वैज्ञानिकों को एक ऐसा बैक्टीरिया मिला है जिसे नंगी आंख से देखा जा सकता है. यह जीवाणु अब तक का सबसे बड़ा ज्ञात जीवाणु है.
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वैज्ञानिकों को कैरेबिया के दलदली जंगलों में एक बैक्टीरिया मिला है जिसे जीवाणुओं का माउंट एवरेस्ट कहा जा रहा है. इसका आकार आंख की पलक के बाल जितना है. इसे नंगी आंख से देखा जा सकता है जो इसे अद्भुत बनाता है और वैज्ञानिक उम्मीद कर रहे हैं कि पृथ्वी की सबसे प्राचीन जीवित चीज के बारे में इंसानी समझ को नई दिशा मिल सकती है.
गुरुवार को वैज्ञानिकों ने बताया कि थियोमार्गरीटा मैग्नीफीसा की विशेष बात सिर्फ इसका आकार नहीं है बल्कि इसका अंदरूनी ढांचा भी अन्य जीवाणुओं से अलग है. आमतौर पर जीवाणुओं में डीएनए कोशिकाओं के अंदर तैर रहा होता है लेकिन थियो के डीएनए में छोटी-छोटी झिल्लियां हैं.
वोलांद कहते हैं कि अब तक ऐसे मात्र दो जीवाणुओं का पता था जिनका डीएनए एक झिल्ली के भीतर रहता है. शोध ने दिखाया कि थियोमार्गारीटा मैग्नीफीसा ने समय के साथ साथ कुछ जीन खोए भी हैं, जो कि कोशिकाओं के विभाजन के लिए जरूरी होते हैं.
आपके घर में कहां कहां छुपे हैं बैक्टीरिया?
साफ सफाई के बारे में लोगों को बड़े भ्रम हैं. घर के भीतर सबसे गंदी चीजों पर उनका ध्यान शायद ही जाता है. चेक कीजिए अपनी जानकारी.
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01. तकिया
दिन भर की थकान और धूल धक्कड़ के बाद इंसान जब तकिये पर सिर रखता है तो बड़ा आराम मिलता है. लेकिन धीरे धीरे तकिया बैक्टीरिया और फंगस का अड्डा बन जाता है. तकिये को बीच बीच में बेहद गर्म पानी से धो देना चाहिए. गर्मियों में तकिये को धूप में भी सुखाना चाहिए.
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02. बर्तन धोने का स्पंज
बर्तन धोने वाले स्पंज को दो हफ्ते बाद बदल देना चाहिए. स्पंज को समय पर न बदला जाए तो इसमें सबसे ज्यादा बैक्टीरिया छुपते हैं.
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03. किचन का सिंक
बर्तन धोने के दौरान गंदा पानी सिंक से ही बहता है. इस पानी में फैट, तेल और भोजन के टुकड़े होते हैं. 45 फीसदी सिंक में बैक्टीरिया भरे पड़े होते हैं. इसीलिए बीच बीच में सिंक की सफाई जरूरी है.
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04. किचन का काउंटर
गैस रखने वाली किचन की रैक में 32 फीसदी मौकों पर कीटाणु मिले. आम तौर पर खाना बनाने के बाद काउंटर को कपड़े से पोंछ दिया जाता है, लेकिन इसके बावजूद बैक्टीरिया वहां बच ही जाते हैं.
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05. चॉपिंग बोर्ड
सब्जी काटने वाले बोर्ड पर भी बैक्टीरिया आसानी से छुप जाते हैं. चाकू से मांस, मक्खन या रसीले फल काटते वक्त कटिंग बोर्ड में निशान पड़ते हैं और खाने का सूक्ष्म हिस्सा उनमें फंस जाता है. इसीलिए हर दिन एक बार चॉपिंग बोर्ड को खौलते पानी से धो देना चाहिए.
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06. टूथब्रश होल्डर
इंसान आम तौर पर टूथब्रश बदल देता है, टूथपेस्ट नया ले आता है, लेकिन टूथब्रश होल्डर नहीं बदलता. 27 फीसदी मामलों में इसी में बैक्टीरिया छुपे मिले.
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07. बाथरूम के हैंडल
100 में से नौ घरों के बाथरूमों के हैंडल में बेहद घातक किस्म के बैक्टीरिया मिले. बाथरूम के हैंडल की नियमित सफाई भी जरूरी है.
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08. स्मार्टफोन
एक इंसान हर रोज कम से कम 20 बार स्मार्टफोन की स्क्रीन देखता है. टच स्क्रीन वाले मोबाइल फोनों में भी बैक्टीरिया खूब छिपे रहते हैं. स्मार्टफोन इस्तेमाल करने के बाद हाथ धोने चाहिए.
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2009 सेजारीहैखोज
अमेरिकी ऊर्जा विभाग के जीनोम इंस्टीट्यूट और लैबोरेट्री ऑफ रिसर्च इन कॉम्पलेक्स सिस्टम्स ने संयुक्त रूप से यह शोध किया है. समुद्र-जीव विज्ञानी ज्याँ-मारी वोलांद बताते हैं कि थियो एक आम जीवाणु से एक हजार गुना बड़ा है. शोध प्रतिष्ठित पत्रिका साइंस में प्रकाशित हुआ है. शोध के मुताबिक बैक्टीरिया कैरेबियन सागर में कई स्थानों पर मिला है. सबसे पहले इसे फ्रांसीसी द्वीप ग्वादेलूपे में एक फ्रांसीसी माइक्रोबायोलॉजिस्ट ओलिवर ग्रोस ने देखा था.
