वीडियो शेयरिंग ऐप टिक टॉक ने हेट स्पीच नीति का उल्लंघन करने को लेकर कार्रवाई करते हुए 3,80,000 वीडियो डिलीट किए हैं. ऐप ने 64,000 टिप्पणियां और 1,300 अकाउंट हटा दिए हैं.
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आपत्तिजनक सामग्री में नस्लीय उत्पीड़न, गुलामी और होलोकॉस्ट जैसी हिंसक त्रासदियां शामिल थीं जिसे टिक टॉक ने भड़काऊ भाषण वाली नीति का उल्लंघन मानते हुए अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है. सोशल मीडिया ऐप टिक टॉक ने अमेरिका में 3,80,000 वीडियो के साथ साथ 1,300 टिप्पणियां को भी प्रतिबंधित किया है. ऐप ने साथ ही कहा है कि उसने इसी उल्लंघन के तहत 64,000 कमेंट्स डिलीट कर दिए हैं. चीन की बाइटडांस के पास टिक टॉक का स्वामित्व है. पिछले दिनों भारत में टिक टॉक समेत कई चीनी ऐप्स को सुरक्षा का हवाला देते हुए बैन कर दिया गया था.
टिक टॉक अमेरिका के सुरक्षा प्रमुख एरिक हान ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा, "हमारा लक्ष्य टिक टॉक पर नफरत को खत्म करना है. यह संख्या भड़काऊ पोस्ट या नफरत से भरे व्यवहार को पकड़ने में सौ फीसदी सफलता दर को नहीं दर्शाती है लेकिन कार्रवाई के लिए हमारी प्रतिबद्धता का संकेत देती है." चीनी ऐप का कहना है कि उसने ऐसी सामग्री पर कार्रवाई की है जिसमें नस्लीय आधारित उत्पीड़न, "हिंसक त्रासदियों" जैसे कि होलोकॉस्ट और गुलामी प्रथा से इनकार किया गया था.
टिक टॉक पर लोग छोटे अवधि का वीडियो साझा करते हैं और यह अमेरिका में युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय है. हालांकि बीते कुछ हफ्तों में यह राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नजरों पर चढ़ा हुआ है. ट्रंप का कहना है कि यह अमेरका की "राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है." ऐप पर यह भी आरोप लगे कि वह यूजर डाटा चीनी सरकार को देता है लेकिन टिक टॉक इन आरोपों से इनकार करता आया है.
ट्रंप ने टिक टॉक के खिलाफ कार्यकारी आदेश जारी कर समयसीमा दे दी है और बाइटडांस को अमेरिका में कारोबारा बेचने के लिए कहा है. अमेरिकी तकनीकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने टिक टॉक को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है जिस पर ट्रंप ने भी स्वीकृति दे दी है. टेक कंपनी ओरेकल ने भी टिक टॉक खरीदने में दिलचस्पी जाहिर की है.
हाल ही में कंपनी ने एक बयान में कहा था, "टिक टॉक ने कभी अमेरिकी यूजर डाटा को चीनी सरकार को नहीं दिया है और ना ही मांगने पर वह ऐसा करेगी." चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बीच ट्रंप टिक टॉक पर अमेरिकी अधिकारियों की ट्रैकिंग और कॉरपोरेट जासूसी के भी आरोप लगा चुके हैं. चीनी मैसेजिंग ऐप वीचैट पर प्रतिबंध का आदेश भी अमेरिका जारी कर चुका है.
कैसा है टिकटॉक को खरीदने की दावेदार माइक्रोसॉफ्ट का चीन से खास रिश्ता
अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार के सबसे अग्रणी भावी खरीदार के रूप में उभर कर आई है. अगर इन दोनों के बीच सौदा हो जाता है तो ये माइक्रोसॉफ्ट के चीन के प्रति रुख के अनुकूल ही होगा.
