बीते कुछ समय से दुनिया के देशों में अंतरिक्ष से जुड़ी योजनाओं को लेकर प्रतिद्वंद्विता बढ़ी है. केवल स्पेस एजेंसियां ही नहीं, बल्कि कंपनियां भी चांद जाने की होड़ में शामिल हैं.
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जापान की अंतरिक्ष एजेंसी 2040 तक लोगों को चांद पर बसाने की योजना बना रही है. चांद से आगे फिर मंगल ग्रह पर भी लोगों को बसाने की योजना है. इसके लिए 'जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी' ने कार बनाने वाली कंपनी 'टोयोटा' से हाथ मिलाया है. दोनों मिलकर चांद की सतह पर खोजबीन के लिए एक खास गाड़ी बना रहे हैं. टोयोटा के अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी.
कब लॉन्च होगी यह गाड़ी?
इस गाड़ी का नाम रखा गया है, लूनर क्रूजर. यह नाम टोयोटा की 'लैंड क्रूजर' गाड़ी के सम्मान में चुना गया है. इस खास गाड़ी को इस दशक के आखिर तक लॉन्च किए जाने की योजना है. गाड़ी बनाते समय कार इस्तेमाल करने वालों के मनोविज्ञान का ध्यान रखा जाएगा. जैसे लोग कार में पूरी सुरक्षा से खाते, काम करते, सोते और दूसरों के साथ बात करते हैं, यही चीजें अंतरिक्ष में भी कर सकें.
टोयोटा मोटर कॉर्प में इस लूनर क्रूजर प्रॉजेक्ट के प्रमुख हैं, तकाओ सातो. उन्होंने समाचार एजेंसी 'एपी' को बताया, "हम अंतरिक्ष को हमारी सदी में होने वाली सबसे बड़ी कायापलट से जोड़कर देख रहे हैं. अंतरिक्ष में जाने से शायद ऐसी दूरसंचार व्यवस्था, ऐसी तकनीक विकसित कर पाएं, जो इंसानी जीवन के लिए अहम हो."
टोयोटा के इंजीनियर शिनिचिरो नोडा ने बताया कि वह इस परियोजना के लिए बेहद उत्साहित हैं. उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य है, अपनी कार को चांद पर भेजना. टोयोटा की गाड़ियां तकरीबन हर जगह हैं. अब हम अपनी कार एक ऐसी जगह ले जाएंगे, जहां हम पहले कभी नहीं गए."
कितने तरह के चांद देखे हैं आपने?
ईद का चांद और चौदहवीं का चांद तो आप जानते होंगे लेकिन ब्लू मून, ब्लड मून और सुपरमून के फर्क को भी जानते हैं क्या?
तस्वीर: Dmitri Lovetsky/AP/picture alliance
फ्लावर मून
मई के महीने में दिखने वाले पूर्णिमा के चांद को फ्लावर मून कहा जाता है. इसका चांद के रंग रूप से तो कोई लेना देना नहीं है लेकिन यूरोप में यह वक्त होता है जब तरह तरह के नए फूल खिल रहे होते हैं. यह चांद एकदम सफेद होता है, जिस कारण इसे मिल्क मून भी कहा जाता है. कुछ जगहों पर इसे मदर्स मून के नाम से भी जाना जाता है.
