मिशिगन में 15 साल के एक हाई स्कूल के छात्र ने अपने स्कूल में अचानक गोलियां चला दीं, जिसमें तीन छात्र मारे गए. राज्य के गवर्नर ने स्कूलों के परिसरों में होने वाली गोलीबारी को एक विशिष्ट रूप से अमेरिकी समस्या बताया है.
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घटना मिशिगन में डेट्रॉइट से करीब 65 किलोमीटर दूर ऑक्सफर्ड हाई स्कूल की है. 15 वर्षीय इस छात्र ने मंगलवार 30 नवंबर को स्कूल में ही अचानक एक सेमी-ऑटोमैटिक हैंडगन से गोलियां चला दीं. मरने वाले तीनों छात्र थे, जबकि घायल होने वाले आठ लोगों में से एक शिक्षक हैं और बाकी सब छात्र.
इनमें से दो की सर्जरी चल रही है और बाकी छह की हालत स्थिर है. पुलिस ने बताया कि गोली चलाने वाले छात्र को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन उसकी मंशा का अभी तक पता नहीं चल पाया है.
'अमेरिकी' समस्या
उसने यह काम अकेले किया और करीब 15-20 गोलियां चलाईं. उसने पुलिस को अपने इरादों के बारे में कुछ नहीं बताया और अपने माता-पिता की सलाह पर वकील से सलाह लेने के अधिकार की मांग की.
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पत्रकारों से बात करते हुए "अपने प्रियजन को खो देने के अकल्पनीय दुख से गुजर रहे परिवारों" के प्रति संवेदना व्यक्त की. इससे पहले भी अमेरिका में स्कूलों में कई बार इस तरह गोली चलाने की घटनाएं हो चुकी हैं.
अमेरिका में बंदूकों के इस्तेमाल पर नियंत्रण पर हमेशा बहस छिड़ी रहती है. कई राज्यों में हथियार रखने को बहुत आसान बना दिया गया है. मिशिगन के राज्यपाल ग्रेचेन व्हिटमर ने कहा, "ये विशिष्ट रूप से एक अमेरिकी समस्या है जिसका हमें समाधान निकालने की जरूरत है."
स्कूल रहते हैं तैयार
स्कूल की 15 वर्षीय छात्र ऐबी होडर ने डेट्रॉइट फ्री प्रेस को बताया कि वो केमिस्ट्री की कक्षा में थीं जब उन्होंने कांच के टूटने की आवाज सुनी. उन्होंने बताया, "मेरे शिक्षक बाहर की तरफ भागे और टेबलों को धक्का देने लगे. हमें स्कूल में सिखाया जाता है कि ऐसी स्थिति में बैरिकेड कर लेना चाहिए इसलिए हम सब को यह पता था. फिर हम सब टेबलों को धक्का देने लगे."
पुलिस ने इस तरह की घटना के लिए तैयार रहने की और व्यवस्थित तरीके से लोगों को निकाल लेने की सराहना की. ओकलैंड काउंटी के पुलिस अधिकारी माइकल बाउचर्ड ने बताया कि वो बंदूक छात्र के पिता ने खरीदी थी, लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम कि बंदूक खरीदने का कारण क्या था.
बाउचर्ड ने यह भी बताया कि छात्र ने उस बंदूक को चलाने की प्रैक्टिस भी की थी और उसकी तस्वीरें भी ऑनलाइन डाली थी. एक और पुलिस अधिकारी माइक मैक केब ने बताया कि सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि स्कूल में गोली चलने की एक घटना हो सकती है इस तरह की चर्चा पहले से चल रही थी, लेकिन पुलिस अभी इस बात की जांच करेगी.
सीके/एए (रॉयटर्स, एपी)
हथियारों की सबसे बड़ी दुकान है अमेरिका
दुनिया में हथियारों की खरीद बिक्री पर नजर रखने वाले इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बताया है कि 2013-17 के बीच हथियारों की बिक्री 10 फीसदी बढ़ गई है. देखिए दुनिया में हथियारों के बड़े दुकानदार और खरीदार देशों को.
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संयुक्त राज्य अमेरिका
हथियारों के सौदागर के रूप में सबसे आगे चलने वाले अमेरिका ने अपनी बढ़त और ज्यादा कर ली है. बीते पांच सालों में दुनिया में बेचे गए कुल हथियारों का करीब एक तिहाई हिस्सा यानी करीब 34 फीसदी अकेले अमेरिका ने बेचे. अमेरिकी हथियार कम से कम 98 देशों को बेचे जाते हैं. इनमें बड़ा हिस्सा युद्धक और परिवहन विमानों का है.
