भारत के देह व्यापार में फंसतीं थाई और उज्बेक लड़कियां
११ मई २०१८
भारत में अब दक्षिण एशिया से बाहर की महिलाओं को लाकर देह व्यापार में धकेला जा रहा है. विडंबना यह है कि ये महिलाएं शोषण और उत्पीड़न से बचाए जाने के बावजूद कानूनी पचड़ों में फंसी रहती हैं और जल्द अपने देश नहीं लौट पातीं.
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भारत में लंबे समय से बांग्लादेश और नेपाल से लाकर महिलाओं से देह व्यापार कराया जाता रहा है. नेपाल के अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर भारत के अधिकारी मिल कर काम कर रहे हैं जबकि बांग्लादेश के साथ भारत का रिपैट्रिएशन समझौता है जिसके तहत वहां के नागरिकों के वापस उनके देश भेजने का प्रावधान है. लेकिन अब दक्षिण एशिया से बाहर के देशों की महिलाओं को भी तस्करी के जरिए भारत लाया जा रहा है. इनमें खास तौर से थाईलैंड और उज्बेकिस्तान की महिलाएं शामिल हैं.
तेलंगाना में राचकोंडा जिले के पुलिस प्रमुख महेश भगवत कहते हैं, "बांग्लादेश और नेपाल के साथ (रिपैट्रिएशन) प्रक्रिया ठीक तरह से काम करती है. लेकिन अब ऐसे देशों से भी लोगों को लाया जा रहा है जिनके साथ हमारी रिपैट्रिएशन संधि नहीं है." सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 2016 में बांग्लादेश से महिलाओं को तस्करी के जरिए भारत लाने के 33 मामले दर्ज किए गए जबकि 16 महिलाओं को नेपाल से लाया गया. उसी साल पुलिस ने थाईलैंड और उज्बेकिस्तान से होने वाली महिलाओं की तस्करी के भी 70 मामले दर्ज किए.
इससे पहले की रिपोर्टों में देह व्यापार पीड़ितों की राष्ट्रीयता के बारे में उल्लेख नहीं था. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के एक अधिकारी का कहना है कि थाईलैंड और उज्बेकिस्तान के नाम का उल्लेखन इसलिए किया गया है क्योंकि 2016 में तस्करी के ज्यादातर मामले इन्हीं दो देशों से सामने आए हैं.
दुनिया के सबसे बड़े देह बाजार
हैवोकस्कोप रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कई देशों में होने वाले देह व्यापार के आंकड़े जमा किये हैं. इसमें भारत को भी बड़ा बाजार बताया गया है. एक नजर इन देशों पर.
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12. इंडोनेशिया: 2.25 अरब डॉलर
इंडोनेशिया में देह व्यापार गैरकानूनी है. इसे नैतिक अपराध माना जाता है. लेकिन इसके बावजूद मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया में देह व्यापार काफी फैला हुआ और संगठित है. यूनिसेफ के मुताबिक इंडोनेशिया में देह व्यापार से जुड़ी 30 फीसदी युवतियां नाबालिग है.
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11. स्विट्जरलैंड: 3.5 अरब डॉलर
स्विट्जरलैंड में देह व्यापार के अड्डे को आम तौर पर "सेक्स रूम" कहा जाता है. इसे सरकार से वित्तीय मदद भी मिलती है. यह शहर के केंद्र से बाहर होते हैं. वहां शावर, लॉकर, डेस्क और वॉशिंग मशीन भी होती है. ज्यूरिख शहर ने तो देह व्यापार के ठिकाने को शहर से दूर बसाने के लिए 26 लाख डॉलर भी दिए.
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10. तुर्की: 4 अरब डॉलर
तुर्की में देह व्यापार कानूनी है लेकिन देह व्यापार को बढ़ावा देना प्रतिबंधित है. तुर्की का अप्रावसन कानूनी देह व्यापार के लिए तुर्की आने की इजाजत नहीं देता है. लेकिन इसके बावजूद तुर्की 10वें नबंर पर है.
