टिक टॉक ने कहा कि ऐसे लोकप्रिय अकाउंट अब लाइव स्ट्रीम वीडियो के लिए मंथली सब्सक्रिप्शन के जरिए पैसे वसूल सकते हैं. हालांकि टिक टॉक स्टार्स और सब्सक्राइबर के लिए कंपनी की कुछ शर्तें भी हैं.
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टिक टॉक ने घोषणा की है कि कुछ अकाउंट्स को लाइव स्ट्रीम के लिए फीस लेने की इजाजत दी जा रही है. शॉर्ट वीडियो ऐप टिक टॉक ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, "लाइव सब्सक्रिप्शन सुविधा वीडियो सामग्री बनाने वाले क्रिएटर्स के लिए कमाई की एक विविध स्रोत बनाने की रणनीति का हिस्सा है." सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम और मेटा की फेसबुक पहले ही कंटेंट क्रिएटर्स के लिए रेवेन्यू कमाने के लिए फीचर पेश कर चुकी हैं.
टिक टॉक पर शॉर्ट वीडियो शेयर किए जाते हैं और पिछले कुछ सालों में यह प्लेटफॉर्म बेहद लोकप्रिय हुआ है. टिक टॉक के फिलहाल एक अरब से ज्यादा यूजर्स हैं. दूसरी ओर अपने यूजर्स को कमाई के मौके नहीं देने के लिए टिक टॉक की आलोचना की जाती रही है.
टिक टॉक ने कहा कि इस सप्ताह पेश किया जा रहा सब्सक्रिप्शन फीचर अभी के लिए सिर्फ इन्विटेशन पाने वाले क्रिएटर्स के लिए उपलब्ध होगा, लेकिन आने वाले महीनों में इसका वैश्विक स्तर पर विस्तार किया जाएगा. हालांकि क्रिएटर्स कितनी कमाई कर सकेंगे इसका खुलासा कंपनी ने नहीं किया.
कंपनी ने कहा, "क्रिएटर्स और दर्शकों के बीच और भी अधिक व्यक्तिगत संबंध को बढ़ाने के लिए एक्सक्लूसिव सब्सक्राइबरों को चैट मोड में जाने की सुविधा होगी."
कैसे पहचानें 'डीपफेक'
जैसे जैसे टेक्नोलॉजी प्रगति कर रही है, असली तस्वीरों और 'डीपफेक' में फर्क करना बहुत मुश्किल होता जा रहा है. फिर भी कुछ सुराग जरूर हैं जिनका इस्तेमाल करके आप इनका पता लगा सकते हैं. पेश हैं ऐसा करने के कुछ तरीके.
तस्वीर: thispersondoesnotexist.com
चेहरों के कोनों को देखिए
डच नेता मार्क रट की इस तस्वीर को देखिए. उनकी कॉलर पर एक सिकुड़न दिखाई दे रही है. जब डीपफेक में चेहरे बदले जाते हैं तो उनमें इसी तरह की असंगतियां रह जाती हैं. ये अधिकतर तब नजर आती हैं जब बदले हुए हिस्से के कोने कपड़ों, बालों या गहनों के नजदीक हों.
तस्वीर: De Correspondent
झुमकों से भी मिलते हैं सुराग
इस तस्वीर में दोनों कानों के झुमके एक दूसरे से काफी अलग हैं. जेनेरेटिव एडवर्सरियल नेटवर्क (जीएन) के लिए जटिल गहनों की बारीकियों को बनाना मुश्किल होता है. वो अक्सर कानों में अलग अलग झुमके छोड़ देता है जबकि अधिकांश लोग झुमकों को इस तरह नहीं पहनते हैं. इसके अलावा अगर आप गौर से उस बिंदु को भी देखेंगे जहां झुमका कान से लटकता है तो आपको दिख जाएगा की तस्वीर असली है या डीपफेक.
तस्वीर: thispersondoesnotexist.com
चश्मों का रहस्य
अगर आप गौर से नहीं देखेंगे तो शायद आप इस बात पर ध्यान नहीं दे पाएंगे कि इस तस्वीर में जो चश्मा है उसके दाहिने तरफ का फ्रेम बाएं फ्रेम से अलग है. एक फ्रेम ज्यादा अंडाकार है तो दूसरा ज्यादा आयताकार. क्या आपने इस पर ध्यान दिया?
तस्वीर: thispersondoesnotexist.com
पीछे का दृश्य भी बताता है कहानी
पीछे के ऐसे दृश्यों पर कभी भरोसा मत कीजिए जो फोकस की गहराई की कमी से धुंधला दिखने की जगह मंगल गृह की सतह जैसे दिखते है. जैसे इस तस्वीर में पीछे के दृश्य को देखिए. यहां क्या हो रहा है? ये कहां की तस्वीर हो सकती है? क्या आप इस पर भरोसा कर पा रहे हैं?
तस्वीर: thispersondoesnotexist.com
दांतों से संकेत
जीएन के लिए दांतों की बनावट की भी कल्पना करना मुश्किल है. कभी कभी साफ दिखाई दे रहा होता है कि दांत अलग अलग आकार के हैं और उनके कोने भी साफ नजर नहीं आ रहे हैं. क्या आप इस तस्वीर में ऐसे दांत देख पा रहे हैं?
