टाइटैनिक पर्यटन:कहां लापता हो गई मलबा दिखाने निकली पनडुब्बी
२१ जून २०२३
टाइटैनिक के मलबे को दिखाने निकली एक पर्यटक पनडुब्बी अब तक लापता है. इस पनडुब्बी में एक चालक और चार यात्री सवार थे.
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टाइटैनिक का मलबा समुद्र में 3,800 मीटर की गहराई में है. यह पनडुब्बी ऐसे पर्यटकों को इस डूबे हुए टाइटैनिक का मलबा दिखाने ले जाती थी जो 1912 में एक हिमखंड से टकराने के बाद डूब गया था.
रविवार को यह पनडुब्बी पांच लोगों को लेकर निकली थी लेकिन उत्तरी अटलांटिक सागर में यह लापता हो गई. पर्यटक पनडुब्बी से संपर्क टूटने के बाद अमेरिकी कोस्ट गार्ड इसे खोजने के लिए अभियान चला रहा है.
टाइटैनिक की सैर कराने निकली पनडुब्बी में कुल पांच लोग सवार थे, जिनमें चार पर्यटक थे और एक पायलट था. इस पनडुब्बी में पाकिस्तानी मूल के अरबपति कारोबारी शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद, ब्रिटेन के अरबपति कारोबारी हामिश हार्डिंग, फ्रांसीसी सबमरीन ऑपरेटर जिन्हें "मिस्टर टाइटैनिक" के नाम से भी जाना जाता है और इस एडवेंचर ट्रिप का प्रबंधन करने वाली कंपनी के सीईओ स्टॉकटन रश भी शामिल हैं.
इस बीच सोमवार को यूएस कोस्ट गार्ड ने कहा कि टाइटैनिक का मलबा दिखाने निकली पनडुब्बी की तलाश असफल रही है. उसने कहा कि पांच लापता व्यक्तियों का पता लगाने का अभियान अभी भी जारी है. यूएस कोस्ट गार्ड ने यह भी कहा कि उसने सुदूर उत्तरी अटलांटिक महासागर का सर्वेक्षण करने के लिए दो विमान भेजे हैं, जबकि कनाडाई तट रक्षक ने भी एक विमान और एक जहाज भेजा है.
पनडुब्बी का संचालन करने वाली निजी कंपनी ओशनगेट एक्सपीडिशंस ने कहा है कि उसका पूरा ध्यान चालक दल के सदस्य और उनके परिवारों पर है.
कैसे गायब हो गई पनडुब्बी
18 जून की दोपहर को पनडुब्बी के पानी में उतरने के एक घंटे 45 मिनट बाद ही वह रडार से गायब हो गई. इस पनडुब्बी में पांच लोग जा सकते हैं और इसमें पांच यात्रियों के लिए 96 घंटे तक की ऑक्सीजन होती है. इसकी लंबाई करीब 6.7 मीटर है और यह समुद्र में करीब चार हजार मीटर की गहराई तक जा सकती है.
बचाव अभियान की देखरेख करने वाले यूएस कोस्ट गार्ड के रियर एडमिरल जॉन मॉगर ने कहा, "सुदूर इलाके में खोज करना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन हम पनडुब्बी और उसमें सवार लोगों का पता लगाने के लिए सभी उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं."
डूबने से पहले ऐसे थे टाइटैनिक के आखिरी पल
14 अप्रैल, 1912 को जब सूरज ढला, तब उस 882 फीट लंबे जहाज पर सवार लोगों में कोई नहीं जानता था कि यह उस जहाज की आखिरी शाम है. उन्हें नाज था कि वे दुनिया के सबसे आलीशान और अत्याधुनिक जहाज 'आरएमएस टाइटैनिक' पर सवार हैं.
तस्वीर: Disney Pictures/Mary Evans/imago images
गलतियां, लापरवाहियां...