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बाकियों से अलग
गूगल और फेसबुक जैसी दूसरी बड़ी अमेरिकी तकनीकी कंपनियां चीन में सरकारी प्रतिबंधों के आगे अपने हाथ खड़े कर चुकी हैं. माइक्रोसॉफ्ट चीन में हर साल दो बिलियन डॉलर कमाता है.
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चीन में माइक्रोसॉफ्ट
चीन में माइक्रोसॉफ्ट के लगभग 6,000 कर्मचारी हैं. देश में विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का काफी इस्तेमाल होता है. कंपनी चीन में अपना ऐज्यूर क्लाउड कंप्यूटिंग उत्पाद भी स्थानीय कंपनी 21वायानेट के साथ मिलकर चलाती है.
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सर्च इंजन और सोशल नेटवर्क
चीन में माइक्रोसॉफ्ट का सर्च इंजन बिंग और सोशल नेटवर्क लिंक्डइन भी चलता है, हालांकि ये अलीबाबा, बाइडू इत्यादि जैसी स्थानीय कंपनियों के सामने छोटे खिलाड़ी हैं.
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आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस
आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस में अग्रणी माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च एशिया माइक्रोसॉफ्ट का चीन में संभवतः सबसे अहम उत्पाद है. इसकी स्थापना 1998 में जाने माने ताइवानी-अमेरिकी वैज्ञानिक कैफू ली की मदद से हुई थी.
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सेंसरशिप
माइक्रोसॉफ्ट चीन में सर्च के नतीजों और दूसरी सामग्री को सेंसर भी करता है और जिस सामग्री को चीनी सरकार संवेदनशील समझती है उसे हटा देता है.
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गिटहब
सॉफ्टवेयर बनाने की वेबसाइट गिटहब को माइक्रोसॉफ्ट ने 2019 में खरीदा था और वह भी चीन में उपलब्ध है. इसका इस्तेमाल चीन में सरकार द्वारा इंटरनेट पर सामग्री को सेंसर किए जाने से पहले संरक्षित करने के लिए एक्टिविस्ट भी करते रहे हैं.
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सरकार से दो-दो हाथ
चीन में माइक्रोसॉफ्ट विंडोज की जाली प्रतियां धड़ल्ले से बिकती हैं. इसको लेकर कंपनी ने कई बार सरकारी कंपनियों के खिलाफ भी अदालतों में मामले दर्ज किए हैं. 2014 में एक जांच के बीच सरकारी एजेंसियों ने माइक्रोसॉफ्ट के चार दफ्तरों पर छापे मारे थे. उसी साल सरकार ने विंडोज आठ पर प्रतिबंध लगा दिया था. 2015 में माइक्रोसॉफ्ट ने एक स्थानीय कंपनी के साथ मिल कर विंडोज 10 का "चीनी सरकार" संस्करण निकाला था.
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बिल गेट्स और चीन
माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स चीन के विषय में आम तौर पर सकारात्मक शब्दों में ही बात करते रहे हैं. वो नवंबर 2019 में राष्ट्रपति शी चिनफिंग की पत्नी से सार्वजनिक रूप से मिले थे. उन्होंने अमेरिकी सरकार द्वारा चीनी कंपनी हुआवे पर लगाए प्रतिबंधों की आलोचना भी की थी. उन्होंने चीनी सरकार के साथ विंडोज का सोर्स कोड साझा करने की बात भी की थी.
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बिल और मेलिंडा गेट्स संस्थान
ये संस्थान चीन में सक्रिय चुनिंदा विदेशी गैर सरकारी संगठनों में से है. इसने कोविड-19 महामारी संबंधित राहत कार्य के लिए चीन को पांच मिलियन डॉलर धनराशि दान में दी है. बिल गेट्स ने महामारी के प्रति चीन की प्रतिक्रिया की सराहना भी की है, जिसके लिए राष्ट्रपति शी ने सार्वजनिक तौर पर उनका धन्यवाद भी किया था. सीके/आरपी (रॉयटर्स)