तस्वीर: thispersondoesnotexist.com
कपड़ों पर भी नजर डालिए
कपड़ों में काफी विविधता होती है और सब लोग अलग अलग तरह के कपड़े पहनते हैं. लेकिन यहां क्या हो रहा है? क्या ऐसा नहीं लग रहा है कि इस व्यक्ति के गले के बाल उसकी शर्ट के ऊपर जा रहे हैं? क्या ऐसा हो सकता है? क्या यह एक शर्ट है? क्या आप इस पर भरोसा कर सकते हैं?
तस्वीर: thispersondoesnotexist.com
बाल भी बताते हैं असलियत
संभव है कि यह पकड़ने में सबसे मुश्किल डीपफेक हो. क्या आप माथे पर बालों को उगते देखने की उम्मीद रखते हैं? क्या आप सुराग को देख पाए? (जूलिया बायर)
तस्वीर: thispersondoesnotexist.com
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लाइव सब्सक्रिप्शन फीचर का लाभ उठाने के लिए क्रिएटर्स या सामग्री निर्माता की उम्र 18 साल होनी चाहिए और सब्सक्राइबर की उम्र भी कम से कम उतनी ही होनी चाहिए. क्रिएटर्स को डिजिटल बैज भी दिए जाएंगे.
इसके अलावा अगले महीने अमेरिका में टिक टॉक प्लस कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है. यह कंपनियों को खास श्रेणियों वाली सामग्री के साथ अपने विज्ञापन चलाने की अनुमति देगा. इससे होने वाली कमाई का एक हिस्सा कंटेंट क्रिएटर्स को भी दिया जाएगा.
क्या इंटरनेट से कुछ मिटा सकते हैं
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यूट्यूब, इंस्टाग्राम और स्नैपचैट जैसे अन्य वीडियो शेयरिंग साइट पहले ही विज्ञापन से होने वाली कमाई को कंटेंट क्रिएटर्स के साझा करने वाला कार्यक्रम चला रहे हैं.
2020 में लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच तनाव होने के बाद से भारत ने कई चीनी ऐप को बैन को कर दिया. इस कदम के पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया गया. बैन की गईं चीनी ऐप्स में टिक टॉक भी शामिल है.
एए /वीके (एएफपी)
जूम मीटिंग की चालाकियां
पिछले दो साल लोगों ने घर से काम तो किया लेकिन वीडियो कॉल से जुड़ीं कई चकमा देने वाली तरकीबें भी सीख लीं हैं. एक्सएमएल मीडिया के एक सर्वे में जूम कॉल के बारे में कई दिलचस्प बातें सामने आईं.
तस्वीर: ROBIN UTRECHT/picture alliance
जूम पर रौब दिखाने के लिए
दो तिहाई लोग कहते हैं कि वीडियो कॉल के दौरान वे अपने कंप्यूटर का कैमरा ऐसे ऐंगल पर रखते हैं जिससे वे ज्यादा रौबदार नजर आएं.
तस्वीर: ROBIN UTRECHT/picture alliance
हेल्दी दिखने के लिए
लगभग एक चौथाई लोगों ने कहा कि उन्होंने जानबूझ कर एक्सरसाइज करते हुए जूम मीटिंग में हिस्सा लिया ताकि वे अनुशासित और सेहत के लिए जागरूक दिखें.
तस्वीर: Nicolas Economou/NurPhoto/picture alliance
ऊपर फॉर्मल, नीचे कैजुअल
82 फीसदी लोगों ने कहा कि वे ज्यादा औपचारिक नजर आने के लिए शरीर के ऊपरी हिस्से पर फॉर्मल कपड़े पहनकर जूम मीटिंग में आए, जबकि नीचे उन्होंने आम घरेलू कपड़े पहने थे
तस्वीर: Hildegardis-Verein/Agathe Lukassek
इंप्रेस करने के लिए बैकग्राउंड
86 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे बहुत सोच-समझकर अपनी बैकग्राउंड चुनते हैं ताकि अच्छा प्रभाव पड़े.
तस्वीर: ROBIN UTRECHT/picture alliance
बस दिखना चाहिए
लगभग 54 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जूम मीटिंग के दौरान वे सिर्फ इसलिए कुछ बोलते हैं ताकि लगे कि वे ध्यान दे रहे हैं.
एक तिहाई लोगों ने कहा कि वे ठीक होने के बावजूद जूम मीटिंग में यह कहते हुए शामिल हुए कि उनकी तबीयत खराब है, ताकि लगे कि वे काम को लेकर कितने प्रतिबद्ध हैं.
तस्वीर: Robin Utrecht/picture alliance
बिजी दिखाने के लिए
56 फीसदी लोगों ने कहा कि जूम मीटिंग के दौरान वे दूसरी झूठी मीटिंग में जाने का बहाना करते हैं ताकि लोगों को लगे कि वे काफी व्यस्त हैं.