यूरोपीय नेताओं का भरोसा जीत पाएंगे ट्रंप?
२५ मई २०१७![Palästina PK Trump und Abbas](https://static.dw.com/image/38948240_800.webp)
अमेरिका के यूरोपीय सहयोगी राष्ट्रपति ट्रंप से मजबूत वचनबद्धता चाहते हैं. ट्रंप का यह पहला यूरोप दौरा है. उन्होंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान नाटो और यूरोपीय संघ जैसे संगठनों को निशाना बनाया था. इसलिए यूरोप में उन्हें लेकर एक संदेह का माहौल है.
नाटोल के मुख्यालय में जहां ट्रंप के स्वागत के लिए रेड कारपेट बिछाया जा रहा है, वहीं ब्रसेल्स में बुधवार को उनके खिलाफ बड़े प्रदर्शन भी हुए. यूरोपीय नेताओं से ट्रंप की मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब हाल ही में ब्रिटेन के मैनचेस्टर शहर में एक बड़ा हमला हुआ. 22 लोगों की जान लेने वाले इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है.
यूरोपीय नेताओं की कोशिश होगी कि वे ट्रंप को इस बात का भरोसा दिलायें कि यूरोपीय संघ और नाटो हमेशा प्रांसगिक है और दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप में शांति का श्रेय इन्हीं दोनों संगठनों को जाता है.
ट्रंप इस्लामिक स्टेट से निपटने के मामले में नाटो को "बेकार" बता कर खारिज कर चुके हैं. इसकी बजाय वह रूस के साथ सहयोग बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं. यही नहीं, जब ब्रिटेन ने ब्रेक्जिट जनमत संग्रह में 28 सदस्यों वाले यूरोपीय संघ से निकलने का फैसला किया तो ट्रंप ने इसका समर्थन किया. ट्रंप का यह रुख यूरोपीय संघ के लिए किसी झटके से कम नहीं था.
लेकिन फिर ट्रंप अपनी कही इन सब बातों से पीछे हट गए. इसीलिए उम्मीद है कि ब्रसेल्स में वह यूरोप के साथ एकजुटता दिखाएंगे. यूरोपीय संघ के अध्यक्ष डोनल्ड टुस्क ने ट्वीट किया, "मेरा उद्देश्य अमेरिकी राष्ट्रपति को यह भरोसा दिलाना है कि यूरो-अटलांटिकवाद का मतलब पश्चिमोपरांत विश्व व्यवस्था को रोकने के लिए मुक्त वैश्विक सहयोग है."
ट्रंप ने बुधवार को ब्रसेल्स पहुंचने के बाद ही बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स मिशेल से मुलाकात की. ट्रंप ने कहा कि मैनचेस्टर की "भयानक स्थिति" के बाद आतंकवाद सबसे अहम मुद्दा है. उन्होंने कहा, "जो अभी कुछ दिन पहले हुआ, जब आप इस तरह का कुछ देखते हैं तो आप महसूस करते हैं कि इस लड़ाई को जीतना कितना महत्वपूर्ण है. और हम इस लड़ाई को जीतेंगे."
ब्रसेल्स पहुंचने से पहले ट्रंप ने वेटिकन में पोप फ्रांसिस से मुलाकात की, जबकि अपने पहले मौजूदा दौरे की शुरुआत उन्होंने सऊदी अरब से की थी. रियाद में उन्होंने मुस्लिम देशों के नेताओं के एक सम्मेलन में भी हिस्सा लिया. इसके बाद ट्रंप ने इस्राएल और फलीस्तीनी इलाकों का दौरा भी किया.
एके/एमजे (एएफपी, एपी)