अमेरिकी रक्षा बजट में 54 अरब डॉलर का इजाफा चाहते हैं ट्रंप
२८ फ़रवरी २०१७
अमेरिका के रक्षा बजट में 54 अरब डॉलर की भारी वृद्धि होगी. राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की सरकार ने बजट की जो रूपरेखा तैयार की है, उसके तहत विदेशों को जाने वाली मदद और घरेलू कार्यक्रमों में कटौती कर यह रकम जुटाई जाएगी.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप देश के रक्षा बजट में "ऐतिहासिक" वृद्धि चाहते हैं, लेकिन अमेरिकी कांग्रेस में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन सांसद इस कदम का विरोध कर रहे हैं. बजट उन्हें ही पास करना है.
ट्रंप ने सोमवार को व्हाइट हाउस में राज्यों के गवर्नरों की एक बैठक में कहा, "हम कम संसाधनों से ज्यादा काम करने जा रहे हैं और सरकार को लोगों के प्रति झुकाव रखने वाली और जवाबदेह बना रहे हैं." उन्होंने कहा, "जो धन हम खर्च करते हैं, उससे बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं."
उन्होंने कहा, "हम बुनियादी ढांचे पर बहुत ज्यादा खर्च करने जा रहे हैं. ऐसा नहीं है कि हमारे पास कोई विकल्प है- हमारे हाइवे, हमारे पुल और सुरंगें असुरक्षित हैं." मंगलवार को राष्ट्रपति ट्रंप पहली बार कांग्रेस को संबोधित करने जा रहे हैं जिसमें वह चुनाव अभियान के दौरान उठाए गए आर्थिक मुद्दों की बात करेंगे और अपनी आर्थिक तथा विदेश नीति को स्पष्ट करेंगे.
किसका कितना रक्षा बजट है, जानिए
डिफेंस बजट: रूस से आगे भारत
रक्षा कार्यक्रमों का विश्लेषण करने वाले संस्थान आईएचएस जेन के मुताबिक 2016 में भारत रक्षा खर्च के मामले में रूस और सऊदी अरब को पछाड़कर नंबर 4 पर आ गया है. 2018 में सबसे ज्यादा रक्षा बजट किन देशों का होगा, एक अनुमान:
तस्वीर: Reuters/KCNA
अमेरिका, 625.1 अरब डॉलर
तस्वीर: picture-alliance/(AP Photo/A. Keplicz
चीन, 201.5 अरब डॉलर
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भारत, 56.5 अरब डॉलर
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ब्रिटेन, 54.4 अरब डॉलर
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सऊदी अरब, 47.6 अरब डॉलर
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फ्रांस, 45.1 अरब डॉलर
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रूस, 41.1 अरब डॉलर
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जापान, 41 अरब डॉलर
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जर्मनी, 37.9 अरब डॉलर
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दक्षिण कोरिया, 35.6 अरब डॉलर
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बजट प्रस्ताव से जुड़े मामलों की जानकारी रखने वाले अधिकारियों का कहना है कि जिन विभागों में कटौती हो सकती है, उनमें पर्यावरण संरक्षण एजेंसी, विदेश मंत्रालय और विदेशी मदद होगी. मार्च के महीने में इस बारे में ज्यादा ब्यौरा सामने आएगा.
नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया, "मोटे तौर पर ज्यादातर संघीय एजेंसियों को कटौती का सामना करना पड़ सकता है. और विदेशों को दी जाने वाली मदद में भारी कटौती होगी."
उधर, व्हाइट हाउस के बजट डायरेक्टर माइक मुलवाने का कहना है कि ट्रंप वही कर रहे हैं जिसका वादा उन्होंने चुनावों में किया था. उनके मुताबिक, "बजट की प्राथमिकताओं में सेना को नए सिरे से खड़ा करना अहम है, जिसमें हमारी परमाणु क्षमताओं को बहाल करना भी शामिल है. साथ ही राष्ट्र की रक्षा और सीमाओं को सुरक्षित बनाने पर जोर है. उन कानूनों को लागू किया जाएगा जो सिर्फ किताबों में कैद हैं."
