ट्रंप के खिलाफ महाभियोग पर निचले सदन में मतदान क्रिसमस के आसपास हो सकता है. ट्रंप ने कहा वह लड़ाई जीतेंगे.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने को प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नेन्सी पेलोसी ने मंजूरी दे दी है. नेन्सी पेलोसी ने सांसदों को महाभियोग की धाराओं का मसौदा तैयार करने को कहा है. संसद के निचले सदन की इंटेलिजेंस कमेटी इस मसौदे को तैयार करने में पहले से ही जुटी है.
स्पीकर ने कहा कि राष्ट्रपति ने संविधान का गंभीर उल्लंघन किया है. पेलोसी के मुताबिक, "हमारा लोकतंत्र दांव पर है. राष्ट्रपति ने हमारे पास कोई विकल्प नहीं छोड़ा है सिवाय इसके की कार्रवाई की जाए."
पेलोसी ने आगे कहा, "राष्ट्रपति एक बार फिर पद का दुरुपयोग करने की कोशिश करने रहे हैं. वे चुनाव में अपने लाभ के लिए ऐसा करना चाह रहे हैं. वह सत्ता के दुरुपयोग में लिप्त हैं. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने और चुनावों की अखंडता को खतरे में डालने की कोशिश की."
एक दिन पहले तीन कानूनी विद्धानों ने सांसदों से कहा था उन्हें लगता है कि ट्रंप ने जो कार्रवाई की है वह अमेरिकी संविधान के तहत महाभियोग के अंतर्गत आता है. हालांकि एक कानूनी जानकार ने इस मत के खिलाफ अपनी राय दी थी.
प्रतिनिधि सभा में बहुमत रखने वाली डेमोक्रेटिक पार्टी को ट्रंप पर महाभियोग चलाने के प्रस्ताव पर आसानी से जीत मिलने की संभावना है. पेलोसी ने कहा, "हम ऐसा बहुत ही दुखी मन से करेंगे लेकिन हमें यह काम विश्वास और विनम्रता के साथ करना है क्योंकि हमारे दिलों में अमेरिका के प्रति प्यार भरा है."
अमेरिकी संसद के इतिहास में इससे पहले सिर्फ तीन बार राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की जांच चलाई गई है. संविधान के मुताबिक अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के पास महाभियोग की जांच करने और उसके लिए नियम बनाने का अधिकार है जबकि महाभियोग पर मुकदमा चलाने और उसे पास करने का अधिकार सीनेट के पास है.
इस समय संसद के निचले सदन में डेमोक्रैटिक पार्टी बहुमत में हैं जबकि सीनेट में बहुमत का आंकड़ा रिपब्लिकन पार्टी के पास है. अनुमान है कि सबकुछ तय समय पर होता है तो निचले सदन में ट्रंप के खिलाफ 25 दिसंबर के आसपास मतदान हो सकता है.
ट्रंप ने कहा हम जीतेंगे
पेलोसी के बयान के बाद ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, "डेमोक्रैट्स मुझ पर निरर्थक महाभियोग चलाने की योजना बना रहे हैं. इसका मतलब है कि शायद ही कभी इस्तेमाल किए गए महाभियोग कानून का भविष्य के राष्ट्रपतियों पर हमले करने के लिए नियमित रूप से इस्तेमाल होगा. "
ट्रंप ने अपने ट्वीट में लिखा, "अमेरिका के संस्थापकों के दिमाग में यह बात नहीं थी. एक अच्छी बात यह है कि रिपब्लिकन आज से पहले कभी इतने एकजुट नहीं थे. हालांकि महाभियोग के खिलाफ लड़ाई हम जीतेंगे."
ट्रंप पर आरोप
यह पूरा मामला ट्रंप के खिलाफ एक व्हिसलब्लोअर की शिकायत के बाद शुरू हुआ. यह शख्स अमेरिकी खुफिया तंत्र से जुड़ा हुआ है और उसने 25 जुलाई को ट्रंप के एक फोन कॉल के बारे में जानकारी दी . ट्रंप पर आरोप है कि अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर राजनीतिक प्रतिद्वंदी जो बाइडेन को बदनाम करने के मकसद से यूक्रेन को उनके खिलाफ जांच कराने पर मजबूर करने की कोशिश की. अमेरिका के संघीय कानून में चुनाव के उम्मीदवारों पर विदेशी सहायता लेने की रोक है.
