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हिंसा के एक दिन बाद हरियाणा के एनसीआर इलाकों में तनाव

१ अगस्त २०२३

नूंह से शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा पलवल और सोहना तक भी फैल गई और रात होते होते दिल्ली से सटे गुरुग्राम तक पहुंच गई. 2020 के दंगों के बाद इसे दिल्ली एनसीआर में सांप्रदायिक हिंसा का पहला व्यापक मामला माना जा रहा है.

हरियाणा के मुख्यमंत्री
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टरतस्वीर: imago images / Hindustan Times

अभी तक सभी मामलों में कुल मिलाकर चार लोगों के मारे जाने और कम से कम 45 लोगों के घायल होने की खबर है. मरने वालों में होम गार्ड के दो जवान और गुरुग्राम की अंजुमन मस्जिद के नायब इमाम शामिल हैं. चौथे मृतक की अभी पहचान नहीं हो पाई है.

पूरे मामले की शुरुआत दिल्ली की सीमा से मुश्किल से 60 किलोमीटर दूर नूंह शहर से हुई. बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने 31 जुलाई को ब्रजमण्डल जलाभिषेक यात्रा नाम की एक धार्मिक यात्रा का आयोजन किया था जो नूंह से ही शुरू होनी थी.

पुलिस के हाथ नहीं आता 'मोनू मानेसर'

यात्रा के एक दिन पहले दो मुस्लिम युवकों को गो तस्करी के शक में जान से मार देने के मामले में पांच महीनों से पुलिस से फरार चल रहे बजरंग दल के स्थानीय नेता मोहित यादव उर्फ 'मोनू मानेसर' ने एक वीडियो जारी किया था.

मोनू ने उस वीडियो में लोगों को रैली में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए कहा था और साथ ही कहा था कि वह खुद भी मौजूद रहेगा. मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि इस वीडियो को लेकर नूंह और आस पास के इलाकों में काफी आक्रोश फैल गया.

मोनू पर फरवरी 2023 में हुए एक हत्याकांड में शामिल होने के आरोप हैं. इस मामले में भिवानी में जुनैद और नासिर नाम के दो युवकों का जला हुआ शव मिला था. उनके परिवारों ने आरोप लगाया था कि बजरंग दल के सदस्यों ने उन्हें पीटा था और जान से मार दिया था.

इस शिकायत के आधार पर राजस्थान पुलिस ने मोनू के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन अभी तक उसे पकड़ नहीं पाई है. यानी पुलिस के मुताबिक मोनू फरार है लेकिन वही मोनू कभी सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करता है तो कभी मीडिया को इंटरव्यू भी देता है.

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बहरहाल नूंह में हिंसा क्यों भड़की इसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. एक पक्ष का आरोप है कि यात्रा में बजरंग दल के हथियारबंद सदस्य शामिल थे और उन्होंने नूंह में हिंसा शुरू की.

दोनों पक्षों के आरोप

दूसरे पक्ष का आरोप है कि नूंह में स्थानीय लोगों ने पहले से ट्रकों में पत्थर भर कर रखे हुए थे और उनके द्वारा वही पत्थर यात्रा में शामिल लोगों पर फेंकने की वजह से हिंसा शुरू हुई. पुलिस अभी सभी दावों की जांच कर रही है और अभी तक पुलिस की तरफ से इस संबंध में कोई बयान जारी नहीं किया गया है.

नूंह में हिंसा के दौरान कई गाड़ियों और दुकानों को आग लगा दी गई. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि प्रशासन को कई पुलिस स्टेशनों से अतिरिक्त पुलिसकर्मी बुलाने पड़े. बाद में नूंह में कर्फ्यू लगा दिया गया और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं.

देर रात हिंसा गुरुग्राम के एक मुख्य इलाके तक भी पहुंच गई. रात के करीब 12.30 बजे कुछ लोगों ने गुरुग्राम के सेक्टर 57 में अंजुमन मस्जिद पर हमला कर दिया. उन लोगों ने मस्जिद को आग लगा दी और वहां के नायब इमाम और एक और व्यक्ति को घायल कर दिया. नायब इमाम की बाद में अस्पताल में मौत हो गई.

हालात को देखते हुए गुरुग्राम में भी धारा 144 लगा दी गई है और सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रहने का आदेश दे दिया गया है.

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