तस्वीर: Reuters/Erik De Castro
सऊदी अरब
अमेरिका अपने हथियारों का करीब आधा हिस्सा मध्यपूर्व के देशों को बेचता है और करीब एक तिहाई एशिया के देशों को. सऊदी अरब मध्य पूर्व में हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार है. दुनिया में बेचे जाने वाले कुल हथियार का करीब दसवां हिस्सा सऊदी अरब को जाता है. सऊदी अरब हथियारों की दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा खरीदार देश है. अमेरिका के 18 फीसदी हथियार सऊदी अरब खरीदता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
रूस
अमेरिका के बाद हथियार बेचने वालों में दूसरे नंबर पर है रूस. बेचे गए कुल हथियारों में 20 फीसदी रूस से निकलते हैं. रूस दुनिया के 47 देशों को अपने हथियार बेचता है साथ ही यूक्रेन के विद्रोहियों को भी. रूस के आधे से ज्यादा हथियार भारत, चीन और विएतनाम को जातें हैं. रूस के हथियार की बिक्री में 7.1 फीसदी की कमी आई है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo
फ्रांस
हथियारों बेचने वाले देशों में तीसरे नंबर पर है फ्रांस. कुल हथियारों की बिक्री में उसकी हिस्सेदारी 6.7 फीसदी की है. फ्रांस ने हथियारों की बिक्री में करीब 27 फीसदी का इजाफा किया है और वह दुनिया की तीसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश बन गया है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J.-L. Brunet
जर्मनी
फ्रांस के बाद जर्मनी का नंबर आता है. बीते पांच सालों में जर्मनी की हथियार बिक्री में कमी आई है बावजूद इसके वह चौथे नंबर पर काबिज है. जर्मनी ने मध्य पूर्व के देशों को बेचे जाने वाले हथियारों में करीब 109 फीसदी का इजाफा किया है.
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चीन
अमेरिका और यूरोप के बाद हथियार नियातकों में नंबर आता है चीन का. बीते पांच सालों में उसके हथियारों की बिक्री करीब 38 फीसदी बढ़ी है. चीन के हथियारों का मुख्य खरीदार पाकिस्तान है. हालांकि इसी दौर में अल्जीरिया और बांग्लादेश भी चीन के हथियारों के बड़े खरीदार बन कर उभरे हैं. चीन ने म्यांमार को भी भारी मात्रा में हथियार बेचे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/L.Xiaolong
इस्राएल
हथियारों की एक बड़ी दुकान इस्राएल में है. बीचे पांच सालों में उसने अपने हथियारों की बिक्री करीब 55 फीसदी बढ़ाई है. इस्राएल भारत को बड़ी मात्रा में हथियार बेच रहा है.
तस्वीर: Reuters
दक्षिण कोरिया
हथियारों के कारोबार में अब दक्षिण कोरिया का भी नाम लिया जाने लगा है. उसने अपने हथियारों की बिक्री बीते पांच सालों में करीब 65 फीसदी बढ़ाई है.
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तुर्की
इस दौर में जिन देशों के हथियारों की बिक्री ज्यादा बढ़ी है उनमें तुर्की भी शामिल है. उसने हथियारों का निर्यात 2013-17 के बीच करीब 165 फीसदी तक बढ़ा दिया है.
तस्वीर: Reuters/O. Orsal
भारत
हथियारों के खरीदार देश में भारत इस वक्त सबसे ऊपर है. दुनिया में बेच जाने वाले कुल हथियारों का 12 फीसदी भारत ने खरीदे हैं. इनमें करीब आधे हथियार रूस से खरीदे गए हैं. भारत ने अमेरिका से हथियारों की खरीदारी भी बढ़ा दी है इसके अलवा फ्रांस और इस्राएल से भी भारी मात्रा में हथियार खरीदे जा रहे हैं.
तस्वीर: REUTERS/A. Abidi
पाकिस्तान
पाकिस्तान के हथियारों की खरीदारी में कमी आई है. फिलहाल दुनिया में बेचे जाने वाले कुल हथियारों का 2.8 फीसदी पाकिस्तान में जाता है. पाकिस्तान ने अमेरिका से हथियारों की खरीदारी काफी कम कर दी है.