बसंत के महीने में नॉर्थ अटलांटिक के भीतर आइसबर्ग की मौजूदगी आम थी. 14 अप्रैल, 1912 को भी समुद्र जमा हुआ था. कैप्टन एडवर्ड जे स्मिथ जानते थे कि रास्ते में आइसबर्ग मिल सकता है. फिर भी जहाज की रफ्तार धीमी नहीं की गई. तब किसी को आभास नहीं था कि कुछ ही घंटों में टाइटैनिक सागर की ठंडी सतह के नीचे डूब जाएगा. वो मिलेगा, लेकिन 73 साल बाद... 1985 में. करीब 12,500 फुट की गहराई में, समंदर की तलहटी पर.
तस्वीर: Mary Evans Picture Library/ONSLO/picture-alliance
चेतावनियों की अनदेखी
उस शाम 7:30 बजे तक टाइटैनिक को नजदीकी जहाजों से पांच चेतावनियां भी मिलीं, मगर इनपर सजगता नहीं दिखाई गई. रात के 11 बजने में पांच मिनट थे, जब कुछ दूरी से 'कैलिफॉर्नियन' नाम के एक जहाज ने रेडियो पर संदेश भेजा. ऑपरेटर ने बताया कि इतनी बर्फ है कि जहाज को रुकना पड़ा है.
तस्वीर: Disney Pictures/Mary Evans/imago images
"आइसबर्ग, राइट अहेड"
उस रात समंदर पर नजर रखने की ड्यूटी फ्रेडरिक फ्लीट और रेजनल्ड ली की थी. रात करीब 11:40 पर फ्लीट को जहाज के सामने कुछ दिखा, समंदर से भी स्याह. जहाज करीब पहुंचा, तो दिखा कि वह एक विशाल आइसबर्ग था. फ्लीट ने झटपट तीन बार वॉर्निंग बेल बजाई और ब्रिज पर फोन किया. वहां फर्स्ट ऑफिसर विलियम मरडॉक ने रिसीवर उठाकर पूछा, "क्या देखा तुमने?" फ्लीट का जवाब था, "आइसबर्ग, बिल्कुल सामने." (तस्वीर में, कैप्टन स्मिथ)
तस्वीर: picture alliance / Design Pics
बहुत देर हो चुकी थी
ऑफिसर मरडॉक ने इंजन रूम (टेलिग्राफ मॉडल) के हैंडल को झटके से खींचा और रोकने की कोशिश की. बायें जाने का निर्देश दिया. उस निर्णायक घड़ी में आइसबर्ग से भिड़ंत टालने के लिए जो समझ आया, वो निर्देश दिया. अब बारी थी यह देखने की कि कोशिश कामयाब हुई कि नहीं. करीब 30 सेकेंड तक क्रू दम साधे इंतजार करता रहा. उन्हें लगा, बाल-बाल बचे. लेकिन असल में जो हुआ था, वो उनकी आंखें देख नहीं पाई थीं.
तस्वीर: Disney Pictures/Mary Evans/imago images
दो घंटे का वक्त बचा था
आइसबर्ग का बड़ा हिस्सा पानी की सतह से नीचे होता है. यही हिस्सा टाइटैनिक के स्टारबोर्ड हल प्लेट्स से लगा. जहाज के 'वेल डेक' पर बर्फ के टुकड़े गिरे. समझ आ गया कि आइसबर्ग से टक्कर हुई है. फॉरवर्ड बॉइलर और मेल रूम्स में क्रू ने देखा कि कंपार्टमेंटों में पानी घुस रहा है. स्पष्ट हो गया कि एक-एक करके कंपार्टमेंट्स में पानी भरता जाएगा. अनुमान लगाया गया कि अब टाइटैनिक के पास तकरीबन दो घंटे का समय बचा है.
