राहत और बचाव कर्मियों के दल पूर्वी लीबिया के डेरना शहर तक पहुंचने लगे हैं. वहां के हालात झकझोरने वाले हैं. अब तक 5,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 10,000 से ज्यादा लोग लापता हैं.
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पूर्वी लीबिया में एंबुलेंस और इमरजेंसी सेंटर के प्रवक्ता ओसामा अली के मुताबिक डेरना में अब तक मौत के 5100 मामले दर्ज हो चुके हैं. सात हजार से ज्यादा लोग घायल हैं. 10 हजार से ज्यादा अब भी लापता हैं. रविवार रात आई भीषण बाढ़ के बाद डेरना तक पहुंचने वाले ज्यादातर रास्ते कट चुके हैं. किसी तरह डेरना पहुंचे एक राहतकर्मी के मुताबिक शहर के केंद्र में मलबा और इधर उधर फंसे शव दिखाई पड़ रहे हैं.
250 किलोमीटर दूर बेनगाजी से डेरना पहुंचे, इमाद अल फलाह ने समाचार एजेंसी एपी से टेलीफोन पर बात करते हुए कहा, "हर जगह शव हैं, घरों के भीतर, सड़कों पर और समंदर में. आप जहां भी जाएंगे आपको पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के शव दिखेंगे. पूरे परिवार उजड़ चुके हैं."
भूमध्यसागर के तूफान डेनियल ने पूर्वी लीबिया के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश की. इसकी सबसे बुरी मार डेरना पर पड़ी. डेरना के बीच से बहने वाली नदी वादी डेरना ने उग्र रूप ले लिया. पहाड़ी इलाके में वादी डेरना पर बने दो बांध ढह गए. इसके चलते नदी सात मीटर ऊंची बहने लगी और डेरना शहर के बड़े हिस्से को बहाते हुए समंदर में ले गई. शहर के दोनों इलाके एक दूसरे से कट चुके हैं. उन्हें जोड़ने वाले पुल टूट चुके हैं.
पहुंचने लगी हैं रेस्क्यू टीमें
दक्षिणी लीबिया से डेरना को जोड़ने वाली दो सड़कें इस्तेमाल के लायक बची है. राहत और बचाव कर्मियों की टीमें इन्हीं सड़कों से डेरना पहुंचने की कोशिश कर रही हैं. माना जा रहा है कि मृतकों की संख्या अभी कई गुना बढ़ सकती है. रेस्क्यू टीमें अब डेरना पहुंचने लगी हैं. रविवार की बाढ़ ने शहर के 40,000 लोगों को घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है. मानवीय मदद करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के मुताबिक डेरना तो पहचान में ही नहीं आ रहा है. पीड़ित परिवारों तक मदद पहुंचाने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है.
इस बीच यूरोपीय संघ ने लीबिया को तत्काल पांच लाख यूरो की सहायता दी है. लीबिया के पड़ोसी मिस्र, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया और तुर्की ने वहां रेस्क्यू टीमें और मानवीय मदद भेजी है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इमरजेंसी फंड भेजने का एलान किया है.
ओएसजे/एनआर (एपी)
लीबिया में 10 हजार लोग लापता: रेड क्रॉस
पूर्वी लीबिया में ताकतवर तूफान ने कई बांध तोड़े. अधिकारियों के मुताबिक एक पूरा जिला साफ हो चुका है.
तस्वीर: Anadolu Agency/picture alliance
मिट गया डेरना
पूर्वी लीबिया का डेरना शहर नक्शे से गायब हो चुका है. भीषण बाढ़ ने वहां दो बांध तोड़ दिए. इसके बाद कई मीटर ऊंची बाढ़ सबकुछ तबाह करते हुए आगे बढ़ी. शहर का करीब 25 फीसदी इलाका बह चुका है.
तस्वीर: AA/picture alliance
हजारों लोग लापता
डेरना एम्बुलेंस अथॉरिटी के मुताबिक डेरना में 2300 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. इंटरनेशनल रेड क्रॉस और रेड क्रीसेंट सोसाइटीज के लीबिया दूत के मुताबिक कम से कम 10 हजार लोग लापता हैं. बाढ़ से पहले डेरना की आबादी करीब 90 हजार थी.
तस्वीर: Omar Jarhman/REUTERS
टूट गए दो बांध
लीबिया में भूमध्यसागर से उठा डेनियल नाम का तूफान भारी बारिश लेकर आया. बारिश के चलते वादी डेरना में बाढ़ आ गई. जीवित बचे लोगों के मुताबिक उन्होंने बांध टूटने का तेज धमाका सुना और उसके बाद तो सैलाब के अलावा और कुछ नहीं दिखा.
डेरना के एक निवासी अहमद अब्दल्ला ने कहा, रविवार को आई बाढ़ के दौरान "पानी रास्ते में आने वाली हर चीज को साफ करता गया." वादी डेरेना नदी के दोनों तटों पर स्थित बहुमंजिला इमारतें अब मलबे का ढेर हैं. बड़ा इलाका कीचड़ से पटा है.
तस्वीर: Esam Omran Al-Fetori/REUTERS
ज्यादातर चीजें मलबे में बदलीं
पहाड़ी इलाके से आने वाली नदी पूरी ताकत के साथ कारों और इमारतों को समंदर तक लेकर गई. राहत और बचावकर्मियों अब कई जगहों पर एक के ऊपर एक चढ़ी कारों का ढेर दिख रहा है. बायदा, सुसा, मर्ज, शाहात में भी काफी नुकसान हुआ है.
प्रशासन के मुताबिक वादी डेरना नदी पर बनाए गए दो बांध टूटे. तेल समृद्ध देश में एक दशक से जारी हिंसा के आधार आधारभूत ढांचे पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया.
लीबिया के पूर्व तानाशाह शासन मुअम्मद गद्दाफी के इलाके बेनगाजी में भी बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है. वहां मिस्र की सेना ने हेलिकॉप्टरों से 14 टन मेडिकल सप्लाई भेजी है. यूएन, अमेरिका, ट्यूनीशिया, अल्जीरिया, तुर्किये और यूएई ने भी राहत और बचाव में मदद करने का अश्वासन दिया है.
तस्वीर: Libysche Regierung via AP/dpa/picture alliance
ईयू ने भी मदद का हाथ बढ़ाया
यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेप बोरेल का कहना है कि वह लीबिया के हालात पर नजर बनाए हैं. ईयू ने लीबिया को हर संभव मदद देने का आश्वासन भी दिया है. जर्मनी, इटली और तुर्की ने भी मदद का एलान किया है.