भारत में टेस्ला फैक्ट्री को लेकर ट्रंप ने क्या कहा
२० फ़रवरी २०२५
टेस्ला भारतीय बाजार में दाखिल होने की तैयारी कर रही है, इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कंपनी की योजना पर एतराज जताया है.
टेस्ला के सीईओ इलॉन मस्क और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंपतस्वीर: Andrew Harnik/Getty Images via AFP
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टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ इलॉन मस्क भारत में एंट्री की तैयारी कर रहे हैं. इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला ने भारत में भर्तियां शुरू भी कर दी हैं. हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मस्क की मुलाकात अमेरिका में हुई थी. ये भर्तियां इस मुलाकात के कुछ दिनों बाद शुरू हुईं. टेस्ला की वेबसाइट पर राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई के लिए एक दर्जन से अधिक नौकरियों की सूची है, जिनमें स्टोर मैनेजर और सर्विस टेकनिशियन के पद भी शामिल हैं.
लेकिन मस्क के नेतृत्व वाली टेस्ला की भारत में एंट्री की योजना अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को पसंद नहीं आ रही है. ट्रंप ने मंगलवार को फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि अगर टेस्ला भारत के टैरिफ से बचने के लिए वहां फैक्ट्री लगाती है, तो यह अमेरिका के लिए "अनुचित" होगा.
ईवी कंपनी टेस्ला भारत में आने की तैयारी में हैतस्वीर: David Zalubowski/AP/picture alliance
टैरिफ को लेकर ट्रंप कर चुके हैं भारत की आलोचना
ट्रंप ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत द्वारा कारों पर लगाए जा रहे उच्च शुल्क की आलोचना की थी, लेकिन जल्द व्यापार समझौते की दिशा में काम करने और शुल्कों पर गतिरोध को सुलझाने पर सहमति भी जाहिर की थी.
टेस्ला के मालिक मस्क लंबे समय से भारत की आलोचना करते रहे हैं कि भारत ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर लगभग 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया है, जिससे दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटो बाजार में टाटा मोटर्स जैसे स्थानीय कार निर्माताओं को संरक्षण मिलता है, जहां इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना अभी भी शुरुआती चरणों में है.
ट्रंप ने कहा कि मस्क के लिए दक्षिण एशियाई देश में कार बेचना "असंभव" है. उन्होंने कहा, "दुनिया का हर देश हमारा फायदा उठाता है और वे ऐसा टैरिफ के जरिए करते हैं. उदाहरण के लिए, भारत में व्यावहारिक रूप से कार बेचना असंभव है."
भारत सरकार ने पिछले साल मार्च में एक नई ईवी पॉलिसी पेश की थी, जिसके तहत अगर कोई कार निर्माता कम से कम 50 करोड़ डॉलर का निवेश करता है और फैक्ट्री लगाता है तो आयात कर को घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया जाएगा.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक टेस्ला ने भारतीय शहरों दिल्ली और मुंबई में दो शोरूम के लिए स्थान चुने हैं, इन दोनों शहरों के जरिए कंपनी भारतीय कार बाजार में कदम रखने की तैयारी में है. कंपनी ने भारत में 13 मिड लेवल के पदों के लिए नौकरी के विज्ञापन पोस्ट किए हैं. कंपनी फिलहाल भारत में कोई गाड़ी नहीं बनाती है.
इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा , "अब, अगर मस्क भारत में फैक्ट्री लगाते हैं, तो यह ठीक है, लेकिन यह हमारे लिए अनुचित है. यह बहुत अनुचित है."
टेस्ला लंबे समय से भारत आना चाहती है लेकिन उच्च आयात शुल्क की वजह से वह पीछे हट गई थी. भारत का इलेक्ट्रिक कार बाजार छोटा है, फिर भी यह टेस्ला के लिए विकास का मौका देता है, जो बढ़ती चीनी प्रतिस्पर्धा और वार्षिक ईवी बिक्री में गिरावट से जूझ रही है.
रिसर्च फर्म काउंटर पॉइंट की रिपोर्ट के मुताबिक2025 में भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री में 65 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है. अनुमान के मुताबिक, 2030 तक देश में बिकने वाली हर तीसरी कार इलेक्ट्रिक होगी. भारत सरकार का लक्ष्य भी इससे मिलता-जुलता ही है. सरकार ने साल 2030 तक निजी कारों की कुल बिक्री में ईवी की 30 फीसदी हिस्सेदारी करने का लक्ष्य रखा है.
एए/आरआर (रॉयटर्स, एएफपी)
अमेरिकी टैरिफ से कैसे प्रभावित होगा भारत
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अप्रैल से "प्रतिस्परधात्मक टैरिफ" लगाने की धमकी दी है. इससे भारत के कौन-कौन से उद्योग-धंधे प्रभावित हो सकते हैं? जानिएः
तस्वीर: Kevin Lamarque/REUTERS
ट्रंप की धमकी से भारत में चिंता
ट्रंप की टैरिफ लगाने की धमकी से भारत के ऑटोमोबाइल से लेकर कृषि तक के निर्यात क्षेत्रों में चिंता बढ़ गई है. सिटी रिसर्च के विश्लेषकों के अनुसार, इससे भारत को सालाना लगभग सात अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है.