तस्वीर: AFP/Fox/dpa/picture-alliance
सबके लिए नहीं थे लाइफबोट
टाइटैनिक का सफर शुरू होने से पहले ऐसा माना जा रहा था कि अगर इसमें दुर्घटना होती भी है, तो भी यह इतने समय तक पानी पर तैरता रहेगा कि यात्रियों को सुरक्षित बचाने का समय मिल जाएगा. शायद इसीलिए टाइटैनिक पर लाइफबोट का अनुपात यात्रियों के मुकाबले काफी कम था. करीब 2,200 यात्री थे और लाइफबोट और 'कोलैप्सिबल्स' मिलाकर 1,178 की ही जगह थी. तस्वीर में: मारे गए यात्रियों में से एक इजिडोर स्ट्रॉस.
आइसबर्ग को जहाज से टकराए करीब दो घंटे, चालीस मिनट बीते थे कि 'अनसिंकेबल' कहलाने वाले टाइटैनिक का पिछला हिस्सा पानी से बाहर ऊपर की ओर उठा और आगे के हिस्से ने समंदर में डुबकी लगाई. जहाज के पिछले हिस्से में बने आफ्टरडेक को कसकर पकड़े लोग अब समंदर में छलांग लगाने लगे. तस्वीर में: चीन में बनाई जा रही टाइटैनिक की एक प्रतिकृति.
तस्वीर: Noel Celis/AFP/Getty Images
केवल 705 लोग जिंदा बचे
14 और 15 अप्रैल, 1912 की दरम्यानी रात करीब 2:20 बजे टाइटैनिक डूब गया. 1,500 से ज्यादा लोग या तो डूबकर मर गए, या अटलांटिक के ठंडे पानी ने उनकी जान ले ली. अपने इस दुखांत के साथ टाइटैनिक का किस्सा, दुनिया की सबसे मशहूर और नाटकीय कहानियों में शुमार हो गया. तस्वीर में: टाइटैनिक हादसे में मारी गईं एक यात्री ईडा स्ट्रॉस.
दुनिया का सबसे मशहूर जहाज टाइटैनिक 14 अप्रैल 1912 की रात एक हिमखंड से टकराकर अटलांटिक में समा गया था. उस हादसे पर एक फिल्म भी बनी. लेकिन टाइटैनिक को लेकर दुनिया में आज भी दिलचस्पी है, यही वजह है कि लोग लाखों रुपये खर्च कर इस पनडुब्बी की यात्रा पर जाते हैं.
टाइटैनिक के मलबे का पता पहली बार 1985 में चला. उत्तरी अटलांटिक में 3,800 मीटर की गहराई पर टाइटैनिक के टुकड़े 1912 से पड़े हैं. पानी के भारी दबाव के चलते इतनी गहराई पर खास पनडुब्बियां ही जा सकती हैं.
पर्यटक इस खास पनडुब्बी से दो घंटे का सफर कर टाइटैनिक के मलबे तक पहुंच पाते हैं. इस अभियान की लागत प्रति व्यक्ति ढाई लाख डॉलर बताई जाती है.
एए/वीके (एएफपी, रॉयटर्स)
जब पहली बार दिखा टाइटैनिक
ये तस्वीरें उस वक्त की हैं जब डूबने के 74 साल बाद टाइटैनिक जहाज को पहली बार देखा गया था. टाइटैनिक फिल्म के 25 साल पूरे होने के मौके पर इन तस्वीरों को जारी किया गया है.
1997 में आई जेम्स कैमरून की बेहद लोकप्रिय फिल्म टाइटैनिक के 25 साल पूरे होने के मौके पर ये तस्वीरें और वह वीडियो जारी किया गया जिसे गोताखोरों ने बनाया था.
यह पहली बार है जब यह वीडियो सार्वजनिक किया गया है. टाइटैनिक जहाज उस वक्त दुनिया का सबसे बड़ा और आलीशान समुद्री जहाज था जो अपनी पहली ही यात्रा में डूब गया था.