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9. फिलीपींस: 6 अरब डॉलर
देह व्यापार फिलीपींस में गैरकानूनी है. लेकिन सब जानते हैं कि फिलीपींस सेक्स टूरिज्म के लिए किस हद तक बदनाम है. बहुत ज्यादा गरीबी और इंटरनेट तक आसान पहुंच ने इस देश को सेक्स टूरिज्म के लिए चुंबक जैसा बना दिया है. बच्चे और नाबालिग भी इसका शिकार हो रहे हैं.
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8. थाइलैंड: 6.4 अरब डॉलर
यह देश भी सेक्स टूरिज्म के लिए मशहूर है. थाइलैंड में देह व्यापार कानूनी है. यहां खास जगहों पर ही देह व्यापार की अनुमति है. स्थानीय अधिकारी कभी कभार यौनकर्मियों की रक्षा भी करते हैं. वियतनाम युद्ध के बाद से ही थाइलैंड सेक्स टूरिज्म के लिए मशहूर हुआ.
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7. भारत: 8.4 अरब डॉलर
आबादी के लिहाज से दुनिया के दूसरे बड़े देश, भारत में देह व्यापार से जुड़ा कानून बड़ा उलझा हुआ है. पैसे के लिए सेक्स करना कानूनी है लेकिन सार्वजनिक जगहों पर, होटल में ऐसा करना, अड्डा चलाना या इसे बढ़ावा देना गैरकानूनी है. निजी आवास में बालिग के साथ आपसी सहमति से सेक्स करना कानूनी है.
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6. दक्षिण कोरिया: 12 अरब डॉलर
हालांकि दक्षिण कोरिया में यह गैरकानूनी है लेकिन कोरियन वुमेन्स डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट कुछ और ही कहानी बयान करती है. दक्षिण कोरिया में देह व्यापार का कारोबार 12-13 अरब डॉलर का है. यह जीडीपी का 1.6 फीसदी है. रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया के 20 से 64 साल के 20 फीसदी पुरुष महीने में औसतन 580 डॉलर देह व्यापार पर खर्च करते हैं.
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5. अमेरिका: 14.6 अरब डॉलर
अमेरिका में आम तौर पर देह व्यापार कानूनी है. हालांकि नेवाडा राज्य के कुछ इलाकों में यह गैरकानूनी है. अमेरिका में देह व्यापार के लिए आधिकारिक तौर पर आवेदन किया जा सकता है. इस कारोबार से जुड़े लोगों को टैक्स, कर्मचारियों की हिफाजत, न्यूनतम मजदूरी, बीमा, मेडिकल जांच के नियम मानने पड़ते हैं.
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4. जर्मनी: 18 अरब डॉलर
अनुमान के मुताबिक जर्मनी में 40,000 सेक्स वर्कर हैं. यह कानूनी है लेकिन सामाजिक दशा और अधिकारों से जुड़े कई नियम हैं. यौनकर्मियों को दूसरे पेशों की तरह सामाजिक सुरक्षा मिल सकती है. देह व्यापार के लिए मजबूर करना या स्थिति का लाभ उठाना अपराध है.
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3. जापान: 24 अरब डॉलर
देह व्यापार जापान के इतिहास के साथ जुड़ा है. 1956 के एंटी प्रोस्टिट्यूशन एक्ट के मुताबिक, "कोई भी व्यक्ति यौनकर्मी नहीं बनेगा और ना ही ग्राहक बनेगा." कानूनी कमियों के चलते जापान में सेक्स उद्योग शुरू हुआ, यह उद्योग खुद को देह व्यापार नहीं कहता है.
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2. स्पेन: 26.5 अरब डॉलर
यूएन यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक 39 फीसदी स्पेनिश पुरुषों ने एक बार यौनकर्मी से संबंध बनाए हैं. 2009 में स्पेन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक सर्वे किया जिसमें 32 फीसदी पुरुषों ने यह स्वीकारा. यह हॉलैंड और ब्रिटेन की तुलना में 14 फीसदी ज्यादा है.
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1. चीन: 73 अरब डॉलर
दुनिया का सबसे बड़ा यौन कारोबार उस देश में होता है जहां देह व्यापार गैरकानूनी है. चीन में सरकार यौनकर्मियों के साथ अपराधियों की तरह पेश आती है. समय समय पर छापे मारे जाते हैं लेकिन इसके बावजूद चीन के मसाज पार्लरों, बारों और नाइट क्लबों में यह फलता फूलता रहा है.
