एस जयशंकर ने ब्रिटिश विदेश मंत्री को सुनाई खरी-खरी
१ अप्रैल २०२२
ब्रिटेन और भारत के विदेश मंत्रियों के बीच उस वक्त यूक्रेन और रूस पर तीखा आदान-प्रदान हुआ जब बात रूस से भारत द्वारा तेल खरीदने की हुई. ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस भारत यात्रा पर थीं.
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ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रस के भारत दौरे के दौरान रूस पर प्रतिबंधों को लेकर भारत और ब्रिटेन के बीच मतभेद खुलकर सामने आए. ट्रस की मौजूदगी में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि रूस पर प्रतिबंधों की बात करना "एक अभियान जैसा” लगता है जबकि यूरोप रूस से युद्ध के पहले की तुलना में ज्यादा तेल खरीद रहा है.
ब्रिटिश विदेश मंत्री ने बार-बार रूस की आक्रामकता की बात की लेकिन जयशंकर ने अपने संबोधन में रूस का नाम नहीं लिया. दोनों नेता ‘इंडिया-यूके स्ट्रैटिजिक फ्यूचर्स फोरम' में बोल रहे थे जिसे ‘इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स एंड पॉलिसी एक्सचेंज' ने आयोजित किया था. इस सम्मेलन के बाद दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक भी हुई.
जयशंकर ने दिखाया आईना
श्रोताओं ने जब ट्रस से भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने पर प्रतिक्रिया चाही तो उन्होंने कहा, "मैंने प्रतिबंधों पर यूके का रुख बता दिया है. तथ्य यह है कि हम इस साल के आखिर तक रूसी तेल पर अपनी निर्भरता खत्म कर रहे हैं. भारत एक संप्रभु देश है. मैं भारत को नहीं बताऊंगी कि उसे क्या करना चाहिए. मैंने जो बात कही है, यूके सरकार की सदस्य होने के नाते कही है जिसने बुडापेस्ट समझौते पर दस्तखत किए हैं. ब्रिटेन की तरफ से मैं अपनी महती जिम्मेदारी समझती हूं कि यूक्रेन के लोगों का समर्थन करने के लिए जो भी संभव हो करें. लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि मैं अन्य देशों को बताऊं कि वे क्या करें.”
इसकी प्रतिक्रिया में भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि मार्च में यूरोप ने रूस से फरवरी के मुकाबले 15 प्रतिशत ज्यादा तेल खरीदा है. उन्होंने कहा, "अगर आप रूस के तेल और गैस के प्रमुख खरीददारों पर नजर डालें तो आप पाएंगे कि ज्यादातर यूरोप में हैं. हम अपनी ऊर्जा का ज्यादातर हिस्सा मध्य पूर्व से खरीदते हैं. अब तक 7.5-8 फीसदी अमेरिका से आता रहा है और रूस से तो एक फीसदी से भी कम है.”
कौन खरीद रहा है रूस का कच्चा तेल
ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका रूस के तेल पर प्रतिबंध लगा चुके हैं. लेकिन कई देश रूस का तेल लगातार खरीद रहे हैं. देखिए, अभी भी कौन खरीद रहा है रूस का कच्चा तेल...
तस्वीर: Indranil Aditya/NurPhoto/picture alliance
हंगरी
हंगरी की तेल कंपनी एमओएल क्रोएशिया, हंगरी और स्लोवायिका में तेल शोधन के तीन कारखाने चला रही है और उसे रूस से ही तेल मिल रहा है. हंगरी ने रूस पर गैस और तेल क्षेत्र के प्रतिबंधों का विरोध किया था.
तस्वीर: Marton Monus/REUTERS
पोलैंड
पोलैंड की सबसे बड़ी तेल कंपनी पीकेएन ओरलेन अपने पोलैंड, लिथुआनिया और चेक रिपब्लिक स्थित कारखानों के लिए रूस से तेल खरीद रही है.