एए/एनआर (रॉयटर्स, एएफपी)
अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन होगा
अगले साल अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट लंबी होती जा रही है. नवंबर 2020 के चुनाव के लिए रेडियो होस्ट से लेकर आध्यात्मिक गुरू तक मैदान में हैं जिनकी उम्र 37 से 78 साल के बीच है.
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जो बाइडन
ओपिनियन पोल में डेमोक्रैटिक पार्टी के जो बाइडेन फिलहाल सबसे आगे हैं. 77 साल के बाइडेन आठ साल तक देश के उप राष्ट्रपति रहे हैं और 36 साल से अमेरिका की सीनेट में हैं. वह इस बड़ी बहस के केंद्र में हैं कि राष्ट्रपति चुनाव में एक दिग्गज को मौका मिले या फिर किसी नए उभरते नेता को.
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एलिजाबेथ वारेन
70 साल की अमेरिकी सीनेटर मैसाचुसेट्स से आती हैं. वह डेमोक्रैटिक पार्टी के उदारवादी धड़े का चेहरा हैं और वॉल स्ट्रीट की कटु आलोचक. 2008 की मंदी के दौरान संघीय ग्राहक वित्तीय संरक्षण ब्यूरो बनाए जाने में उनकी बड़ी भूमिका थी. बीते कुछ महीनों में उनका अभियान तेज हुआ है और कई सर्वेक्षणों में उन्होंने बाइडन की बराबरी की है.
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बर्नी सैंडर्स
2016 के राष्ट्रपति चुनाव में सैंडर्स हिलेरी क्लिंटन से पिछड़ गए थे लेकिन इस बार फिर मैदान में हैं. 78 साल के सैंडर्स को अक्टूबर में नेवाडा में प्रचार के दौरान दिल का दौरा पड़ा था हालांकि उनके समर्थकों पर इसका कोई खास असर नहीं हुआ है. उन्होंने सरकारी कॉलेजों में निशुल्क पढ़ाई, 15 डॉलर प्रति घंटे की न्यूनतम मजदूरी और सबके लिए स्वास्थ्य सेवा का प्रस्ताव दिया है.
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पीट बुटजीज
37 साल के साउथ बेंड, इंडियाना के मेयर बटगीग अब तक बहुत विख्यात नहीं थे लेकिन युवा वोटरों के समर्थन ने उन्हें बहुत जल्द पार्टी के चमकते सितारों में शामिल करा दिया है. हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट और रोड्स स्कॉलर बटगीग सात भाषाएं बोलते हैं और उन्होंने यूएस नेवी रिजर्व के साथ अफगानिस्तान में सेवा भी दी है. वह अमेरिका में राष्ट्रपति बनने की दौड़ में शामिल में पहले घोषित समलैंगिक हैं.
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कमला हैरिस
पहली बार की सीनेटर कमला हैरीस पहली काली अश्वेत महिला हैं जो इस दौड़ में शामिल हुई हैं. भारतीय मूल की मां और जमैका के पिता की संतान कमला मध्यवर्ग के लिए टैक्स छूट, ग्रीन न्यू डील और मारिजुआना का कारोबार कानूनी बनाने की समर्थक हैं. जून में बाइडेन के साथ नस्ली मुद्दों पर बहस के बाद उनकी लोकप्रियता बढ़ी थी लेकिन हाल में यह नीचे गई है.
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माइकल ब्लूमबर्ग
न्यू यॉर्क शहर के पूर्व मेयर और अरबपति मीडिया मुगल माइकल ब्लूमबर्ग 77 साल के हैं और इसी रविवार उन्होंने अपनी दावेदारी पेश की है. फोर्ब्स के मुताबिक आठवें सबसे अमीर अमेरिकी ब्लूमबर्ग की संपत्ति करीब 53.4 अरब डॉलर है. वह अपने प्रचार अभियान के लिए खुद पैसा खर्च कर सकते हैं. उन्होंने जलवायु परिवर्तन और बंदूक की संस्कृति के खिलाफ बोल कर अपने लिए समर्थक खड़े किए हैं.
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एंड्रयू यांग
न्यू यॉर्क के कारोबारी और भूतपूर्व टेक्नोक्रैट यांग ने अपना प्रचार अभियान सभी लोगों के लिए एक आमदनी की महत्वाकांक्षी योजना पर केंद्रित रखा है. 44 साल के यांग चाहते हैं कि सभी 18 से 64 साल के बीच उम्र वाले सभी अमेरिकी लोगों को हर महीने एक हजार डॉलर दे दिए जाएं. वह सबके लिए मेडिकेयर का भी समर्थन करते है और ऑटमेशन को अमेरिकी कामगारों के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते हैं.