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एंटील्स यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले ग्रोस बताते हैं, "में मुझे दलदल में डूबे एक मैंग्रोव पत्ते से लिपटा सफेद फिलामेंट मिला. मुझे यह फिलामेंट बड़ा दिलचस्प लगा तो मैं उसे लैब में ले आया. ग्वादेलूपे के मैंग्रोव में इतना विशाल बैक्टीरिया देखना मेरे लिए बड़ा अचंभा था."
एक आम बैक्टीरिया एक से पांच माइक्रोमीटर लंबा होता है. यह बैक्टीरिया 10,000 माइक्रोमीटर लंबा है. कुछ थियोमार्गरीटा तो इससे दोगुने लंबे भी हैं. वोलांद कहती हैं, "बैक्टीरिया की अधिकतम लंबाई के बारे में हमारे अनुमानों से यह बहुत, बहुत ज्यादा लंबा है. ये उतने ही लंबे हैं जितने कि आंख की पलक के बाल होते हैं." थियो से पहले अब तक का सबसे लंबा ज्ञात बैक्टीरिया 750 माइक्रोमीटर लंबा था.
अद्भुतहैजीवन
जीवाणु ऐसे जीवित एक कोशिकीय ऑर्गेनिजम हैं जो पृथ्वी पर हर जगह मौजूद हैं. ये पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और इन्हें पृथ्वी पर सबसे पहली जीवित चीज माना जाता है. अरबों साल से ये बेहद साधारण ढांचे के साथ ही मौजूद रहे हैं. मनुष्य का शरीर अक्सर बैक्टीरिया के साथ मिलकर काम करता है. कुछ ही जीवाणु ऐसे हैं जो शरीर को बीमार कर सकते हैं.
वैसे, थियोमार्गरीटा से ज्यादा लंबा एक कोशिकीय जीव भी वैज्ञानिक खोज चुके हैं. एक समुद्री शैवाल कॉलेर्पा टैक्सीफोलिया को यह सम्मान हासिल है. यह 15-30 सेंटीमीटर तक लंबा होता है.
वोलांद कहते हैं कि इस बैक्टीरिया की खोज बताती है कि पृथ्वी पर मौजूद जीवन में कैसे अद्भुत और दिलचस्प रहस्य छिपे हुए हैं और खोजे जाने का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "जीवन अद्भुत है. बहुत विविध और बहुत जटिल. बहुत जरूरी है कि हम उत्सुक रहें और दिमाग खुले रखें."
वीके/एए (रॉयटर्स)
कई घरेलू चीजें होती हैं कीड़ों का घर
कई कीड़े ऐसे होते हैं जो हमें नंगी आंखों से आसानी से दिख जाते हैं, लेकिन कई ऐसे होते हैं जिन्हें हम देख नहीं पाते. ये हमारे घरों में छुपे होते हैं और बीमारी का घर बन सकते हैं. इनसे बचना जरूरी है.
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सतर्कता
सोफा पर जितना समय आपका बीतता है, उससे कहीं ज्यादा आपके सोफा में घर बनाएं कीटों का बीतता है. कई कीट इतने छोटे होते हैं कि उन्हें आप सामान्य आंखों से नहीं देख पाते हैं. अपने और परिवार के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि सोफा और कुर्सियों की समय समय पर सफाई करते रहें.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
बच्चों के खिलौने
बच्चों के सॉफ्ट टॉय में भी कीड़े छुप कर रहते हैं. अगर सॉफ्ट टॉय बिस्तर पर ही रहता है तो इसमें कीटों का घुसना और भी आसान है. संभव हो तो इन खिलौनों को समय समय पर धोते रहना चाहिए. कुछ दिन तक रोजाना इन्हें डीप फ्रीज में रखने से भी बैक्टीरिया इत्यादि मर जाते हैं.
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पसंदीदा ठिकाना
खटमल और घुन जैसे छोटे कीट बिस्तर को तकलीफदेह बना सकते हैं. वे घर के बिस्तर और सोफा के अलावा कालीन में रहना भी पसंद करते हैं. अक्सर वे बच्चों के खिलौनों और कपड़ों में भी घर कर लेते हैं.
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कालीन की सफाई
कीटों को कालीन की गर्माहट में रहना बहुत भाता है. जिन लोगों को एलर्जी है, उन्हें घर पर कालीन रखने से बचना चाहिए. खासकर छोटे बच्चों के लिए कालीन का संपर्क बुरा हो सकता है. कालीन में रहने वाले कीटों से एलर्जी भी हो सकती है.
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बिस्तर की सफाई
बिस्तर और बिछौने को धूप दिखाना बेहद जरूरी है. हफ्ते में कम से कम दो बार गद्दे और तकिये को धूप दिखानी चाहिए. घर अगर बंद हो तो पहुंचते ही सबसे पहले खिड़कियां खोलें ताकि ताजा हवा आ सके.
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एलर्जी
खांसी, जुकाम जैसी बीमारियां अक्सर बिस्तर से होने वाली एलर्जी से भी हो सकती हैं. समय समय पर इस बात की जांच जरूरी है कि आपको किस चीज से एलर्जी है. इस तरह की एलर्जी से बचने के लिए बाजार में एंटी एलर्जी बेड भी उपलब्ध हैं. (नूरुन्नहार सत्तार/एसएफ)