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समाज

चमत्कारी लीगः ऐसा जर्मन गांव जहां एक भी कोविड केस नहीं हुआ

ओलिवर पीपर
२७ अप्रैल २०२१

दुनिया के बाकी देशों की तरह जर्मनी भी कोरोना वायरस की मार झेल रहा है. लेकिन इस विशाल देश में एक ऐसा गांव है जहां एक भी कोविड केस सामने नहीं आया है. ऐसा चमत्कार कैसे हुआ?

तस्वीर: Oliver Pieper/DW

लीग की आबादी है 400. जर्मनी के पश्चिमी राज्य राइनलैंड-पलैटीनेट का यह सुंदर सा गांव मनमोहक दृश्यों वाली मोजेल नदी से सिर्फ छह किलोमीटर दूर है. यहां बहुत से छोटे-छोटे लकड़ी के घर हैं. स्वयंसेवकों के जरिए चलाई जाने वाली फायर सर्विस है. एक स्कूल है. और गांव के बीचोबीच है एक सुंदर चर्च. इस गांव के लोग अब एक कहानी के केंद्र में हैं. एक चमत्कारी कहानी. कोरोना वायरस को आए करीब डेढ़ साल हो गया है लेकिन इस गांव में कोविड-19 का एक भी मामला सामने नहीं आया. ऐसा तब है जर्मनी में कोविड-19 के 33 लाख मामले हुए हैं और 81 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है.

फिर लीग में यह चमत्कार कैसे हुआ?  स्थानीय मेयर हाइंत्स जिलेस भी उतने ही हैरान हैं जितना यह बात सुनने वाले. वह कहते हैं, "हम अब तक अप्रत्याशित रूप से भाग्यशाली रहे हैं. बेशक, कोई गारंटी नहीं है लेकिन वहां ऊपर स्वर्ग में बैठा कोई फरिश्ता शायद हमारा ख्याल रख रहा है." जिलेस कहते हैं कि पिछले दो हफ्तों से वह लगातार मीडिया वालों से बात कर रहे हैं. क्योंकि इस बात के सामने आने के बाद से यह गांव चर्चा में आ गया है. लेकिन 57 साल के जिलेस यह बात समझते हैं कि हर कोई इस चमत्कार का राज़ जानना चाहता है.

यह गांव मोजेल नदी से सिर्फ छह किलोमीटर दूर है. तस्वीर: picture-alliance/dpa/G. Hellier

वह कहते हैं कि दुनियाभर से आ रहीं इतनी नकारात्मक खबरों के बीच हमारी कहानी एक सकारात्मक संदेश देती है. वह बताते हैं, "इस चमत्कार के पीछे सामुदायिक भावना की बड़ी भूमिका है. बहुत से लोग स्वयंसेवा करते हैं. लोग हाथ खड़ा करते हैं और काम पूरा करते हैं. हम सब ‘टीम लीग' के सदस्य हैं और सभी उतना करते हैं जितना कर सकते हैं."

जैसे कि गांव के नौजवानों ने ‘यंग फॉर ओल्ड' नाम का एक समूह बनाया और बुजुर्गों के लिए खरीदारी की जिम्मेदारी संभाली. एक और टीम है जो रोज बुजुर्गों से मिलने जाती है और उनका हाल-चाल लेती है. और मिलने जाते वक्त वे लोग छोटा सा तोहफा ले जाना भी नहीं भूलते. स्कूल के लिए बच्चों के माता-पिता पैसा जुटा रहे हैं ताकि एयर फिल्टर खरीदे जा सकें.

मेयर जिलेस बताते हैं कि कोरोनावायरस की भयावहता को लेकर गांव में किसी को भ्रम नहीं है.

वह कहते हैं, "लोग नियमों का सख्ती से पालन करते हैं. वे समझदार हैं और अनुशासित भी. और वे समझते हैं कि हम दुनियाभर में फैली एक ऐसी बीमारी से लड़ रहे हैं जिसका हमला घातक होता है."

लीग में संक्रमण का एक भी मामला न होने की बात इसलिए भी हैरतअंगेज है क्योंकि वहां के 90 फीसदी लोग काम के लिए बाहर जाते हैं. लेकिन वे फुटबॉल से सीख लेते हुए मजबूत डिफेंस बनाए हुए हैं और इस नियम पर चलते हैं कि एक भी गोल नहीं खाना है. इसके लिए लोग कुर्बानियां भी दे रहे हैं. जैसे कि मार्टिन वाइल के चार घर खाली पड़े रहे जो वह पर्यटकों को किराये पर देते हैं.

लोग नियमों का सख्ती से पालन करते हैं. तस्वीर: Oliver Pieper/DW

वह कहते हैं, "सच कहूं तो मैं अभी खुद भी तय नहीं कर पाया हूं. एक तरफ तो हॉलीडे अपार्टमेंट आदर्श हैं क्योंकि वे लोगों को एक-दूसरे से दूर रखते हैं. पर यह सवाल भी है कि क्या हम ऐसे इलाकों से लोगों को बुलाना चाहते हैं, जहां संक्रमण बहुत ज्यादा है."

मार्टिन वाइल के घर से कुछ ही दूर गांव का इकलौता कोविड टेस्ट सेंटर है. पिछले हफ्ते जब यह सेंटर खुला तो 80 लोग जांच को आए. मिनटों में रिजल्ट मिले औरि सब के सब नेगेटिव पाए गए. मेयर हाइंत्स जिलेस समझते हैं कि यहां "मैं बनाम तुम" की बात नहीं है और एक भी मामला पूरा रिकॉर्ड खराब कर देगा. जिलेस कहते हैं, "ऐसा हुआ तो हम सब इस बात को समझेंगे कि किसी का कसूर नहीं है क्योंकि हम जो कर सकते थे, उसमे हमने कोई कमी नहीं छोड़ी."

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