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विज्ञानसंयुक्त राज्य अमेरिका

के2-18बी ग्रह पर मिले जीवन से पैदा होने वाले तत्व

१३ सितम्बर २०२३

सुदूर अंतरिक्ष में एक ग्रह पर ऐसे तत्व मिले हैं जो सिर्फ जीवन होने पर पैदा होते हैं. क्या वहां जीवन है?

एग्जोप्लेनेट के2-बी18
एग्जोप्लेनेट के2-बी18 पर जीवन के संकेततस्वीर: ESA/Hubble/ZUMA Press/IMAGO

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा है कि उसे एक एग्जोप्लैनेट यानी बाह्यग्रह पर जीवन के संकेत मिले हैं. के2-18बी नाम के इस ग्रह पर हाइड्रोजन से भरपूर वातावरण और सागर होने का पता चला है.

अभी वैज्ञानिक ऐसा नहीं कह रहे हैं लेकिन वे नयी खोज से बेहद उत्साहित हैं क्योंकि जो उन्हें मिला है, वह जीवन होने का बड़ा संकेत है. धरती से 8.6 गुना बड़े के2-18बी ग्रह पर हाइड्रोजन से भरपूर वातावरण और समुद्र होने के संकेत मिले हैं. साथ ही उन्हें डीएमएस नाम का एक तत्व मिला है जो कम से कम धरती पर जीवन के होने के कारण ही पाया जाता है.

उत्साहजनक वातावरण

नासा ने सोमवार को इस खोज की जानकारी देते हुए बताया कि कार्बन डाई ऑक्साइड और मीथेन से भरपूर मॉलीक्यूल का होना उत्सुकता जगाता है क्योंकि कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि ये "जीवन की खोज के लिए बहुत उत्साहजनक वातावरण" हैं.

केंब्रिज यूनिवर्सिटी में खगोलविद और शोधकर्ता निक्कू मधुसूदन कहते हैं, "हमारी खोज बताती है कि अन्य जगहों पर जीवन खोजने के लिए जीवन लायक विविध वातावरण को ध्यान में रखना जरूरी है.”

मीथेन और कार्बन डाई ऑक्साइड की बहुलता और अमोनिया की कम मात्रा इस बात की पुष्टि करती है कि के2-18बी के हाइड्रोजन से भरपूर वातावरण के नीचे महासागर हो सकते हैं. साथ ही जेम्स वेब के भेजे आंकड़े इस बात का भी संकेत देते हैं कि वहां डाईमिथाइल सल्फाइड (डीएमएस) नामक मॉलीक्यूल मौजूद हो सकता है. यह मॉलीक्यूल धरती पर पाया जाता है लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वहीं होता है, जहां जीवन हो. ऐसा इसलिए है क्योंकि डीएमएस वहां पैदा होता है जहां महासागरीय जीवन हो.

अभी कुछ भी पुष्ट नहीं

नासा इस खोज को लेकर सावधान करते हुए कहती है कि के2-18बी का वातावरण ऐसा है जहां जीवन हो सकता है, और वहां कार्बन भरपूर मॉलीक्यूल भी हैं लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि वहां जीवन है. इस ग्रह का विशाल आकार बताता है कि वहां उच्च दबाव में बर्फ मौजूद है. यह नेप्चुन जैसा है लेकिन यहां हाइड्रोजन भरपूर है और महासागर की सतह भी है. यह भी संभव है कि महासागर इतना अधिक गर्म हो कि वहां जीवन संभव ही ना हो. या फिर यह द्रव अवस्था में ही ना हो.

अब वैज्ञानिक के2-18बी के वातावरण पर और अधिक शोध करेंगे. मधुसूदन कहते हैं, "हमारा लक्ष्य तो एक जीवन-लायक वातावरण वाले ग्रह पर जीवन की खोज करना है. यह ब्रह्मांड में हमारी उपस्थिति की समझ को पूरी तरह बदल देगा. हमारी खोज उस लक्ष्य की तरफ एक बड़ा कदम है.”

वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)

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