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2017 के आंकड़े मौजूद नहीं हैं, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल के शुरुआती छह महीने में पुणे और मुंबई में मसाज पार्लर के नाम पर चल रहे देह व्यापार के ठिकानों से 40 थाई महिलाओं को बचाया गया है. 2017 में ही बाद में तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के मसाज पार्लर और स्पा सेंटरों से 34 थाई महिलाओं को बचाया गया.
भगवत की टीम ने हैदराबाद में एक उज्बेक महिला को भी देह व्यापार से बचाया. लेकिन हाल में उसने आत्महत्या कर ली. भगवत कहते हैं कि करीब चार महीने पहले ही उसे उसके देश भेजने की प्रक्रिया शुरू हुई थी. जब थॉमस रॉयटर्स फाउंडेशन ने इस बारे में उज्बेकिस्तान और थाईलैंड के दूतावासों की प्रतिक्रिया जानने के लिए फोन किया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. जब दूतावास अधिकारियों को बताया गया कि मानव तस्करी के जरिए लाई गई उनके देश की एक नागरिक को बचाया गया है तो अधिकारियों ने कहा कि उन्हें व्यक्ति की पहचान और घर के पते की पुष्टि करनी होगी.
सामाजिक कार्यकर्ता कहते हैं कि इस तरह पुष्टि करना मुश्किल होगा क्योंकि पीड़ित महिलाएं अकसर गलत जानकारी देती हैं क्योंकि उन्हें इस बात का डर होता है कि तस्करी करने वाले एजेंट उन्हें या उनके परिवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं. प्रज्वला नाम के एक गैर सरकारी संगठन की सह संस्थापक सुनीता कृष्णन कहती हैं, "इन लड़कियों को तस्करी करने वाले अपने नियंत्रण में रखते हैं और उनसे बहुत सारी बातें कहलवाई जाती हैं और ये बातें बहुत ही मनगढ़ंत होती हैं."
इन देशों में कानूनी है देह व्यापार
कहते हैं वैश्यावृति दुनिया का सबसे पुराना पेशा है. लेकिन इस पेशे के बारे में खुल कर बात करने से लोग अक्सर परहेज करते हैं. कई देशों में यह कानूनी है और यौनकर्मी अन्य किसी भी पेशे की तरह सरकार को टैक्स भी चुकाते हैं.
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नीदरलैंड्स और बेल्जियम
देह व्यापार में एम्सटर्डम का रेड लाइट एरिया शायद दुनिया का सबसे मशहूर हिस्सा है. अन्य देशों से विपरीत, जहां लोग छिप छिपा कर रेड लाइट एरिया में जाते हैं, एम्सटर्डम में टूरिस्ट खास तौर से इस इलाके को देखने पहुंचते हैं. बेल्जियम में भी देह व्यापार कानूनी है.
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फ्रांस और जर्मनी
इन दोनों देशों में देह व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कड़े नियम हैं. जर्मनी के कुछ शहरों में यौनकर्मियों को सड़कों पर ग्राहक खोजने के लिए खड़े होने की अनुमति नहीं है. वहीं फ्रांस में 2014 में नया कानून लागू किया गया जिसके तहत सेक्स के लिए पैसे देना अपराध है.
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स्वीडन और नॉर्वे
फ्रांस ने जो कानून लागू किया है, उसकी शुरुआत 1999 में पहली बार स्वीडन ने की. इसीलिए इसे 'स्वीडिश मॉडल' और 'नॉर्डिक मॉडल' कहा जाता है. नॉर्वे और आइसलैंड भी इसी कानून का पालन करते हैं. इस मॉडल के तहत ये देश यौनकर्मियों को अपराधी ना कह कर, देह व्यापार पर लगाम कसने की कोशिश कर रहे हैं.