तस्वीर: Charlie Riedel/AP/picture alliance
ब्लड मून
हिंदी में इसका अनुवाद होगा खूनी चांद और यह नाम इसे अपनी रंगत के कारण मिलता है. पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान कई बार चांद लाल रंग का दिखता है. इस लाल रंग के कारण ही इसे ब्लड मून कहा जाता है. इस ग्रहण के दौरान धरती चांद और सूरज के बीच से कुछ इस तरह से गुजरती है कि कुछ देर के लिए चांद पर सूरज की जरा सी भी रोशनी नहीं पड़ती.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/K. Nietfeld
सुपरमून
आपने देखा होगा कई बार पूर्णिमा का चांद बहुत ही बड़ा दिखाई पड़ता है. इसे सुपरमून कहा जाता है. चांद का आकार कैसा दिखेगा यह धरती से उसकी दूरी पर निर्भर करता है. जब वह धरती के सबसे करीबी बिंदु तक पहुंच जाता है, तब पूर्णिमा का चांद सुपरमून कहलाता है. यह सामान्य चांद से 14 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी ज्यादा चमकीला होता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/T. Schamberger
ब्लू मून
अंग्रेजी में "वंस इन अ ब्लू मून" मुहावरे का इस्तेमाल किसी ऐसी घटना के लिए किया जाता है जो कभी कबार ही होती है. आसमान में ब्लू मून भी ढाई साल में एक बार ही दिखता है. ढाई साल में एक बार ऐसा होता है कि एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा का चांद दिखे, कुछ वैसे ही जैसे चार साल में एक बार फरवरी में एक दिन ज्यादा होता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/F. Rumpenhorst
सुपर ब्लड मून
सुपरमून का विशाल आकार और ब्लड मून का रंग, ये दोनों जब मिल जाते हैं तो बनता है सुपर ब्लड मून. यानी चांद को ऐसे वक्त में ग्रहण लगता है जब वह धरती के सबसे करीब होता है. इस लाल रंग के विशाल चांद का नजारा अद्भुत होता है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/P. Pochard-Casabianca
हारवेस्ट मून
सितंबर के महीने में पूर्णिमा के बेहद चमकदार चांद का यह नाम होता है. यूरोप में इस दौरान पतझड़ शुरू होने वाला होता है और खेतों की कटाई का वक्त होता है. पुराने जमाने में जब बिजली नहीं होती थी, तब पूर्णिमा के चांद की रोशनी में यह किया जाता था, इसीलिए इसे हारवेस्ट मून कहते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/ZUMAPRESS
वुल्फ मून
इसी तरह जनवरी वाले पूर्णिमा के चांद को वुल्फ मून यानी भेड़िये वाला चांद कहा जाता है, जबकि इसका भेड़ियों से कोई लेना देना नहीं है. प्राचीन यूरोप में हर महीने के चांद को अलग अलग नाम दिए गए थे. इसी क्रम में फरवरी वाला स्नो मून, अप्रैल वाला पिंक मून और जून वाला स्ट्रॉबेरी मून कहलाता है.
तस्वीर: REUTERS/Christian Hartmann
सुपर ब्लू ब्लड मून
ऐसा भी हो सकता है कि ढाई साल में एक बार जो पूर्णिमा का खास चांद निकले वह सुपर ब्लड मून हो. ऐसे में वह सुपर ब्लू ब्लड मून कहलाएगा. आखिरी बार 31 जनवरी 2018 को ऐसा हुआ था. वैज्ञानिकों ने हिसाब लगाया है कि अगली बार ऐसा नजारा 31 जनवरी 2037 में देखने को मिलेगा.
तस्वीर: Cameron Spencer/Getty Images
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लूनर क्रूजर के लिए टोयोटा के साथ काम कर रही एक कंपनी 'गिताई जापान' ने एक रोबॉटिक आर्म बनाया है. इसे निगरानी और मरम्मत जैसे कामों को ध्यान रखकर डिजाइन किया गया है. गिताई के चीफ एग्जिक्यूटिव शो नकानोज ने बताया कि अंतरिक्ष में पहुंचने की चुनौतियों पर काम कर लिया गया है, लेकिन अंतरिक्ष यात्रियों के वहां काम करने में अभी भी कई तरह के खतरे और जोखिम हैं. यहीं पर रोबोट अपनी भूमिका निभाएंगे.
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जापान की चांद में बढ़ी दिलचस्पी
अंतरिक्ष में 12 दिन बिताकर लौटे जापानी अरबपति ने क्या बताया
46 साल के यूसाकु माइजावा पिछले साल 8 दिसंबर को रूसी सोयुज स्पेसक्राफ्ट से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए थे. 2009 के बाद से वह अपने पैसों से अंतरिक्ष में घूमने जाने वाले पहले शख्स हैं.
तस्वीर: Sergei Savostyanov/TASS/dpa/picture alliance
अंतरिक्ष जाकर धरती के लिए बढ़ गया जुनून
जापानी अरबपति यूसाकु माइजावा 12 दिनों की अंतरिक्ष यात्रा से लौटकर जब वापस अपने देश पहुंचे, तो सबसे पहले उन्होंने धरती की तारीफ की. माइजावा ने कहा, "अंतरिक्ष में जाकर धरती के प्रति आपका जुनून और बढ़ जाता है. यहां की हवा, महक और मौसमों के प्रति आप कृतज्ञ महसूस करते हैं."
तस्वीर: Sergei Savostyanov/TASS/dpa/picture alliance
यूट्यूब पर लाखों लोगों ने देखी अंतरिक्ष यात्रा
स्पेस स्टेशन में यूसाकु ने विमान से अपनी गतिविधियों के वीडियो बनाकर यूट्यूब चैनल पर डाले. ऐसे तमाम वीडियो में लाखों लोगों ने देखा कि अंतरिक्ष में रहते हुए बालों में शैंपू कैसे किया जाता है, अंतरिक्षयात्री दांत कैसे साफ करते हैं और यहां तक कि टॉयलेट का इस्तेमाल कैसे करते हैं.
