बड़े फैशन ब्रांड्स में लैंगिक समानता को लेकर जारी सूचकांक में एडिडास और गैप इंक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों में से हैं. सूचकांक में पाया गया कि लैंगिक असमानता से निपटने के लिए खुदरा विक्रेता समर्थन करने में विफल रहे.
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विश्व बेंचमार्किंग एलायंस (डब्ल्यूबीए) के जेंडर बेंचमार्क में दिखाया गया कि शीर्ष 35 परिधान ब्रांडों में से लगभग दो-तिहाई ने सार्वजनिक रूप से लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण का समर्थन नहीं किया है. जबकि केवल 14 कंपनियों ने लिंग-विशिष्ट नीतियों को लागू किया है. सूचकांक ने लिंग वेतन में अंतर, नेतृत्व में प्रतिनिधित्व, हिंसा को रोकने के लिए नीतियां और उत्पीड़न जैसे कारकों की समीक्षा कर कंपनियों को 100 में 29 का औसत स्कोर दिया. डब्ल्यूबीए ने इसे "चिंताजनक" बताया है.
एडिडास, गैप और वीएफ कॉर्प ऐसी तीन कंपनियां हैं जिन्हें डब्ल्यूबीए ने अपनी इंडेक्स में 50 से अधिक स्कोर दिए. वैश्विक गैर-लाभकारी संगठन डब्ल्यूबीए की पॉलिना मर्फी कहती हैं, "हम कंपनियों के कहने और कार्य करने के बीच एक स्पष्ट अंतर देखते हैं. जैसे कि वेतन, नेतृत्व में लिंग संतुलन, हिंसा और उत्पीड़न के मामले." उनका कहना है कि यह दिखावटी प्रेम बंद होना चाहिए.
बात बराबरी की
विश्व में परिधान उद्योग में अनुमानित छह करोड़ लोग काम करते हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं होती हैं. कई बार उनके साथ श्रम शोषण और यौन उत्पीड़न के मामले भी सामने आते हैं. अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है ब्रांडों की तरफ से सप्लायर पर जल्दी और सस्ते कपड़े सप्लाई करने का दबाव होता है. जिस कारण शोषण और अधिक बढ़ जाता है. उन्हें शौचालय तक जाने की इजाजत नहीं मिलती है और कई बार उन्हें गाली तक सुननी पड़ती है. ऐसे मामले कोरोना वायरस महामारी दौरान और बढ़े हैं.
35 कंपनियों में से एक तिहाई से भी कम ने अपने कर्मचारियों को हिंसा और उत्पीड़न से बचने की ट्रेनिंग दी है. डब्ल्यूबीए ने पाया कि सिर्फ तीन फैशन ब्रांड्स ने लिंग वेतन अंतर को दूर करने के उपाय किए थे.
देखें: विक्टोरियाज सीक्रेट ने चुनीं सात नई मॉडल
विक्टोरियाज सीक्रेट ने चुनीं सात नई मॉडल
अमेरिकी कंपनी विक्टोरियाज सीक्रेट अपनी छवि बदलने की कोशिश में है. महिलाओं के वस्तुकरण का आरोप झेल रही कंपनी ने अब सात नए मॉडल के साथ काम शुरू किया है.
तस्वीर: IANS
प्रियंका चोपड़ा
भारतीय अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा उन सात मॉडल्स में शामिल हैं, जिन्हें विक्टोरिया सीक्रेट ने चुना है.
तस्वीर: IANS
मेगन रैपिनो
मेगन रैपिनो अमेरिका की फुटबॉल स्टार हैं. वह एक समलैंगिक हैं और महिलाओं व समलैंगिकों के अधिकारों के लिए काम करती हैं. विक्टोरियाज सीक्रेट का कहना है कि अब वह अपनी ब्रैंड में बहुत ज्यादा सेक्स परोसने से बचना चाहती है
तस्वीर: Cindy Ord/Getty Images
वैलेन्टीना सांपियो
ब्राजील की ट्रांसजेंडर मॉडल वैलेन्टीना सांपियो विविधता का एक और चेहरा होंगी. विक्टोरियाज सीक्रेट ने महिलाओं के वस्तुकरण के आरोपों के चलते 2019 से अपना बेहद चर्चित फैशन शो बंद कर दिया था
तस्वीर: Jeremy Smith/imageSPACE/MediaPunch/picture alliance
अमांडा डे कैडेनेट
ब्रिटिश मूल की फोटोग्राफर अमांडा अमेरिका के कैलिफॉर्निया में रहती हैं. 49 साल की अमांडा एक लेखिका भी हैं और टीवी कार्यक्रम भी प्रस्तुत करती हैं.
तस्वीर: Chris Pizzello/Invision/AP/picture alliance
आईलीन गू
फ्री स्टाइल स्कीइंग में वर्ल्ड चैंपियन आईलीन अमेरिका में जन्मी हैं लेकिन चीन की ओर से खेलती हैं. इसी साल अपने पहले एक्स गेम्स में तीन मेडल जीतकर उन्होंने इतिहास रच दिया था.
तस्वीर: Chrisopher Lee/ZUMA Wire/imago images
पालोमा एलसेसर
ब्रिटेन में जन्मीं अमेरिकी और स्विस मूल की एलसेसर एक प्लस साइज मॉडल हैं. विक्टोरियाज सीक्रेट की कोशिश है कि महिलाओं के हर वर्ग का प्रतिनिधित्व हो.
