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पहली बार, मादा मगरमच्छ ने बिना नर के पैदा किया बच्चा

७ जून २०२३

कोस्टा रिका में एक मादा मगरमच्छ ने अंडे दिये तो वैज्ञानिक हैरान रह गये. हैरत की वजह यह थी कि इस मादा का कोई नर साथी नहीं था और पिछले 16 साल से यह मादा अकेली रह रह थी.

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीरतस्वीर: Richard Heathcote/Getty Images

कोस्टा रिका में इस मादा मगरमच्छ ने जनवरी 2018 में ये अंडे दिये थे. हालांकि मगरमच्छों में मादाएं ऐसे अंडे देती हैं जिनमें से बच्चे नहीं निकलते, लेकिन इस मगरमच्छ के दिये अंडे सामान्य लग रहे थे. और कमाल तब हुआ जब उनमें से एक ने इनक्यूबेटर में बढ़ना शुरू कर दिया. हालांकि यह अंडा भी पूरी तरह परिपक्व नहीं हो पाया लेकिन उसके अंदर से एक अधूरा तैयार मगरमच्छ का बच्चा निकला.

वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस पूरी प्रक्रिया का अध्ययन किया था. उस टीम ने एक शोध पत्र लिखा है जो विज्ञान पत्रिका बायोलॉजी लेटर्स में छपा है. इस शोध में वैज्ञानिकों ने बताया है कि आधा तैयार मगरमच्छ का बच्चा एक ‘वर्जिन बर्थ‘ यानी बिना नर और मादा के संभोग के तैयार हुआ बच्चा था और सिर्फ मां के जीन्स से तैयार हुआ था.

क्या होता है वर्जिन बर्थ?

‘वर्जिन बर्थ' कई प्राणियों में पाया जाता है. सांपों और मक्खियों में ऐसा होता है लेकिन किसी मगरमच्छ में ऐसा पहली बार होता देखा गया. इस आधार पर वैज्ञानिक अनुमान लगा रहे हैं कि डायनासोरों की कुछ प्रजातियों में भी यह गुण रहा होगा.

डायनासोर से बहुत पुराना और शानदार शिकारी था यह जीव

वर्जिन बर्थ यानी बिना नर और मादा के संभोग के बच्चे का पैदा होना एक अनूठी कुदरती प्रक्रिया है. इसमें मादा के शरीर में अंड-कोशिकाएं तैयार होती हैं. इनमें लगातार विभाजन होता रहता है और यह तब तक जारी रहता है जब तक कि एक बच्चे के लिए जरूरी कुल जीन्स में से आधे तैयार नहीं हो जाते.

इसके साथ ही कुछ सह-उत्पाद भी तैयार होते हैं जो तीन कोशिकीय हिस्सों होते हैं जिनमें क्रोमोसोम होते हैं. इन्हें पोलर बॉडीज कहा जाता है. आमतौर पर ये पोलर बॉडी अलग हो जाते हैं लेकिन कभी कभार ऐसा होता है कि इन तीन में से एक पोलर बॉडी अंडे के साथ मिल जाता है और उसे एक बच्चे के पूरा होने के लिए जरूरी क्रोमोसोम उपलब्ध करा देता है.

शायद डायनासोर भी ऐसे थे

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस मादा मगरमच्छ के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ प्रतीत होता है. वर्जीनिया टेक यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर वॉरेन बूथ ने उस मगरमच्छ के अंडों का अध्ययन किया था. आमतौर पर कीट-पतंगों का अध्ययन करने वाले डॉ. बूथ ने वर्जिन बर्थ पर विस्तृत अध्ययन किया है.

मगरमच्छ के बच्चे की जीनोम सीक्वेंसिंग करने के बाद डॉ. बूथ कहते हैं कि जीन्स की ऊपरी परत मां के डीएनए से अलग नजर आती है जिससे पहता चलता है कि पोलर बॉडी और अंडे का मिश्रण हुआ होगा.

डॉ. बूथ बताते हैं कि पक्षियों, छिपकलियों और सांपों में ऐसा ही होता है. लेकिन मगरमच्छ इन जीवों से कहीं ज्यादा पुरानी प्रजाति हैं, जिस वजह से मगरमच्छों से पहले की प्रजातियों को लेकर भी वैज्ञानिकों में उत्सुकता पैदा हुई है. डॉ. बूथ कहते हैं, "इससे हमें पता चलता है कि बहुत संभव है कि पेट्रोसॉर्स और डायनोसोर्स में भी ऐसा ही हुआ होगा.”

मगरमच्छ क्या कभी दो पैरों पर चलते थे

वैसे वर्जिन बर्थ से पैदा हुए बच्चों के बचने की संभावना कम ही होती है. डॉ. बूथ कहते हैं कि कुछ बच्चे वयस्क हो जाते हैं लेकिन वे सबसे स्वस्थ जीव नहीं होते.

रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)

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