बुरकिना फासो का परंपरागत फैशन
९ फ़रवरी २०१८Traditional fashions from Burkina Faso
अफगानिस्तान में फैशन शो
कड़ी सुरक्षा के बीच युवा मॉ़डलों ने काबुल के एक निजी बंगले के बगीचे में कैटवॉक किया इसमें छह औरतें भी थीं. चरमपंथी हमलों और जंग के शोर में कराहते अफगानिस्तान में फैशन को सामने लाने की कुछ कोशिशें बीते सालों में हुई हैं.
रैंप के रंग
पिछले हफ्ते हुए फैशन शो में मॉडलों ने अफगानिस्तान की पारंपरिक पोशाकों को दिखाया जिसे यहीं के कई अलग अलग डिजायनरों ने तैयार किया है. अफगानिस्तान के अलग अलग जातीय समुदायों के पहनावे की शैलियों में फर्क होता है और यही इस फैशन शो में भी नजर आया.
फैशन की बहार
फैशन शो को देखने के लिए 100 से ज्यादा पुरुष और महिलाएं जमा हुए थे. छोटी सी जगह पूरी तरह से भर गई थी और लोगों का उत्साह देखने लायक था. तालिबान के शासन में इस तरह के नजारे की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी.
जोखिम है तो हुआ करे
शो के आयोजक 22 साल के मॉडल और फैशन डिजायनर अजमल हकीकी के लिए ये काम बेहद जोखिमभरा था लेकिन उन्होंने इसके लिए हिम्मत जुटा लिया. वे कहते हैं, "मैंने खुद से कहा अगर आत्मघाती हमलावर हम पर हमला करता है, मैं अपने हाथ पांव खो देता हूं तब भी उसी रास्ते पर चलूंगा जिसे मैंने चुना है."
फैशन से आएगी एकता!
आयोजक अजमल हकीकी को अफगान संस्कृति और यहां के पारंपरिक इलाकाई लिबासों की चमक अभिभूत कर देती है और इन्हें लोगों के सामने लाने की उनके अंदर की मजबूत इच्छा इन डियाजनों को देख और ज्यादा प्रखर हो जाती है. उनका मानना है कि अगर अफगान लोग अपनी इस विरासत के मूल्य को जान लें तो इससे उन्हें एक करने में भी मदद मिलेगी.
अफगान से अफगान का अफगान के लिए
बीते कुछ सालों में काबुल में कुछ फैशन शो हुए हैं लेकिन आमतौर पर उनमें अंतरराष्ट्रीय दर्शक होते है. हकीकी का शो पहली बार पूरी तरह से अफगान फैशन शो था जिसमें अफगानिस्तान के पारंपरिक लिबास को अफगान मॉडलों ने अफगान लोगों के सामने पेश किया.
दिलों में डर अब भी है
हालांकि महिलाओं को इस तरह से लोगों के सामने पेश करने को लेकर अफगानिस्तान अब भी सहमा हुआ है. पांच साल के तालिबान शासन में जो डर बना वो उनके सत्ता से हटने के 16 साल बाद भी बना हुआ है. नियमित होने वाली हिंसा उस डर को जब तब मजबूत करती रहती है.
औरतों की मुश्किल
आज भी कुछ महिलाएं बिना बुर्के के घरों से बाहर नहीं निकलतीं जो उन्हें सिर से लेकर पैरों तक ढंके रखता है. महिलाओँ के खिलाफ हिंसा भी बहुत आम बात है. इसके अलावा पुरुषों से प्रेम करने पर महिलाओं को पत्थर से मारने, सरेआम मौत की सजा देने और जेल में डालने की खबरें भी आती रहती हैं.
कम समय में बड़ी कामयाबी
ऐसे हालात में भी हकीकी की मॉडलिंग एजेंसी ने अफगान फैशन की दुनिया में बहुत कम समय में अपनी एक पहचान कायम कर ली है. वो कई बार राष्ट्रीय टेलिविजन पर भी अलग अलग मौकों पर आ चुके हैं. एजेंसी अपनी खुद के ब्रैंड नाम से कपड़े बेचती है. उनके खरीदारों में 70 फीसदी से ज्यादा विदेशी हैं.
पहले भी हुए हैं फैशन शो
काबुल में ये तीसरा बड़ा फैशन शो था. इसमें शामिल होने वाली मॉडलों, खासतौर से लड़कियों के लिए ये एक अनोखा अनुभव था. सुरक्षा के भारी इंतजामों के बावजूद उन्हें डर भी लग रहा था. हालांकि एक बेहतर भविष्य के सपने ने रैंप पर उनके कदमों को चलाते रखा.
शोख रंगों की अफगान शैली
अफगान शैली के कपड़ों में चटक रंगों का भी खूब इस्तेमाल होता है. कपड़ों का रंग देखने वालों की आंखों के साथ ही ये मॉ़डलों के मन में भी सपनों के रंग बुनता है.
भविष्य की तैयारी
दर्शकों में शामिल हुए लोगों के लिए भी ये अनुभव उम्मीदें जगाने वाला था. दर्शकों में शामिल एक महिला ने कहा, "अगर हम अपने लोगों की सोच बदल सकें और इतने सालों की जंग से दूर रख सकें तो मुझे यकीन है कि लोग एक बेहतर भविष्य के लिए तैयार हैं."
काबुल में सब ठीक है
तालिबान का शासन खत्म होने के बाद अफगानिस्तान में थोड़ी तब्दीली आई है. खासतौर से काबुल में शिक्षा और रोजगार को लेकर हालात थोड़े बेहतर हैं. हालांकि अकसर होने वाले हमलों ने इन्हें पूरी तरह बदलने से रोक रखा है. अफगान लोग हर रात इस आशंका के साथ ही सोते हैं कि अगली सुबह कहीं फिर उनकी आंखें तालिबान के शासन में ना खुलें.