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राजनीतिलेबनान

लेबनान से हजारों लोग युद्ध-ग्रस्त सीरिया की ओर भागे

२९ सितम्बर २०२४

लेबनान में इस्राएली बमबारी की वजह से करीब पांच लाख लोग विस्थापित हुए हैं. इसमें सबसे ज्यादा बुरी स्थिति सीरिया शरणार्थियों की है. वे ना तो आसानी से अपने देश लौट सकते हैं और ना ही उन्हें लेबनानी सरकार से मदद मिलेगी.

लेबनान में इस्राएली हमलों के बाद सीरिया की तरफ भागते हजारों लोग
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने शुक्रवार को बताया कि बीते 72 घंटे में लेबनान से तीस हजार से ज्यादा लोग सीरिया में दाखिल हो चुके हैंतस्वीर: Ammar Safarjalani/Xinhua/picture alliance

लेबनान की राजधानी बेरुत के बाहरी इलाके पर जब एक महीने पहले इस्राएल ने पहली बार हमला किया था, तो मंसूर ओमर ने सोचा था कि उन्हें रहने के लिए कोई और जगह तलाशनी होगी. वह कहते हैं, "हमले के बाद से ही मैं चिंतित था, क्योंकि जहां पर पहला हमला हुआ, मैं उसके बहुत करीब रह रहा था." ओमर सीरिया शरणार्थी हैं जो अपने देश में चल रहे गृह युद्ध की वजह से बीते नौ साल से बेरुत में रह रहे हैं.

वह कहते हैं, "इस हफ्ते हमले शुरू होने के बाद मैंने बाहरी इलाके में कोई दूसरी जगह तलाशने की कोशिश की, लेकिन वो लोग किराया बहुत ज्यादा मांग रहे थे." इसलिए उनका परिवार कहीं नहीं गया. इसी हफ्ते इस्राएल ने पड़ोसी लेबनान में हमलों की झड़ी लगा दी. उसका कहना है कि यह कार्रवाई लेबनान की शिया मिलिशिया हिज्बुल्लाह के हमलों को रोकने के लिए की गई है. इसमें महिलाओं और बच्चों समेत 700 लोग मारे गए. इससे पांच दिन के भीतर लेबनान में पांच लाख लोग विस्थापित हो गए.

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'सरकार मुझे नहीं छोड़ेगी'

यही वजह थी कि ओमर ने अपनी नौकरी छोड़ी और परिवार को लेकर लेबनान के एक गांव में रहने चले गए. वह कहते हैं, "जो भी लोग सक्षम हैं, वो अपने परिवारों के साथ वापस सीरिया जा रहे हैं." लेकिन 32 साल के ओमर कहते हैं कि वह ऐसा नहीं कर सकते. उन्होंने कहा, "अगर मैंने ऐसा किया तो वहां की सरकार मुझे नहीं छोड़ेगी." ओमर सीरिया की सरकार के खिलाफ नहीं लड़े थे लेकिन उन्होंने सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था. गृह युद्ध के दौरान जो भी सीरिया से भागा, उसे तानाशाह बशर अल असद की सरकार गद्दार के तौर पर देखती है.

सीरियाई हमलों में दक्षिणी बेरुत के रिहायशी इलाके को तहस नहस कर दिया तस्वीर: Hassan Ammar/dpa/AP/picture alliance

मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि सीरिया वापस लौटने वाले बहुत से लोगों को हिरासत में लिया जाता है, उन्हें प्रताड़ित किया जाता है और जबरदस्ती सीरिया सेना में भर्ती किया जाता है. फिर भी हजारों लोग वापस सीरिया जा रहे हैं. लेबनानी अधिकारियों के अनुसार, इस हफ्ते गुरुवार तक, करीब 15,600 सीरियाई नागरिक और 16,130 लेबनानी नागरिक सीमा को पारकर सीरिया में दाखिल हुए हैं.

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कौन जा रहा है सीरिया

लेबनानी नागरिकों के लिए सीरिया में जाना आसान है, क्योंकि बॉर्डर पर बहुत ज्यादा सख्ती नहीं है और दोनों देशों की राजनीति और अर्थव्यवस्थाएं एक दूसरे के साथ गुंथी हुई हैं. लेबनानी लोगों को आने के लिए वीजा की जरूरत नहीं पड़ती. बहुत से सीरियाई लोगों के परिवार लेबनान में है और लेबनानी लोगों के सीरिया में.

एक लेबनानी व्यक्ति ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि वह सीरिया लौटना नहीं चाहता था लेकिन इस्राएली बमबारी के दौरान जब परिवार ने अपने साथ रहने के लिए बुलाया, तो उसके पास कोई और चारा नहीं था. इसी तरह दक्षिणी लेबनान की एक महिला ने सीमा पर एसोसिएट प्रेस को बताया कि वह अपने भाई की सीरियाई पत्नी के साथ सफर कर रही हैं और वे दोनों अपने ससुराल में रहने जा रही हैं.

माना जाता है कि सीरिया में गृह युद्ध छिड़ने के बाद से 15 से 20 लाख सीरियाई लेबनान में रह रहे हैं. इसमें से लगभग आठ लाख लोगों ने खुद को संयुक्त राष्ट्र के साथ शरणार्थी के तौर पर रजिस्टर किया है. अगर वे लेबनान को छोड़कर सीरिया जाएंगे तो उनका शरणार्थी का दर्जा खत्म हो जाएगा. लेबनान की अपनी खुद की आबादी 52 लाख है. देश में हाल के समय में आर्थिक और राजनीतिक संकट के कारण हालात बिगड़े हैं. ऐसे में लेबनानी और विस्थापित सीरियाई लोगों में तनाव बढ़ रहा है

रिपोर्ट: ओमर अलबाम (इदलीब में) और कैथरीन शैर

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