तस्वीर: Jerrizz Clark/Getty Images
एडट आकेच बायर
साउथ सूडानी मूल की आकेच ऑस्ट्रेलिया में मॉडलिंग करती हैं. 21 साल की आकेच मॉडलिंग की दुनिया का बड़ा नाम हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/Stringer
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शोषण और हिंसा
पांच जनवरी 2020 को चेन्नई की एक टेक्स्टाइल फैक्ट्री में काम करने वाली 20 साल की युवती का शव मिला था. फैक्ट्री में ग्लोबल फैशन रिटेलटर एच एंड एम के लिए कपड़े बनाए जाते हैं. युवती का शव मिलने के बाद फैक्ट्री में काम करने वाली दो दर्जन से ज्यादा महिलाएं सामने आईं. और सभी ने यौन दुर्व्यवहार की शिकायत की थी. पुलिस ने इस हत्या के आरोप में फैक्ट्री के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया था.
भारत का गारमेंट उद्योग कई करोड़ डॉलर का है. देश में करीब 1.2 करोड़ लोग इस सेक्टर में काम करते हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं. लंबे समय तक तमिलनाडु के कपड़ा उद्योग पर बाल मजदूरी के आरोप लगते रहे. अब यौन शोषण और दुर्व्यवहार के मामले सामने आ गए.
एए/सीके (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)
भारत में 85 फीसदी महिलाएं वेतन बढ़ने और प्रमोशन से चूकीं- रिपोर्ट
लिंक्डइन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 85 फीसदी महिलाएं वेतन वृद्धि और पदोन्नति से चूक गईं. इसमें कहा गया है कि देश में कई महिलाओं के पास घर से काम करने की छूट है लेकिन वे समय की कमी जैसी बाधाओं का सामना करती हैं.
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महिला कर्मचारियों के लिए समानता का रास्ता अभी दूर
लिंक्डइन ऑपर्च्युनिटी इंडेक्स 2021 रिपोर्ट के मुताबिक भारत में एशिया प्रशांत के 60 फीसदी औसत से 15 फीसदी अधिक यानी 85 फीसदी महिला कर्मचारियों से औरत होने के कारण वेतन वृद्धि, पदोन्नति और अन्य लाभ के मौके छिन गए.
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काम और परिवार की जिम्मेदारी
रिपोर्ट में कहा गया कि 10 में 7 कामकाजी महिलाओं और मांओं को लगता है कि पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाना अक्सर उनके करियर के विकास में आड़े आता है. लगभग दो-तिहाई कामकाजी महिलाओं (63 प्रतिशत) और कामकाजी माताओं (69 प्रतिशत) ने कहा कि उन्हें पारिवारिक और घरेलू जिम्मेदारियों के कारण काम में भेदभाव का सामना करना पड़ा.
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"पुरुषों की तुलना में कम अवसर"
देश में महिलाओं से पूछा गया कि वे अपने करियर में आगे बढ़ने के अवसरों से नाखुश होने का कारण क्या मानती हैं तो पांच में से एक (22 प्रतिशत) ने कहा कि कंपनियां 'अनुकूल पूर्वाग्रह' का प्रदर्शन करती है, जो कि क्षेत्रीय औसत 16 प्रतिशत से काफी अधिक है.
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"37 प्रतिशत महिलाओं को कम वेतन"
सर्वे रिपोर्ट में कहा गया कि 37 फीसदी महिलाओं का यह भी कहना है कि उन्हें पुरुषों की तुलना में कम वेतन मिलता है. रिपोर्ट में 21 फीसदी पुरुष इस बात से सहमत पाए गए. वहीं 37 फीसदी कामकाजी महिलाओं का कहना है कि उन्हें पुरुषों की तुलना में कम अवसर मिलते हैं. इस पर सिर्फ 25 फीसदी पुरुष ही सहमत हुए.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A.Warnecke
करियर और जेंडर
पुरुषों और महिलाओं दोनों का मानना है कि वे नौकरी में तीन चीजों की तलाश करते हैं- नौकरी की सुरक्षा, एक ऐसा काम जिससे वे प्यार करते हैं और एक अच्छा वर्क लाइफ बैलेंस. रिपोर्ट के मुताबिक 63 प्रतिशत महिलाओं को लगता है कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए लिंग महत्वपूर्ण होता है. जबकि पुरुषों में 54 फीसदी को ऐसा लगता है.
तस्वीर: Reuters/M. Bulbul
नौकरी पर महामारी का असर
5 में से 4 भारतीयों ने कहा कि उनपर कोरोना वायरस महामारी का नकारात्मक असर हुआ, जबकि 10 में से 9 ने कहा कि वे नौकरी से छंटनी, वेतन में कटौती और काम के घंटों में कटौती से प्रभावित हुए.
तस्वीर: Katja Keppner
"महिलाओं को मिले अवसर"
लिंक्डइन इंडिया में टैलेंट और लर्निंग सॉल्यूशंस की निदेशक रूचि आनंद कहती हैं कि देश में कामकाजी महिलाओं के लिए नौकरी की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है. उनके मुताबिक महिला कर्मचारियों के लिए लचीले शेड्यूल और सीखने के नए मौके महत्वपूर्ण हैं जो संगठनों को अधिक महिला प्रतिभाओं को आकर्षित करने, काम पर रखने और बनाए रखने में मदद कर सकते हैं.
सर्वे में कौन-कौन शामिल
लिंक्डइन ने यह सर्वे करने की जिम्मेदारी बाजार अनुसंधान कंपनी जीएफके को दी थी. सर्वे 26 से 31 जनवरी के बीच हुआ और भारत में 2285 लोग शामिल हुए, जिनमें 1223 पुरुष और 1053 महिलाएं थीं.