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समाजएशिया

पहले खुदकुशी को नकारा, अब टोयोटा ने मांगी माफी

१ फ़रवरी २०२२

जापान में लोग अपनी कपंनियों के वफादार माने जाते हैं. कंपनी के हितों को अपने हितों से आगे रखते हैं, लेकिन उन्हें इसकी कीमत भी चुकानी होती है. पिछले कुछ बरसों से इस मुद्दे पर बात होनी शुरू हुई है.

Japan Tokio | Toyota stellt neue Elektroautos vor
जापान में लोग अक्सर कंपनी की जरूरतों को अपने हितों से ऊपर रखते हैं.तस्वीर: Behrouz Mehri/AFP/Getty Images

जापान की दिग्गज कार कंपनी टोयोटा ने अपने एक कर्मचारी के आत्महत्या करने से जुड़े मुकदमे में समझौता किया है. खुदकुशी करने वाले टोयोटा के कर्मचारी ने कंपनी पर आरोप लगाया था कि उससे बहुत ज्यादा काम कराया जाता था और उत्पीड़न किया जाता था. टोयोटा की ओर से मंगलवार को जारी बयान में बताया गया कि टोयोटा मोटर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष आकियो टोयोडा ने कर्मचारी के परिवार से माफी मांगी है.

कंपनी और परिवार के बीच हुए समझौते की रकम को सार्वजनिक नहीं किया गया है. जापानी मीडिया के मुताबिक खुदकुशी करने वाले कर्मचारी के परिवार ने कंपनी पर मुकदमा करते हुए इससे करीब 11 लाख डॉलर का मुआवजा मांगा था. दिवंगत कर्मचारी की पत्नी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्हें लगता है कि यह टोयोटा के पास खुद में सुधार लाने का एक मौका है और तब 40 साल के रहे उनके पति भी इस बात से सहमत होते.

टोयोटा ने परिवार को हुई तकलीफ के लिए माफी मांगी है. कंपनी ने यह वादा भी किया है कि भविष्य में कभी ऐसा कोई और मामला न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए वह इस मामले की जांच भी कराएंगे.

जापान में बॉस द्वारा उत्पीड़न किए जाने के मामले बढ़ रहे हैं.तस्वीर: Yoshio Tsunoda/AFLO/imago

क्या कहा कंपनी ने

कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "अब हम काम की जगह पर और ज्यादा पारदर्शी माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें लोगों के लिए अपनी बात रखना आसान हो. साथ ही, प्रबंधन भी ऐसा हो, जहां किसी को प्रताड़ित न किया जाए, ताकि हर कर्मचारी बिना किसी डर के काम कर सके."

जापान को एक वर्कहॉलिक यानी काम में डूबे रहने वाला देश माना जाता है. इसी का नतीजा है कि बहुत ज्यादा काम करने से मौत हो जाना, काम से उपजे तनाव से मौत हो जाना और कर्मचारियों का खुदकुशी कर लेना यहां नई बात नहीं है. बॉस के प्रताड़ित करने की वजह से कर्मचारियों के खुदकुशी कर लेने के मामले भी बढ़ रहे हैं, जिन पर अब बात भी हो रही है.

जापान में बीते दिनों कुछ कंपनियों ने सप्ताह में चार दिन काम की व्यवस्था लागू करने पर विचार करने की बात कही थी.तस्वीर: Hans Lucas/imago images

जापान में बड़ी है समस्या

टोयोटा के इस कर्मचारी ने 2010 में खुदकुशी की थी. फिर पिछले साल सितंबर में नागोया हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए इसे काम की वजह से हुई मौत करार दिया था. कोर्ट ने माना था कि खुदकुशी से पहले कर्मचारी अपने दफ्तर में काम की वजह से पैदा हुए तनाव से बुरी तरह पीड़ित था. शुरुआत में टोयोटा ने इस आरोप को खारिज कर दिया था.

साल 2019 में टोयोटा ने एक घटना को खुदकुशी का मामला माना था. इस केस में 2017 में 28 साल के एक इंजीनियर ने खुदकुशी कर ली थी, जिसका बॉस लगातार उसका उपहास करता था.

जापान में लोग अपनी कंपनियों के प्रति बेहद वफादार माने जाते हैं, जो अक्सर अपने स्वास्थ्य, बेहतरी और जरूरतों को कंपनी के हितों से पीछे रखते हैं. वे काम के घंटों से कहीं ज्यादा काम करते हैं और किसी बड़ी कंपनी में काम करने पर गर्व महसूस करते हैं. साल 2020 में सरकार को ज्यादा काम की वजह से मौत की 2,835 शिकायतें मिली थीं. वहीं आठ सौ से ज्यादा मामलों में कंपनियों की ओर से मुआवजा दिया गया था, जिसमें खुदकुशी के मामले भी शामिल थे.

वीएस/एके (एपी)

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