तस्वीर: WOJCIECH PACEWICZ/PAP/picture alliance
जर्मनी
जर्मनी की सबसे बड़ी रिफाइनरी मीरो में 24 प्रतिशत हिस्सा रूसी कंपनी रोसनेफ्ट का है. कंपनी का 14 प्रतिशत कच्चा तेल रूस से आ रहा है. इसके अलावा जर्मनी की पीसीके श्वेट में रोसनेफ्ट की 54 फीसदी हिस्सेदारी है और यह भी रूसी कच्चे तेल का इस्तेमाल कर रही है. एक अन्य जर्मन रिफाइनरी लेऊना भी रूसी कच्चे तेल पर ही चल रही है.
तस्वीर: picture-alliance/ZB
ग्रीस
ग्रीस का सबसे बड़ा तेल शोधक कारखाना हेलेनिक पेट्रोलियम अपनी जरूरत का 15 प्रतिशत कच्चा तेल रूस से खरीद रहा है. कंपनी ने सऊदी अरब से भी हाल ही में काफी तेल खरीदा है.
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बुल्गारिया
बुल्गारिया की नेफ्टोचिम बर्जस नामक रिफाइनरी का मालिकाना हक रूस की लूक ऑयल के पास है. इसका 60 प्रतिशत ईंधन रूस से आता है.
तस्वीर: Alexandar Detev/DW
इटली
इटली की सबसे बड़ी रिफाइनरी आईएसएबी पर लूकऑयल का कब्जा है और वहां भी कुछ कच्चा तेल रूस से आ रहा है.
तस्वीर: Valeria Ferraro/imago images
नीदरलैंड्स
डच कंपनी जीलैंड रिफाइनरी में लूक ऑयल की 45 फीसदी हिस्सेदारी है. जब समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने उनसे पूछा कि वे रूस से तेल खरीद रहे हैं या नहीं, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. एक अन्य डच कंपनी एक्सॉन मोबिल ने भी इस बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
भारत की दो बड़ी तेल कंपनियां हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल ने हाल ही में रूस से कुल मिलाकर कम से कम 50 लाख बैरल तेल खरीदा है. भारत की निजी तेल कंपनी नायारा एनर्जी में रूस की रोसनेफ्ट की हिस्सेदारी है और उसने भी 18 लाख बैरल तेल खरीदा है.
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यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत ने रूस से 1.6 करोड़ बैरल तेल खरीदा है जो कि पिछले पूरे साल में खरीदे गए 1.3 करोड़ बैरल तेल से ज्यादा है. एस जयशंकर ने कहा कि भारत की खरीद आर्थिक लाभ पर आधारित थी. उन्होंने कहा, "जब तेल के दाम बढ़ते हैं तो यह किसी भी देश के लिए स्वभाविक है कि बाजार में अच्छे सौदे तलाशे. लेकिन, मुझे पूरा यकीन है कि अगर हम दो-तीन महीने इंतजार करें और फिर देखें कि रूसी तेल और गैस के बड़े खरीददार कौन हैं तो मुझे संदेह है कि सूची वैसी नहीं होगी, जैसी पहले हुआ करती थी. और मुझे संदेह है कि हम उस सूची में पहले दस में भी होंगे.”
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अमेरिका की सलाह
इसी दौरान अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा उप सलाहकार दलीप सिंह भी भारत में हैं. रूस पर प्रतिबंधों की रूपरेखा तय करने में अहम भूमिका निभाने वाले सिंह ने कहा कि जो देश प्रतिबंधों के दायरे से बाहर जने की कोशिश करेंगे उन्हें गंभीर नतीजे भुगतने होंगे.
भारत के संदर्भ में उन्होंने चीन और रूस की नजदीकियों का भी हवाला दिया और कहा कि भारत के लिए इन नजीदीकियों के नतीजे बुरे हो सकते हैं. उन्होंने कहा, "किसी को खुशफहमी में नहीं रहना चाहिए. रूस-चीन संबंधों में रूस जूनियर पार्टनर होगा. और चीन का हाथ जितना भारी होगा, भारत के लिए उतना ज्यादा बुरा होगा.”