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एमी क्लॉबुशर
मिनेसोटा से अमेरिकी सीनेटर 59 साल की ओर लोगों का ध्यान तब गया जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में नॉमिनेशन की सुनवाई पर ब्रेट कावेनॉव को खरी खरी सुनाई. चुनाव अभियान में उनका कहना है कि वह ओबामाकेयर को बेहतर बनाएंगी इसके अलावा डॉक्टर के पर्चे पर मिलने वाली दवाओं की बढ़ती कीमतों के खिलाफ भी उनका रुख विरोध का है.
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कोरी बुकर
न्यू जर्सी के सीनेटर और नेवार्क के पूर्व गवर्नर ने कावेनाव को सुप्रीम कोर्ट का जज नॉमिनेट करने के खिलाफ संघर्ष कर के पूरे अमेरिका में प्रसिद्धी पाई. बुकर ने नस्ली रिश्तों और भेदभावों को अपराध न्याय तंत्र में शामिल कराने को अपने चुनाव अभियान के केंद्र में रखा है. वह हर अमेरिकी के लिए हेल्थकेयर, ग्रीन न्यू डील और दूसरे कई मुद्दों पर प्रगतिशील रुख रखते हैं.
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तुलसी गबार्ड
हवाई से अमेरिकी सांसद और इराक युद्ध में हिस्सा ले चुकीं तुलसी गबार्ड हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स तक पहु्ंचने वाली पहली हिंदू हैं. समलैंगिकता का विरोध कर चुकीं तुलसी अब इस पर माफी मांग चुकी हैं. गबार्ड के लोकलुभावन और युद्ध-विरोधी विचारों ने दक्षिण और वाम दोनों तरफ उनके लिए समर्थक जुटाए हैं.
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जूलियन कास्त्रो
ओबामा प्रशासन में गृह और शहरी विकास का मंत्रालय संभाल चुके कास्त्रो पहले हिस्पानियाई हैं जिन्हें अमेरिकी राजनीतिक दल ने राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवारों में शामिल किया है. 45 साल के कास्त्रो की दादी मेक्सिको से टेक्सस आई थीं. वह सबके लिए प्री किंडरगार्टेन, मेडिकेयर का समर्थन करते हैं और सस्ते मकानों की तरफदारी में अपने अनुभव का वास्ता देते हैं. वह सैन अंटोनियो के मेयर और सिटी काउंसिलमैन रहे हैं.
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टॉम स्टेयर
अरबपति पर्यावरणवादी और डेमोक्रैटिक पार्टी के लिए चंदा जुटाने वालों में अग्रणी रहे स्टेयर ने जनवरी में कहा था कि वह ट्रंप का महाभियोग कराने और डेमोक्रैट उम्मीदवार को चुनाव में जिताने पर ध्यान दे रहे हैं. 62 साल के स्टेयर ने जुलाई में अपना रास्ता बदल दिया और कहा, "जब तक हमारे लोकतंत्र से कॉर्पोरेट का कब्जा खत्म नहीं होता हम ऐसा नहीं कर पाएंगे."
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जॉन डेलानी
मैरीलैंड के पूर्व सांसद डेलानी 2020 के राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल होने वाले पहले डेमोक्रैट उम्मीदवार हैं. 56 साल के डेलानी का कहना है कि अगर वो जीत गए तो पहले 100 दिनों में सिर्फ ऐसे बिलों को आगे बढ़ाएंगे जो दोनों पार्टियों की तरफ से आएंगे. सबके लिए स्वास्थ्य सेवा, संघीय न्यूनतम मजदूरी और बंदूक से सुरक्षा के लिए कानून बनाने पर उनका जोर है.
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माइकल बेनेट
54 साल के कोलोराडो के सीनेटर बेनेट ने अपनी राजनीति अमेरिकी शिक्षा तंत्र को बेहतर बनाने पर आधारित रखी है. वह डेनवर के सरकारी स्कूलों को भी चला चुके है. वह राष्ट्रीय स्तर पर बहुत विख्यात नहीं हैं लेकिन राजनीतिक कार्यकर्ताओं और दानदाताओं का उन्होंने एक बड़ा नेटवर्क खड़ा किया है. जनवरी में अमेरिकी सरकार की आंशिक तालाबंदी के दौरान रिपब्लिकन पार्टी की कड़ी आलोचना कर वह देश में चर्चित हुए.
