बिसलेरी के पानी में मिला प्लास्टिक
१५ मार्च २०१८Traces of microplastic found in mineral water
इंसान प्लास्टिक से बुरी तरह घिर चुका है. वह प्लास्टिक खा रहा है, पी भी रहा है और पहन भी रहा है. देखिये कहां कहां मौजूद है अतिसूक्ष्म यानि माइक्रोप्लास्टिक.
दम घोंट रहा है माइक्रोप्लास्टिक
इंसान प्लास्टिक से बुरी तरह घिर चुका है. वह प्लास्टिक खा रहा है, पी भी रहा है और पहन भी रहा है. देखिये कहां कहां मौजूद है अतिसूक्ष्म यानि माइक्रोप्लास्टिक.
रोज सुबह मुंह में
पांच मिलीमीटर से कम परिधि वाले प्लास्टिक के कणों को माइक्रोप्लास्टिक कहा जाता है. प्लास्टिक के ये बारीक कण हर जगह मौजूद हैं. सुबह सुबह टूथपेस्ट के साथ ही माइक्रोप्लास्टिक सीधे इंसान के मुंह में पहुंचता है.
कॉस्मेटिक्स में
मेकअप के सामान, क्रीम, क्लीनजिंग मिल्क और टोनर में भी माइक्रोप्लास्टिक मौजूद होता है. घर के सीवेज सिस्टम से बहता हुआ यह माइक्रोप्लास्टिक नदियों और सागरों तक पहुंचता है.
मछलियों में
पानी में घुला माइक्रोप्लास्टिक मछलियों के पेट तक पहुंचता है. मछलियों के साथ ही दूसरे सी खाने में भी माइक्रोप्लास्टिक मिल रहा है. 2017 की एक रिपोर्ट के मुताबिक इंडोनेशिया और कैलिफोर्निया की 25 फीसदी समुद्री मछलियों में प्लास्टिक मिला. आहार चक्र के जरिए यह इंसान तक पहुंचता है.
नमक में
दुनिया में ज्यादातर नमक की सप्लाई समुद्री पानी से होती है. समुद्रों में बुरी तरह प्लास्टिक घुल चुका है. हर साल 1.2 करोड़ टन प्लास्टिक महासागरों तक पहुंच रहा है. नमक के साथ यह माइक्रोप्लास्टिक हर किसी की रसोई तक पहुंचता है.
पीने के पानी में
दुनिया भर में नल के जरिए सप्लाई होने वाले पीने के पानी के 80 फीसदी नमूनों में माइक्रोप्लास्टिक मिला है. वैज्ञानिकों के मुताबिक नल के पानी में प्लास्टिक का इस कदर मिलना बताता है कि प्लास्टिक हर जगह घुस चुका है. इसी पानी का इस्तेमाल खाना बनाने और मवेशियों की प्यास बुझाने के लिए भी किया जाता है.
कपड़ों में
सिथेंटिक टेक्सटाइल से बने कपड़ों को जब भी धोया जाता है, तब उनसे काफी ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक निकलता है. रिसर्च में पता चला है कि छह किलोग्राम कपड़ों को धोने पर 7,00,000 से ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक फाइबर निकलते हैं. महासागरों में 35 फीसदी माइक्रोप्लास्टिक सिथेंटिक टेक्साटाइल से ही पहुंचता है.
शहद में भी
पानी और जलीय जीवों के साथ ही वैज्ञानिकों को शहद जैसी चीजों में भी माइक्रोप्लास्टिक मिला है. हाल ही यूरोपीय संघ के प्लास्टिक के खिलाफ बनाई गई रणनीति में यह बात साफ कही गई कि शहद में माइक्रोप्लास्टिक की अच्छी खासी मात्रा मौजूद है.
टायर बने मुसीबत
पर्यावरण में सबसे ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक टायरों के जरिये घुलता है. सड़क पर घिसते टायर बहुत ही बारीक माइक्रोप्लास्टिक छोड़ते हैं. पानी और हवा के संपर्क में आते ही यह हर जगह पहुंच जाता है. (रिपोर्ट: इरेने बानोस रुइज/ओएसजे)