केले के पेड़ों से ऐसे बना सकते हैं कागज
१२ अप्रैल २०१९The Ugandan women making paper bags from bananas
तो आप कौन सा थैला लेंगे
बैग तो कई होते हैं, कपड़े के भी और कागज के भी, पर अक्सर प्लास्टिक बैग ही बाजी मार ले जाते हैं. लेकिन ये पर्यावरण के लिए बहुत नुकसानदेह हैं. क्या विकल्प हो सकते हैं प्लास्टिक बैग के, देखिए तस्वीरों में...
थोड़े फल, थोड़ी सब्जी और कुछ और सामान, बस प्लास्टिक की थैलियों की जरूरत पड़ ही जाती है. इन्हें बनाने में इतना कच्चा तेल लगता है जिससे लाखों गाड़ियां चल सकती हैं. लेकिन यह जरूरी तो नहीं कि बैग पूरी तरह प्लास्टिक का ही बना हो..
प्लास्टिक की आम थैली 100 फीसदी पॉलीएथिलीन प्लास्टिक की बनी होती है. लेकिन इस्तेमाल करते समय हमें इस बात का ध्यान नहीं रहता कि प्लास्टिक गलने में 400 से 500 साल तक का समय ले सकता है.
बायोडिग्रेडेबल यानि विघटनशील प्लास्टिक बनाने में 70 फीसदी कच्चा तेल और 30 फीसदी दोबारा इस्तेमाल करने योग्य कच्चे माल का प्रयोग होता है. इन प्लास्टिक बैगों को रीसाइकिल किया जा सकता है और ये जल्दी गल भी जाते हैं.
ऐसे बैग भी मौजूद हैं जिनमें 70 फीसदी रीसाइकिल किया हुआ पॉलीएथिलीन इस्तेमाल होता है. हालांकि जर्मनी में ऐसे ज्यादातर प्लास्टिक बैग दूसरे प्लास्टिक के कूड़े के साथ मिल जाते हैं और रीसाइकिल नहीं हो पाते.
कागज के थैले भी बहुत पर्यावरण के हित में इसलिए नहीं हैं क्योंकि उनके निर्माण में सेल्युलोस फाइबर का इस्तेमाल होता है ताकि उन्हें फटने से बचाया जा सके. इसके लिए केमिकल इस्तेमाल होते हैं. बेहतर तब है जब इन्हें रीसाइकिल किए जा रहे कागज से बनाया जाए.
सूती कपड़े के बने ये थैले एक बार खरीद कर बार बार इस्तेमाल किए जा सकते हैं, इसलिए ये पर्यावरण के दोस्त माने जाते हैं. हालांकि इनके उत्पादन में प्लास्टिक बैग के मुकाबले ज्यादा संसाधनों की जरूरत होती है. इनका कच्चा माल पेड़ों से आता है, इसलिए उनकी सिंचाई इत्यादि पर हुआ समय और ऊर्जा का खर्च भी होता है.
रीसाइकिल किए जा सकने वाले प्लास्टिक बैग पर्यावरण के हित में हैं. ये बैग पॉलीप्रोपिलीन के बने होते हैं जिन्हें तीन बार इस्तेमाल के बाद रीसाइकिल किया जा सकता है. जबकि पॉलीएथिलीन यानि साधारण प्लास्टिक बैग एक बार के बाद फेंक दिए जाते हैं और गलते नहीं हैं.
पॉलिएस्टर के बने ये बैग भी प्लास्टिक के बेहतर विकल्प हैं. इन्हें मोड़ कर आप अपनी जेब में रख सकते हैं. दस किलो तक वजन उठा लेना इनके लिए कोई बड़ी बात नहीं.