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ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड
इन दोनों देशों में देह व्यापार को पूरी तरह कानूनी मान्यता प्राप्त है. ऑस्ट्रिया में देह व्यापार में आने के लिए कम से कम 19 साल का होना जरूरी है. महिलाओं को नियमित रूप से अपना मेडिकल टेस्ट कराना होता है और टैक्स भी चुकाना होता है. जर्मनी में भी ऐसा ही है.
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ग्रीस और तुर्की
जर्मनी की तरह ग्रीस में भी वैश्यावृति एक कानूनी पेशा है. अन्य लोगों की तरह यौनकर्मियों को अपना मेडिकल बीमा भी कराना होता है. तुर्की में भी इसी तरह के कानून हैं. वहां यौनकर्मियों के लिए खुद को पंजीकृत कराना और आईडी कार्ड बनवाना अनिवार्य है.
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ब्रिटेन और आयरलैंड
ब्रिटेन में भी यौनकर्मियों के पास अधिकार हैं लेकिन गैर सरकारी संगठनों के विरोध के चलते वक्त के साथ कुछ नियम बदले गए हैं. मिसाल के तौर पर किसी यौनकर्मी की तलाश में रेड लाइट इलाके में धीमी गति पर गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं है. आयरलैंड में भी कड़ा नियंत्रण है.
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स्पेन और पुर्तगाल
दरअसल यूरोप के अधिकतर देश देह व्यापार को अपराध नहीं मानते. हर देश के अपने कुछ अलग नियम हैं और उन्हीं के अनुरूप स्वीकृति है. स्पेन में किसी अन्य व्यक्ति को देह व्यापार में धकेलना या उससे मुनाफा कमाना अपराध है. व्यक्ति अपनी इच्छा से इस पेशे से जुड़ सकता है.
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मेक्सिको और ब्राजील
लगभग सभी लातिन अमेरिकी देशों में देह व्यापार की अनुमति है. ड्रग्स और माफिया के लिए मशहूर मेक्सिको में मानव तस्करी भी बड़ी समस्या है. सुनियोजित रूप से सेक्स रैकेट चलाना अपराध है लेकिन फिर भी यहां ऐसा आम है.
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न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया
जहां पूरे न्यूजीलैंड में देह व्यापार की अनुमति है, वहीं पड़ोसी ऑस्ट्रेलिया के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग कानून हैं. न्यूजीलैंड में 2003 में बदले गए कानून के बाद से बालिगों के लिए यह व्यापार कानूनी हो गया है. कनाडा में भी इसे गैरकानूनी नहीं माना जाता.
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भारत और थाईलैंड?
भारत के लगभग हर शहर में कोई ना कोई छिपा हुआ इलाका है जहां देह व्यापार चलता है. दिल्ली की जीबी रोड पूरे देश में मशहूर है. दरअसल भारत में देह व्यापार गैरकानूनी नहीं है लेकिन दलाली करना, चकला चलाना और सार्वजनिक जगहों पर ग्राहक ढूंढना अपराध है. वैश्यावृति के लिए मशहूर एशिया के अधिकतर देशों, जैसे थाईलैंड और फिलीपींस में यौनकर्म गैरकानूनी है.
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कृष्णन का कहना है कि आत्महत्या करने वाली उज्बेक महिला को प्रज्वला के ही एक सेंटर में रखा जा रहा था और जब उसे बचाया गया तो उसके पास फर्जी भारतीय पहचान दस्तावेज थे और शुरू में उसने यह बताने से भी मना कर दिया था कि वह किस देश से है. कृष्णन कहती हैं कि ज्यादा से ज्यादा देश भारत के साथ रिपैक्ट्रिएशन समझौते करें ताकि ताकि देह व्यापार से छुड़ाई गईं वहां की महिलाएं जल्द अपने देशों में जा सकें.
मानव तस्करी विरोधी समूह इम्पल्स एनजीओ नेटवर्क की संस्थापक हसीना खारबीह कहती हैं कि भारत में मसाज पार्लरों का उद्योग बढ़ रहा है और ज्यादातर ग्राहक थाईलैंड और उज्बेकिस्तान जैसे देशों की गोरे रंग वाली महिलाओं से मसाज कराने को प्राथमिकता देते हैं. वह कहती हैं, "भारत में विदेशी लड़कियों की मांग बढ़ रही है."