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वैज्ञानिकों ने खोजा अब तक का सबसे बड़ा बैक्टीरिया

२४ जून २०२२

वैज्ञानिकों को एक ऐसा बैक्टीरिया मिला है जिसे नंगी आंख से देखा जा सकता है. यह जीवाणु अब तक का सबसे बड़ा ज्ञात जीवाणु है.

Riesige Bakterien in den Mangroven von Guadeloupe gefunden
तस्वीर: Olivier Gros/Lawrence Berkeley National Laboratory/AFP

वैज्ञानिकों को कैरेबिया के दलदली जंगलों में एक बैक्टीरिया मिला है जिसे जीवाणुओं का माउंट एवरेस्ट कहा जा रहा है. इसका आकार आंख की पलक के बाल जितना है. इसे नंगी आंख से देखा जा सकता है जो इसे अद्भुत बनाता है और वैज्ञानिक उम्मीद कर रहे हैं कि पृथ्वी की सबसे प्राचीन जीवित चीज के बारे में इंसानी समझ को नई दिशा मिल सकती है.

गुरुवार को वैज्ञानिकों ने बताया कि थियोमार्गरीटा मैग्नीफीसा की विशेष बात सिर्फ इसका आकार नहीं है बल्कि इसका अंदरूनी ढांचा भी अन्य जीवाणुओं से अलग है. आमतौर पर जीवाणुओं में डीएनए कोशिकाओं के अंदर तैर रहा होता है लेकिन थियो के डीएनए में छोटी-छोटी झिल्लियां हैं.

वोलांद कहते हैं कि अब तक ऐसे मात्र दो जीवाणुओं का पता था जिनका डीएनए एक झिल्ली के भीतर रहता है. शोध ने दिखाया कि थियोमार्गारीटा मैग्नीफीसा ने समय के साथ साथ कुछ जीन खोए भी हैं, जो कि कोशिकाओं के विभाजन के लिए जरूरी होते हैं.

2009 से जारी है खोज

अमेरिकी ऊर्जा विभाग के जीनोम इंस्टीट्यूट और लैबोरेट्री ऑफ रिसर्च इन कॉम्पलेक्स सिस्टम्स ने संयुक्त रूप से यह शोध किया है. समुद्र-जीव विज्ञानी ज्याँ-मारी वोलांद बताते हैं कि थियो एक आम जीवाणु से एक हजार गुना बड़ा है. शोध प्रतिष्ठित पत्रिका साइंस में प्रकाशित हुआ है. शोध के मुताबिक बैक्टीरिया कैरेबियन सागर में कई स्थानों पर मिला है. सबसे पहले इसे फ्रांसीसी द्वीप ग्वादेलूपे में एक फ्रांसीसी माइक्रोबायोलॉजिस्ट ओलिवर ग्रोस ने देखा था.

एंटील्स यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले ग्रोस बताते हैं, "में मुझे दलदल में डूबे एक मैंग्रोव पत्ते से लिपटा सफेद फिलामेंट मिला. मुझे यह फिलामेंट बड़ा दिलचस्प लगा तो मैं उसे लैब में ले आया. ग्वादेलूपे के मैंग्रोव में इतना विशाल बैक्टीरिया देखना मेरे लिए बड़ा अचंभा था."

एक आम बैक्टीरिया एक से पांच माइक्रोमीटर लंबा होता है. यह बैक्टीरिया 10,000 माइक्रोमीटर लंबा है. कुछ थियोमार्गरीटा तो इससे दोगुने लंबे भी हैं. वोलांद कहती हैं, "बैक्टीरिया की अधिकतम लंबाई के बारे में हमारे अनुमानों से यह बहुत, बहुत ज्यादा लंबा है. ये उतने ही लंबे हैं जितने कि आंख की पलक के बाल होते हैं." थियो से पहले अब तक का सबसे लंबा ज्ञात बैक्टीरिया 750 माइक्रोमीटर लंबा था.

कैरेबिया के दलदली जंगलों में यह बैक्टीरिया मिला हैतस्वीर: Yves Pascal/U.S. Department of Energy's Lawrence Berkeley National Laboratory/REUTERS

अद्भुत है जीवन

जीवाणु ऐसे जीवित एक कोशिकीय ऑर्गेनिजम हैं जो पृथ्वी पर हर जगह मौजूद हैं. ये पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और इन्हें पृथ्वी पर सबसे पहली जीवित चीज माना जाता है. अरबों साल से ये बेहद साधारण ढांचे के साथ ही मौजूद रहे हैं. मनुष्य का शरीर अक्सर बैक्टीरिया के साथ मिलकर काम करता है. कुछ ही जीवाणु ऐसे हैं जो शरीर को बीमार कर सकते हैं.

वैसे, थियोमार्गरीटा से ज्यादा लंबा एक कोशिकीय जीव भी वैज्ञानिक खोज चुके हैं. एक समुद्री शैवाल कॉलेर्पा टैक्सीफोलिया को यह सम्मान हासिल है. यह 15-30 सेंटीमीटर तक लंबा होता है.

वोलांद कहते हैं कि इस बैक्टीरिया की खोज बताती है कि पृथ्वी पर मौजूद जीवन में कैसे अद्भुत और दिलचस्प रहस्य छिपे हुए हैं और खोजे जाने का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "जीवन अद्भुत है. बहुत विविध और बहुत जटिल. बहुत जरूरी है कि हम उत्सुक रहें और दिमाग खुले रखें."

वीके/एए (रॉयटर्स)

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