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स्टीव बुलक
मोंटाना के गवर्नर ने 2016 में दोबारा जीत तब हासिल की जब ट्रंप को यहां भारी समर्थन मिल रहा था. वह मानते हैं कि उनका समर्थन करने वाले दोनों पार्टियों में हैं. 53 साल के बुलक के एजेंडे में आर्थिक सुधार है. वह राज्य में मेडिकल हेल्थकेयर बिल का विस्तार करने को श्रेय लेते है. इसके अलावा महिलाओं के लिए समान वेतन और सार्वजनिक जमीनों की सुरक्षा भी उनकी प्राथमिकताओं में है.
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मारियाने विलियम्सन
67 साल की मशहूर लेखिका और प्रेरणादायी भाषण देने वाली टेक्सस निवासी मारियाने को यकीन है कि उनका अध्यात्म-आधारित प्रचार अभियान अमेरिकी लोगों की समस्याओं का समाधान करेगा. वह शिक्षा में सुधार, बंदूक नियंत्रण और समलैंगिकों के लिए समान अधिकार की बात करती हैं. उन्होंने अश्वेत लोगों को गुलाम बनाने के लिए 100 अरब अमेरिकी डॉलर का मुआवजा दिए जाने की मांग भी की है.
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जो सेस्ताक
अमेरिकी नेवी से के रिटायर हो चुके एडमिरल और पेंसिल्वेनिया के पूर्व सांसद जो सेस्ताक जून में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी पाने की दौड़ में शामिल हो गए. 31 साल के अपने सैन्य करियर का हवाला देकर वो कहते हैं कि उनका लक्ष्य दुनिया में अमेरिका के वैश्विक नेतृत्व को बहाल करना है. खासतौर से जलवायु परिवर्तन और चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए.
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डेवल पैट्रिक
पैट्रिक इस दौड़ में थोड़ी देर आए उन्होंने अपनी उम्मीदवारी का पर्चा आखिरी तारीख के बस कुछ ही दिन पहले भरा. 63 साल के मैसाचुसेट्स के पूर्व गवर्नर स्वास्थ्य सेवा में सुधार की योजना और पेंशन सुधारों को लागू करवाना चाहते हैं. इसके साथ ही परिवहन और न्यूनतम मजदूरी भी उनके एजेंडे में है. 2014 में ओबामा ने कहा था कि "पैट्रिक एक महान राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति हो सकते हैं."
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डॉनल्ड ट्रंप
73 साल के रिपब्लिकन डॉनल्ड ट्रंप रियल इस्टेट के बड़े कारोबारी हैं. 2016 में रिपब्लिकन उम्मीदवारी और फिर चुनाव में जीत में हासिल कर उन्होंने राजनीति के पंडितों को स्तब्ध कर दिया. अमेरिका में उनके खिलाफ महाभियोग की जांच चल रही है लेकिन वह वोटरों के बीच अब भी काफी लोकप्रिय हैं. अमेरिका फर्स्ट, अर्थव्यवस्था की मजबूती और आप्रवासियों के खिलाफ नीतियां उनकी प्राथमिकताओं में अब भी कायम है.
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जो वाल्श
पूर्व सांसद 57 साल के ट्रंप के पक्के और मुखर आलोचक हैं. उनका मानना है कि ट्रंप रुढ़िवादी नहीं हैं और इस लिए सार्वजनिक पद के लिए उपयुक्त नहीं हैं. वाल्श ने इलिनोय से रिपब्लिकन पार्टी की 2010 में उम्मीदवारी हासिल की थी लेकिन डेमोक्रैट उम्मीदवार टैमी डकवर्थ ने 2012 में उनके दोबारा चुनाव की मंशा ध्वस्त कर दी. संसद से बाहर जाने के बाद वो शिकागो में एक रेडियो टॉक शो के होस्ट बन गए.
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बिल वेल्ड
74 साल के वेल्ड मैसाचुसेट्स के पूर्व गवर्नर हैं और 2016 में उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में हार चुके हैं. वह राष्ट्रपति ट्रंप की लगातार आलोचना करते हैं. 2020 के लिए अपना चुनाव अभियान उन्होंने यह कह कर शुरू किया कि अमेरिकी लोगों की उपेक्षा हो रही है और देश मुश्किलों में हैं.