तस्वीर: Shamil Zhumatov/REUTERS
'लगा जैसे बुलेट ट्रेन चलने लगी हो'
माइजावा ने जीरो ग्रैविटी में होने वाली दिक्कतों के बारे में भी बात की. उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में सोना मुश्किल होता है, क्योंकि आपके शरीर को हवा में तैरने से रोकने का कोई तरीका नहीं होता है. माइजावा ने बताया, "लॉन्च के वक्त मैं खुश था. वह इतना शांत था कि मुझे लगा जैसे कोई बुलेट ट्रेन चली हो. खिड़की से झांकने पर लॉन्च का अहसास हुआ."
तस्वीर: NASA/Roscosmos/Reuters
कौन हैं माइजावा
यूसाकु जापानी कंपनी 'स्टार्ट टुडे' के मालिक हैं. इसके तहत माइजावा ने 2004 में जोजोटाउन नाम की फैशन वेबसाइट शुरू की, जो आज जापान का सबसे बड़ा फैशन ऑनलाइन मॉल है. माइजावा 'फ्री-व्हीलिंग स्टाइल' शैली में कारोबार करते हैं जिसका मतलब है बदलते बाजार में पैदा होने वाले नए अवसरों को तेजी से भुनाना.
तस्वीर: Sergei Savostyanov/dpa/TASS/picture alliance
आगे क्या करने वाले हैं
आसमान की ऊंचाइयां छूनेवाले यूसाकु की योजना मारियाना ट्रेंच की गहराइयों में जाने की भी है. यह धरती पर समंदर वह सबसे गहरा इलाका है. 2023 में माइजावा की चांद पर जाने की योजना है. वह एलान मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के विमान से आठ लोगों को साथ लेकर चांद पर जाएंगे. इसके लिए वह करार भी कर चुके हैं.
तस्वीर: Space Adventures/dpa/TASS/picture alliance
कितना पैसा खर्च हुआ
माइजावा आर्ट कलेक्टर भी हैं और फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों को डेटिंग करने के लिए भी जाने जाते हैं. उन्होंने अपनी अंतरिक्ष यात्रा में हुए खर्च की जानकारी नहीं दी है. चांद पर जाने की योजना में होने वाले खर्च के बारे में भी उन्होंने कुछ नहीं बताया है.
तस्वीर: Pavel Kassin/Roscosmos Space Agency via AP/picture alliance
क्या है इस यात्रा का मकसद
जहां आलोचक इसे 'विलासिता' बताते हैं, वहीं माइजावा अपनी यात्राओं का मकसद विश्व शांति बताते हैं. वह कहते हैं, "अगर वैश्विक नेता अंतरिक्ष जाकर धरती को देख पाएं, तो वे इसकी खूबसूरती का अहसास कर पाएंगे और तब शायद उन्हें मिलकर काम करने की अहमियत समझ में आए."
तस्वीर: Shamil Zhumatov/REUTERS
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1930 के दशक में कंपनी की शुरुआत के बाद से ही टोयोटा को यह चिंता रही है कि बदलते वक्त के कारण उसके कारोबार का मुख्य हिस्सा हाथ से निकल सकता है. उसकी पकड़ वाले बाजार उसके हाथ से निकल सकते हैं. ऐसे में कंपनी ने सिर्फ कार पर ध्यान ना देकर घर, नाव, जेट और रोबोट बनाने में भी हाथ डाला. इसी साल माउंट फूजी के पास कंपनी 'वूवन सिटी' नाम की हाउसिंग परियोजना शुरू कर रहा है. यहां घरों में तकनीक और सस्टेनेबल जीवन का तालमेल होगा.
बीते कुछ समय से दुनिया के कई देशों में अंतरिक्ष को लेकर महत्वाकांक्षाएं बढ़ी हैं. इसी क्रम में जापान की भी चांद में दिलचस्पी बढ़ रही है. जापान की एक कंपनी 'इनस्पेस आईएनसी' लूनर रोवर और लैंडिंग पर काम कर रही है. उसे इसी साल चांद पर उतरना भी है. कारोबारी युसाकू माएज्वा के हाल ही में कुछ वीडियो आए थे, जिसमें वे 'इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन' में हवा में तैरते दिख रहे थे. उन्होंने टेस्ला के सीईओ एलॉन मस्क के स्टारशिप में चांद के पास एक ऑरबिट भी बुक किया है.