कौन खरीदता है रूस का सामान
अमेरिका ने रूस से तेल आयात बंद कर दिया है. लेकिन रूस के बड़े आयातक तो दूसरे देश हैं, जो उससे तेल ही नहीं और भी बहुत कुछ खरीदते हैं. देखिए रूस के 10 सबसे बड़े आयात साझेदार...
तस्वीर: Vasily Fedosenko/ITAR-TASS/imago images
रूसी सामान का सबसे बड़ा खरीददार
चीन रूस का सबसे बड़ा आयातक है. 2021 में रूस के कुल निर्यात का सबसे ज्यादा (13.4 प्रतिशत) चीन को था, जिसकी कुल कीमत 57.3 अरब अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 4,442 अरब भारतीय रुपये थी.
तस्वीर: Costfoto/picture alliance
नंबर 2, नीदरलैंड्स
स्टैटिस्टा वेबसाइट के मुताबिक 2021 में रूस ने यूरोपीय देश नीदरलैंड्स को 44.8 अरब डॉलर का निर्यात किया था जो उसके कुल निर्यात का 10.5 फीसदी था.
तस्वीर: picture alliance/dpa
नंबर 3, जर्मनी
रूस की प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा खरीददार जर्मनी दरअसल उसका तीसरा सबसे बड़ा निर्यात साझेदार है. 2021 में जर्मनी ने रूस से 28 अरब डॉलर का सामान खरीदा, यानी कुल व्यापार का 6.6 प्रतिशत.
तस्वीर: Fabrizio Bensch/REUTERS
नंबर 4, बेलारूस
यूक्रेन युद्ध में खुलकर रूस का साथ दे रहे बेलारूस ने पिछले साल 21.7 अरब डॉलर का आयात रूस से किया था, जो रूस के कुल निर्यात का 5.1 प्रतिशत था.
तस्वीर: Mindaugas Kulbis/AP/picture alliance
नंबर 5, तुर्की
रूस से सामान खरीदने में तुर्की भी पीछे नहीं है. उसने पिछले साल 21.1 अरब डॉलर का सामान खरीदा जो रूस के कुल निर्यात का 5 प्रतिशत था.
दक्षिण कोरिया को रूस ने 2021 में 16.4 अरब डॉलर का सामान बेचा जो उसकी कुल बिक्री का 3.8 प्रतिशत था.
तस्वीर: Ahn Young-joon/AP/picture alliance
नंबर 7, इटली और कजाखस्तान
नंबर 7, इटली और कजाखस्तान रूस के कुल निर्यात का 3.4 प्रतिशत यानी लगभग 14.3 अरब डॉलर इटली को जाता है. इतना ही निर्यात कजाखस्तान को भी हुआ.
तस्वीर: Guglielmo Mangiapane/REUTERS
नंबर 8, ब्रिटेन
रूसी निर्यात में ब्रिटेन की हिस्सेदारी 3.1 प्रतिशत की है. पिछले साल उसने रूस से 13.3 अरब डॉलर का सामान खरीदा.
तस्वीर: empics/picture alliance
नंबर 9,अमेरिका
अमेरिका ने बीते साल रूस से 13.2 अरब डॉलर का आयात किया, जो रूस के कुल निर्यात का 3.1 प्रतिशत था.
तस्वीर: Kena Betancur/AFP/Getty Images
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भारतीय मूल के अमेरिकी दलीप सिंह ने साफ कहा कि चीन के खिलाफ भारत को रूस की मदद नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि अगर चीन ने फिर से एलएसी का उल्लंघन किया तो रूस भारत के बचाव में आएगा. और यही वजह है कि हम चाहते हैं कि दुनिया के लोकतांत्रिक देश, खासकर क्वॉड देश साथ आएं और यूक्रेन पर अपनी चिंताएं जाहिर करें.”