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टैक्स अभी स्पष्ट नहीं
भारतीय सरकारी अधिकारी अभी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि इन शुल्कों की गणना कैसे होगी, ताकि उनके प्रभाव का सही आकलन किया जा सके. हालांकि, सरकार इनका मुकाबला करने की योजना बना रही है और अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौते के लिए प्रस्ताव तैयार कर रही है, जिससे टैरिफ कम किए जा सकें और द्विपक्षीय व्यापार बढ़े.
तस्वीर: Kevin Lamarque/REUTERS
किन क्षेत्रों पर असर पड़ेगा?
विश्लेषकों के अनुसार, रसायन, धातु उत्पाद और आभूषण उद्योग सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं. इनके बाद ऑटोमोबाइल, दवा और खाद्य उत्पादों पर असर पड़ सकता है.
तस्वीर: Uncredited/AP Photo/File/picture alliance
74 अरब डॉलर का निर्यात
2024 में भारत से अमेरिका को कुल लगभग 74 अरब डॉलर का निर्यात हुआ, जिनमें 8.5 अरब डॉलर के मोती, रत्न और आभूषण, 8 अरब डॉलर की दवाएं और 4 अरब डॉलर के पेट्रोकेमिकल शामिल थे.
तस्वीर: Sam Panthaky/AFP/Getty Images
भारत में टैक्स ज्यादा
भारत अपने यहां अमेरिकी आयात पर जितना टैक्स लगाता है, उससे कम अमेरिका उसके उत्पादों पर लगाता है. 2024 में भारत का औसत आयात शुल्क 11 फीसदी था, जो अमेरिकी निर्यात पर लगे शुल्क से 8.2 प्रतिशत अधिक था.
तस्वीर: Rajanish Kakade/AP/picture alliance
अमेरिका की चिंता
अमेरिकी सरकार के मुताबिक, अमेरिका के कृषि उत्पादों पर औसत 5 फीसदी टैरिफ लगता है, जबकि भारत में यह 39 फीसदी है. भारत ने अमेरिकी मोटरसाइकिलों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाया हुआ है, जबकि अमेरिकी टैरिफ भारतीय मोटरसाइकिलों पर मात्र 2.4 फीसदी है.
तस्वीर: Jim Watson/AFP/Getty Images
अमेरिका से भारत को निर्यात
2024 में अमेरिका ने भारत को लगभग 42 अरब डॉलर के उत्पाद निर्यात किए. इन पर भारत में 7 फीसदी से लेकर 68 फीसदी तक के ऊंचे टैरिफ लगे. जैसे लकड़ी उत्पाद और मशीनरी पर 7 फीसदी टैरिफ लगा जबकि जूते-चप्पल और परिवहन उपकरणों पर 15-20 फीसदी और खाद्य उत्पादों पर लगभग 68 फीसदी टैक्स लगा.
तस्वीर: SAM PANTHAKY/AFP/Getty Images
कृषि क्षेत्र पर असर
अगर अमेरिका व्यापक स्तर पर कृषि उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाता है, तो भारत के कृषि और खाद्य उत्पादों का निर्यात बुरी तरह प्रभावित होगा. कपड़ा, चमड़ा और लकड़ी से जुड़े उद्योगों पर असर सीमित रहेगा क्योंकि इन पर टैरिफ अंतर कम है और इनका भारत-अमेरिका व्यापार में हिस्सा भी छोटा है.
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सबसे बुरा असर कब होगा?
अगर अमेरिका भारत से आयात होने वाले सभी उत्पादों और सेवाओं पर समान रूप से 10 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा देता है, तो भारतीय अर्थव्यवस्था को 50-60 बेसिस प्वाइंट्स तक का नुकसान हो सकता है. स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के विश्लेषकों के अनुसार, इससे भारत से अमेरिका को निर्यात 11-12 फीसदी तक घट सकता है.
तस्वीर: Jack Kurtz/ZUMA/picture alliance
भारत क्या कर सकता है?
व्यापार तनाव कम करने के लिए भारत ने पहले ही कई टैरिफ घटा दिए हैं. महंगी मोटरसाइकिलों पर टैरिफ 50 फीसदी से घटाकर 30 फीसदी किया गया है. बर्बन व्हिस्की पर टैरिफ 150 फीसदी से घटाकर 100 फीसदी किया गया है. इसके अलावा, भारत ऊर्जा आयात बढ़ाने और अमेरिका से अधिक रक्षा उपकरण खरीदने जैसे उपायों पर भी विचार कर रहा है. वीके/एए (रॉयटर्स)