1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
तकनीकसंयुक्त राज्य अमेरिका

अमेरिका में नर चूजों को मारने की प्रथा बदलने के लिए नई तकनीक

२० दिसम्बर २०२४

हर साल अमेरिका में अंडा उद्योग लगभग 35 करोड़ नर चूजों को मार देता है. ये नर चूजे बेहद प्यारे होते हैं, लेकिन वे कभी अंडे नहीं देते, इसलिए उनकी आर्थिक उपयोगिता बहुत कम होती है.

चूजा
नर चूजों के मारने पर कई देशों में रोक लग चुकी हैतस्वीर: Zoonar/picture alliance

अमेरिका में नर चूजों को मारने की पुरानी प्रथा अब बदल रही है. नई तकनीक के जरिए पोल्ट्री फार्म चूजों को जन्म देने वाले अंडों में नर भ्रूण की पहचान कर सकते हैं. उन्हें चूजों में बदलने से पहले नष्ट कर दिया जाता है. यह प्रणाली इस महीने आयोवा स्थित देश के सबसे बड़े पोल्ट्री फार्म में शुरू हुई, जहां हर दिन लगभग 3.87 लाख अंडों का उत्पादन होता है.

जर्मन कंपनी एग्री एडवांस्ड टेक्नोलॉजीज (एएटी) के प्रबंध निदेशक योर्गे हर्लिन ने कहा, "हम अब नैतिक रूप से पैदा हुए अंडे खा सकते हैं." यह कंपनी 10 वर्षों से बड़ी कार के आकार की एक मशीन विकसित कर रही थी, जो नर और मादा अंडों की पहचान कर सकती है.

चूजों को मारने की प्रक्रिया पर बहस

अमेरिका में जो लोग "केज फ्री" या "फ्री रेंज" अंडे खरीदते हैं, वे भी इस बात से अनजान होते हैं कि हर साल करोड़ों नर चूजों को मारा जाता है. यह आमतौर पर एक प्रक्रिया से किया जाता है जिसे मैसेरेशन कहते हैं. इसमें घूमती हुई ब्लेड से चूजों को तुरंत मार दिया जाता है.

आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर सुजैन मिलमैन ने कहा, "क्या जानवर को दर्द होता है? नहीं, क्योंकि यह तात्कालिक मौत है. लेकिन यह भयानक लगता है क्योंकि इसमें घूमते हुए ब्लेड का इस्तेमाल होता है."

पोल्ट्री उद्योग ने दशकों तक अंडों और मांस के लिए अलग-अलग मुर्गियों को पाला है. अंडा देने वाली मुर्गियां मांस के लिए बहुत दुबली होती हैं, इसलिए नर चूजों को पीसकर दूसरी चीजों में उपयोग किया जाता है.

जब यूरोपीय सरकारों ने नर चूजों को मारने पर रोक लगाने वाले कानून पारित किए, तब कंपनियों ने यह पता लगाना शुरू किया कि चूजों के अंडे से निकलने के पहले उनके लिंग की पहचान कैसे की जाए. कई कंपनियां अब यह काम कर सकती हैं. नई तकनीक में अंडे के खोल को छेदने की जरूरत नहीं होती. यह एक तेज रोशनी और संवेदनशील कैमरों का उपयोग करके पंखों के रंग से भ्रूण का लिंग पहचानती है. नर चूजे सफेद होते हैं और मादा चूजे गहरे रंग के.

कैसी है नई तकनीक

इस मशीन को "चेजी" कहा जाता है. यह एक घंटे में 25,000 अंडों की जांच कर सकती है. यह प्रणाली आयोवा के छोटे से शहर विल्टन और टेक्सस में है, जहां दोनों पोल्ट्री फार्म हाई-लाइन नॉर्थ अमेरिका कंपनी चलाती है. 

एक मुश्किल यह है कि यह प्रक्रिया केवल भूरे अंडों पर काम करती है, क्योंकि सफेद अंडों में नर और मादा चूजों के पंख एक जैसे दिखते हैं. यूरोप में यह बड़ी समस्या नहीं है, जहां ज्यादातर अंडे भूरे होते हैं. हालांकि अमेरिका में, सफेद अंडे की बिक्री 81 फीसदी है. भूरे अंडे विशेष रूप से वे लोग खरीदते हैं जो "केज फ्री," "फ्री रेंज," और ऑर्गेनिक अंडे पसंद करते हैं.

यह तकनीक केवल भूरे अंडों में ही चूजों के लिंग की पहचान कर सकती हैतस्वीर: AFP/Getty Images

हर्लिन ने कहा कि उनकी कंपनी पांच साल के अंदर सफेद अंडों के लिए प्रणाली विकसित कर लेगी. दूसरी कंपनियां भी बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए काम कर रही हैं. जीन तकनीक का इस्तेमाल कर यह कोशिश की जा रही है कि नर चूजे पैदा ही ना हों.

इस प्रणाली से तैयार अंडे नेस्टफ्रेश एग्स द्वारा सप्लाई किए जाएंगे. यह दक्षिणी कैलिफोर्निया की एक कंपनी है जो छोटे संचालन से ऑर्गेनिक अंडे वितरित करती है. ये अंडे जुलाई के मध्य से बाजार में उपलब्ध होंगे. नेस्टफ्रेश के कार्यकारी उपाध्यक्ष जेसन उरेना ने कहा कि उनकी कंपनी पैकेजिंग और बड़े प्रचार के जरिए इस नई प्रक्रिया को उजागर करेगी.

उन्होंने कहा, "यह पशु कल्याण में एक बड़ा कदम है. हमने कई साल से फार्मों पर बहुत काम किया है. अब हम हैचिंग की प्रक्रिया में सुधार कर सकते हैं."

क्या फंगस बनेगा भविष्य का आहार

05:30

This browser does not support the video element.

मूल्य और प्रतिक्रिया

उरेना ने कहा कि यह प्रणाली अधिक महंगी थी, लेकिन स्टोर में अंडों कीमत में बढ़ोतरी ना के बराबर होगी. पशु कल्याण समूह मर्सी फॉर एनिमल्स ने एक दशक से अधिक समय तक नर चूजों को मारने की प्रक्रिया पर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है.

समूह के विशेषज्ञ वॉल्टर सांचेज-सुआरेज ने कहा कि यूरोप में कानून और अमेरिका में यह नई प्रक्रिया महत्वपूर्ण कदम हैं. हालांकि, उन्होंने इसे बड़े लक्ष्य की ओर एक छोटा कदम बताया.

उन्होंने कहा, "मर्सी फॉर एनिमल्स का मानना है कि यह महत्वपूर्ण है, लेकिन पोल्ट्री उत्पादकों को यहीं नहीं रुकना चाहिए. उन्हें अन्य समस्याओं पर भी ध्यान देना चाहिए. ऐसे विकल्प तलाशें जो जानवरों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए बेहतर हों."

वीके/एए (एपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें