग पढ़ाया जाएगा. उन्हें इस्लामिक कानून के आधार पर कपड़े पहनने होंगे यानी सिर से पांव तक खुद को ढककर रखना होगा.
तस्वीर: Social media handout via REUTERS
पुरुष शिक्षक नहीं
हक्कानी ने कहा कि छात्राओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी जहां तक संभव होगा शिक्षिकाओं को ही दी जाएगी. उन्होंने कहा कि शुक्र है देश में काफी महिला शिक्षक हैं.
तस्वीर: WAKIL KOHSAR/AFP/Getty Images
अलग-अलग बैठना होगा
जहां महिलाएं उपलब्ध नहीं होंगी, वहां पुरुष शिक्षक भी पढ़ा सकेंगे लेकिन विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राओं को अलग-अलग बैठना होगा और पर्दे में रहना होगा.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP/picture alliance
कक्षाओं में पर्दे
पुरुष और महिला छात्राओं के बीच में पर्दे लगाए जाएंगे या फिर स्ट्रीमिंग के जरिए भी पढ़ाई कराई जा सकती है.
तस्वीर: AAMIR QURESHI/AFP
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इस मौके पर तालिबान के प्रवक्ता सोहेल शाहीन ने कहा कि उनकी सरकार इस्लामिक स्टेट को नियंत्रित करने में पूरी तरह सक्षम है. तालिबान सरकार का बयान तब आया जब इस्लामिक स्टेट ने शुक्रवार 8 अक्टूबर को उत्तरी अफगान शहर कुंदुज में एक शिया मस्जिद में नमाजियों पर आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली. आत्मघाती हमलावर ने कम से कम 60 लोगों की जान ले ली और दर्जनों अन्य घायल हो गए.
दोहा बैठक में तालिबान प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख और अंतरिम विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने अमेरिका से अपने देश की फ्रीज हुई संपत्ति को तुरंत बहाल करने का आह्वान किया ताकि उनके उपयोग से देश और उसके लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके. अफगानिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री का बयान कतर स्थित अरब टेलीविजन स्टेशन अल जजीरा द्वारा प्रसारित किया गया था.
कोरोना वैक्सीन की पेशकश
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के अंतरिम विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने भी कहा कि अमेरिका ने काबुल सरकार को कोरोना वैक्सीन की पेशकश की थी. यह बात मुत्तकी ने बैठक के बाद अल जजीरा संवाददाता से कही. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नया अध्याय शुरू करने पर भी ध्यान केंद्रित किया.
इससे पहले अमेरिका से उनके जाने पर अमेरिकी अधिकारियों ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता में सुधार करने का संकेत दिया था. अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि वह तालिबान सरकार के प्रतिनिधियों से लोगों की बेहतरी के लिए प्राथमिकता के आधार पर कदम उठाने को कहेगा. अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश तालिबान सरकार को मानवीय सहायता देने के मुद्दे पर एक भी बिंदु पर सहमत नहीं हैं.
एए/वीके (एएफपी, एपी)
देखिए, अफगान जिंदगी
तालिबान राज में कुछ ऐसी है आम जिंदगी
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार की स्थापना के बाद लोगों को कट्टरपंथी मिलिशिया के तहत जीवन में वापस लौटना पड़ा है. लोगों के लिए बहुत कुछ बदल गया है, खासकर महिलाओं के लिए.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP Photo/picture alliance
बुर्के में जिंदगी
अभी तक महिलाओं के लिए बुर्का पहनना अनिवार्य नहीं है, लेकिन कई महिलाएं कार्रवाई के डर से ऐसा करती हैं. इस तस्वीर में दो महिलाएं अपने बच्चों के साथ बाजार में पुराने कपड़े खरीद रही हैं. देश छोड़कर भागे हजारों लोग अपने पुराने कपड़े पीछे छोड़ गए हैं, जो अब ऐसे बाजारों में बिक रहे हैं.
तस्वीर: Felipe Dana/AP Photo/picture alliance
गलियों और बाजारों में तालिबानी लड़ाके
पुराने शहर के बाजारों में चहल-पहल है, लेकिन सड़कों पर तालिबान लड़ाकों का भी दबदबा है. वे गलियों में सब कुछ नियंत्रित करते हैं और उनके विचारों या नियमों के खिलाफ कुछ होने पर तुरंत दखल देते हैं.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP Photo/picture alliance
दाढ़ी बनाने पर रोक
तालिबान ने नाइयों को दाढ़ी काटने और शेव करने से मना किया है. यह आदेश अभी हाल ही में हेलमंद प्रांत में लागू किया गया है. यह अभी साफ नहीं है कि इसे देश भर में लागू किया जाएगा या नहीं. 1996 से 2001 तक पिछले तालिबान शासन के दौरान पुरुषों की दाढ़ी काटने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था.
तस्वीर: APTN
महिलाओं के चेहरे मिटाए जा रहे
ब्यूटी पार्लर के बाहर तस्वीरें हों या विज्ञापन तालिबान महिलाओं की ऐसी तस्वीरों को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करता है. ऐसी तस्वीरें हटा दी गईं या फिर उन्हें छुपा दिया गया.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP Photo/picture alliance
लड़कियों को अपनी शिक्षा का डर
तालिबान ने लड़कियों को प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने की इजाजत दी है, लेकिन लड़कियों ने अभी तक माध्यमिक विद्यालयों में जाना शुरू नहीं किया है. यूनिवर्सिटी में लड़के और लड़कियों को अलग-अलग बैठने को कहा गया है.
तस्वीर: Felipe Dana/AP Photo/picture alliance
क्रिकेट का खेल
क्रिकेट खेलने के लिए काबुल के चमन-ए-होजरी पार्क में युवकों का एक समूह इकट्ठा हुआ है. जबकि महिलाओं को अब कोई खेल खेलने की इजाजत नहीं है. क्रिकेट अफगानिस्तान में सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP Photo/picture alliance
बढ़ती बेरोजगारी
अफगानिस्तान गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. विदेशी सहायता रुकने से वित्त संकट खड़ा हो गया है. इस तस्वीर में ये दिहाड़ी मजदूर बेकार बैठे हैं.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP Photo/picture alliance
नमाज भी जरूरी
जुमे की नमाज के लिए लोग इकट्ठा हुए हैं. मुसलमानों के लिए शुक्रवार का दिन अहम होता है और जुमे की नमाज का भी खास महत्व होता है. इस तस्वीर में एक लड़की भी दिख रही है जो जूते पॉलिश कर रोजी-रोटी कमाती है.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP Photo/picture alliance
आम नागरिक परेशान, तालिबान खुश
अफगान नागरिक एक अजीब संघर्ष में जिंदगी बिता रहे हैं, लेकिन तालिबान अक्सर इसका आनंद लेते दिखते हैं. इस तस्वीर में तालिबान के लड़ाके स्पीडबोट की सवारी का मजा ले रहे हैं.