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अपराधयूरोप

दुनिया भर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा का विरोध

२६ नवम्बर २०२१

महिलाओं के खिलाफ हिंसा के खात्मे के अंतरराष्ट्रीय दिवस के मौके पर दुनिया के अलग अलग कोनों में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए. ये प्रदर्शन यूरोप और लैटिन अमेरिका के कई देशों में देखे गए.

Chile I Violence Against Women
तस्वीर: Esteban Felix/AP/picture alliance

इस मौके पर हजारों लोगों ने पेरिस और लंदन से ले कर मेक्सिको सिटी, मैड्रिड और बार्सिलोना में रैलियां निकालीं. चिली, वेनेजुएला, बोलीविया, उरुग्वे और ग्वाटेमाला में भी रैलियां निकाली गईं. मेक्सिको में एक प्रदर्शन के दौरान दिखाई दे रहे एक बैनर पर लिखा था, "वो मरीं नहीं. उन्होंने उन्हें मार दिया."

मेक्सिको में रोज लगभग 10 महिलाओं की हत्या कर दी जाती है. संयुक्त राष्ट्र के स्थानीय कार्यालय के मुताबिक लैटिन अमेरिका और कैरिबियन में 2020 में कम से कम 4,091 महिलाओं की हत्या कर दी गई थी. मेक्सिको सिटी में प्रदर्शनों के दौरान हाथ में हथोड़े लिए कुछ प्रदर्शनकारियों ने हाव पुलिस अफसरों से उनकी ढालें छीन लेने की कोशिश की तो पुलिस ने उन पर धुंआ बम छोड़ दिए.

"अब एक भी और मौत नहीं"

तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया. ये प्रदर्शनकारी सरकार से मांग कर रहे थे कि वो फिर से महिलाओं की सुरक्षा करने के लिए बनाई गई संधि इस्तांबुल कन्वेंशन को स्वीकार कर ले.

तस्वीर: Esteban Felix/AP/picture alliance

तुर्की की सरकार ने कुछ महीनों पहले इस संधि से खुद को अलग कर लिया था. उसने कहा था कि संधि के लैंगिक बराबरी के सिद्धांत पारंपरिक पारिवारिक मूल्यों को कमजोर कर देंगे. अधिकार समूहों का कहना है कि इस साल अभी तक देश में 345 महिलाओं की हत्या कर दी गई है.

स्पेन में भी मैड्रिड और बार्सिलोना की सड़कों पर हजारों लोग उतर आए और उनके बैंगनी रंग के झंडों से सड़कें भर गईं. वैलेंसिया, सेविल और दूसरे कई शहरों में भी रैलियां निकाली गईं." राजधानी में बैंगनी मास्क, टोपियां और स्कार्फ पहने प्रदर्शनकारी एक बड़ा बैनर लेकर चल रहे थे जिस पर लिखा था, "बहुत हुई महिलाओं के खिलाफ पुरुषों की हिंसा. अब समाधान चाहिए!"

एक वैश्विक संकट

दूसरे बैनरों पर लिखा था, "अब एक भी और मौत नहीं." शहर की कई नामी इमारतों को भी बैंगनी रंग की रोशनी से सजाया गया था. उनके सामने से गुजरते प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे, "सब लोग यहां नहीं हैं. जो मारे गए वो यहां नहीं हैं."

तस्वीर: Kemal Aslan/AP/picture alliance

30 वर्षीय छात्रा लेस्ली होगिन ने कहा, "ये विश्व स्तर पर एक अभिशाप है और एक बहुत बड़ी समस्या है. अब समय आ गया है कि हमारे शरीर, हमारी जिंदगी और हमारे फैसलों के खिलाफ पितृसत्तात्मक हिंसा का अंत होना चाहिए." कई लोगों ने महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई.

50 वर्षीय सरकारी अधिकारी मारिया मोरान ने कहा, "हमारे खिलाफ हिंसा कई रूपों में होती है और अब हम इस से तंग आ गए हैं. हम चाहते हैं कि वेश्यावृत्ति का अंत हो और हत्याओं, शोषण और बलात्कारों का भी अंत हो." 

लैंगिक बराबरी के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूएन वीमेन के मुताबिक दुनिया भर में हर तीसरी महिला के साथ शारीरिक या यौन हिंसा हुई है. संस्था की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सिमा बहाउस ने एक वीडियो संदेश में कहा, "महिलाओं के खिलाफ हिंसा एक वैश्विक संकट है. हम सबके मोहल्लों में ही लड़कियां और महिलाएं खतरे में जी रही हैं."

सीके/एए (एएफपी)

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