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दुनिया भर में धूम्रपान करने वालों की संख्या में गिरावट

१८ जनवरी २०२४

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया भर में तंबाकू सेवन और धूम्रपान करने वाले लोगों की संख्या में कमी दर्ज की गई है.

सिगरेट
सिगरेटतस्वीर: Colourbox

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि प्रमुख तंबाकू कंपनियों द्वारा लोगों को धूम्रपान के लिए प्रेरित करने के प्रयास विफल हो रहे हैं और दुनिया भर में युवा पीढ़ियों के बीच तंबाकू का इस्तेमाल नाटकीय रूप से कम हो रहा है.

साल 2000 में जहां हर तीन में से एक व्यक्ति तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल कर रहा था, वहीं अब पांच में से एक ही धूम्रपान या अन्य किसी तंबाकू उत्पादों का सेवन कर रहा है.

हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी देते हुए कहा कि लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थ की लत से छुटकारा दिलाने के लिए अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है. डब्ल्यूएचओ ने अपनी वैश्विक रिपोर्ट में कहा कि साल 2000 में दुनिया भर में 15 साल और उससे अधिक उम्र के करीब 1.36 अरब लोग धूम्रपान करते थे, जबकि साल 2022 में यह संख्या घटकर 1.25 अरब हो गई.

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब दुनिया में हर पांच में से केवल एक व्यक्ति सिगरेट पीता हैतस्वीर: Stefan Meyer/KEYSTONE/picture alliance

घट रही सिगरेट पीने वालों की संख्या

डब्ल्यूएचओ के अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया की आबादी में अपेक्षित वृद्धि के बावजूद तंबाकू का इस्तेमाल 2030 तक लगभग 1.2 अरब लोगों तक कम होने की ओर है. उसने कहा कि दक्षिण पूर्व एशिया और यूरोप में धूम्रपान करने वालों की संख्या सबसे अधिक है, जहां लगभग एक चौथाई आबादी अभी भी तंबाकू की आदी है. शोध के मुताबिक मिस्र, जॉर्डन और इंडोनेशिया समेत कुछ देशों में तंबाकू का इस्तेमाल अभी भी बढ़ रहा है.

अध्ययन में कहा गया है कि देशों के सर्वेक्षण लगातार दिखाते हैं कि ज्यादातर देशों में 13 से 15 साल की उम्र के बच्चे तंबाकू और निकोटीन उत्पादों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनमें ई-सिगरेट जैसे उत्पाद शामिल हैं.

रिपोर्ट में चिंताजनक रूप से यह भी कहा गया है कि दुनिया भर में 13 से 15 साल के औसतन 10 प्रतिशत बच्चे एक या अधिक प्रकार के तंबाकू का उपयोग करते हैं, यह कम से कम 3.7 करोड़ किशोरों के बराबर है. इनमें वे 1.2 करोड़ लोग शामिल हैं जो धुआं रहित तंबाकू उत्पादों का उपयोग करते हैं.

डब्ल्यूएचओ के हेल्थ प्रमोशन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉक्टर रूडिगर क्रेच ने कहा, "हाल के वर्षों में तंबाकू नियंत्रण में अच्छी प्रगति हुई है, लेकिन अब लापरवाह होने का समय नहीं है."

उन्होंने कहा, "मैं इस बात से आश्चर्यचकित हूं कि तंबाकू उद्योग अनगिनत जिंदगियों की कीमत पर मुनाफा कमाने के लिए इस हद तक जाएगा. हम देखते हैं कि जैसे ही सरकार को लगता है कि उन्होंने तंबाकू के खिलाफ लड़ाई जीत ली है, तो तंबाकू उद्योग स्वास्थ्य नीतियों में हेरफेर करने और अपने घातक उत्पादों को बेचने के अवसर को अपनी पकड़ में ले लेता है."

सिगरेट के बेकार फिल्टरों से बने सुंदर टेडी बीयर

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सिगरेट से हर साल लाखों लोगों की मौत

डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि भले ही तंबाकू से होने वाली मौतों में गिरावट आई है, लेकिन आने वाले वर्षों में यह संख्या अधिक रहने की संभावना है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक तंबाकू सेवन करने वालों की संख्या में कमी के बावजूद मौतों में कमी के लिए कम से कम तीन दशक इंतजार करना होगा.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक "तंबाकू महामारी" दुनिया के सामने आए सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों में से एक है, जिससे हर साल 80 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है. इनमें से 70 लाख से अधिक लोगों की मौतें सीधे तंबाकू के उपयोग का नतीजा हैं, लेकिन लगभग 13 लाख लोगों की मौत सीधे तौर पर धूम्रपान करने के बजाय अन्य लोगों द्वारा धूम्रपान करने से निकलने वाले धुएं के संपर्क में आने से होती है.

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबिक धूम्रपान अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के अलावा कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, फेफड़ों की बीमारी, मधुमेह और पुरानी सांस की बीमारियों का कारण बनता है.

एए/वीके (रॉयटर्स, एएफपी)

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