किसके पास कितने एटम बम
किसके पास, कितने एटम बम
दुनिया भर में इस वक्त नौ देशों के पास करीब 13,865 परमाणु बम हैं. हाल के सालों में परमाणु हथियारों की संख्या घटी है. चलिए देखते हैं कि किस देश के पास कितने परमाणु हथियार हैं.
तस्वीर: Reuters
रूस
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) के मुताबिक परमाणु हथियारों की संख्या के मामले में रूस सबसे आगे है. 1949 में पहली बार परमाणु परीक्षण करने वाले रूस के पास 6,500 परमाणु हथियार हैं.
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अमेरिका
1945 में पहली बार परमाणु परीक्षण के कुछ ही समय बाद अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर परमाणु हमला किया. सिप्री के मुताबिक अमेरिका के पास आज भी 6,185 परमाणु बम हैं.
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फ्रांस
यूरोप में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार फ्रांस के पास हैं. उसके एटम बमों की संख्या 300 बताई जाती है. परमाणु बम बनाने की तकनीक तक फ्रांस 1960 में पहुंचा.
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चीन
एशिया में आर्थिक महाशक्ति और दुनिया की सबसे बड़ी थल सेना वाले चीन की असली सैन्य ताकत के बारे में बहुत पुख्ता जानकारी नहीं है. लेकिन अनुमान है कि चीन के पास 290 परमाणु बम हैं. चीन ने 1964 में पहला परमाणु परीक्षण किया.
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ब्रिटेन
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य ब्रिटेन ने पहला परमाणु परीक्षण 1952 में किया. अमेरिका के करीबी सहयोगी ब्रिटेन के पास 200 परमाणु हथियार हैं.
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पाकिस्तान
अपने पड़ोसी भारत से तीन बार जंग लड़ चुके पाकिस्तान के पास 150-160 परमाणु हथियार हैं. 1998 में परमाणु बम विकसित करने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच कोई युद्ध नहीं हुआ है. विशेषज्ञों को डर है कि अगर अब इन दोनों पड़ोसियों के बीच लड़ाई हुई तो वह परमाणु युद्ध में बदल सकती है.
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भारत
1974 में पहली बार और 1998 में दूसरी बार परमाणु परीक्षण करने वाले भारत के पास 130-140 एटम बम हैं. चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद के बावजूद भारत ने वादा किया है कि वो पहले परमाणु हमला नहीं करेगा. साथ ही भारत का कहना है कि वह परमाणु हथियार विहीन देशों के खिलाफ भी इनका प्रयोग नहीं करेगा.
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इस्राएल
1948 से 1973 तक तीन बार अरब देशों से युद्ध लड़ चुके इस्राएल के पास 80 से 90 नाभिकीय हथियार हैं. इस्राएल के परमाणु कार्यक्रम के बारे में बहुत कम जानकारी सार्वजनिक है.
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उत्तर कोरिया
पाकिस्तान के वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान की मदद से परमाणु तकनीक हासिल करने वाले उत्तर कोरिया के पास 20 से 30 परमाणु हथियार हैं. तमाम प्रतिबंधों के बावजूद 2006 में उत्तर कोरिया ने परमाणु परीक्षण किया.
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दूसरी तरफ रक्षा बजट बढ़ाने के ट्रंप के इरादों की आलोचना भी शुरू हो गई है. बजट को रोकने की ताकत रखने वाले डेमोक्रेट्स इसे लेकर खासे आक्रामक हैं. सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता चक शुमर ने कहा है, "बजट की रूपरेखा से इतना साफ है कि ट्रंप चुनावों में किए गए अपने वादों को तोड़ रहे हैं. वह उन कार्यक्रमों में कटौती करने जा रहे हैं जिनसे मध्य वर्ग को फायदा होता है."
वहीं रिपब्लिकन प्रतिनिधि माइक सिम्पसन का कहना है कि घरेलू कार्यक्रमों में कटौती को जनता का समर्थन नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा, "बहुत सारे लोग होंगे जिनके हित इन कार्यक्रमों से जुड़े हैं. हमारी सरकारी को रक्षा के अलावा और भी बहुत कुछ करना है."