उत्तरी सीरिया, इराक के कुछ क्षेत्रों पर तुर्की के हवाई हमले
२१ नवम्बर २०२२
एक युद्ध निगरानी एजेंसी का कहना है कि तुर्की ने हवाई हमलों में उत्तरी सीरिया और इराक में कुर्द चौकियों और सीरियाई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है.
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अमेरिका समर्थित कुर्द बलों और एक युद्ध निगरानी एजेंसी ने कहा कि तुर्की की वायु सेना ने शनिवार देर रात उत्तरी सीरिया और इराक के कई शहरों को निशाना बनाया. सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक कोबानी और अलेप्पो के ग्रामीण इलाकों में कुर्द नेतृत्व वाले सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एसडीएफ) द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों पर लगभग 25 हवाई हमले किए गए.
हवाई हमलों के बारे में क्या पता चला?
ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक हमले में सीरियाई सेना के ठिकानों को भी निशाना बनाया गया था और हवाई हमलों में सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस सहित कम से कम 31 सीरियाई सेना के सैनिक मारे गए थे. युद्ध निगरानीकर्ता का कहना है कि इन हमलों में कम से कम 40 लोग घायल या लापता हैं. कुछ घायलों की हालत नाजुक बनी हुई है.
सीरियाई रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि उत्तरी अलेप्पो के ग्रामीण इलाकों और हसाकाह प्रांत में "कई" सीरियाई सैनिक मारे गए. इससे पहले सीरियाई सरकारी मीडिया ने बताया कि हमलों में तीन सैनिक मारे गए थे.
इस बीच इराक में कुर्द अधिकारियों ने कहा है कि आतंकवादी समूह कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) से जुड़े कम से कम 32 लड़ाके 25 हवाई हमलों में मारे गए. उसके बाद तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि उसके हवाई हमलों ने उन ठिकानों को निशाना बनाया जहां से आतंकवादी तुर्की पर हमला करते हैं.
पिछले दिनों तुर्की के इस्तांबुल के केंद्र में एक घातक बम विस्फोट हुआ था, जिसके लिए अंकारा ने प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी को दोषी ठहराया. कुछ दिनों बाद तुर्की ने इन हवाई हमलों को अंजाम दिया है. हालांकि पीकेके ने विस्फोट में शामिल होने से इनकार किया है.
तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने रविवार सुबह एक ट्वीट में कहा, "अब हिसाब का समय आ गया है." ट्वीट के साथ रात के ऑपरेशन के लिए विमानों के उड़ान भरने की एक तस्वीर थी.
रक्षा मंत्री हलुसी अकार ने और अधिक विवरण दिए बिना केवल यह दावा किया कि हमलों ने "आतंकवादी संगठन के तथाकथित मुख्यालय" को नष्ट कर दिया. तुर्की कुर्द पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स (वाईपीजी) को एसडीएफ का एक अभिन्न अंग और पीकेके की एक विस्तारित इकाई मानता है.
एसडीएफ प्रमुख मजलूम आब्दी ने ट्विटर पर कहा है कि इन हवाई हमलों से पूरे क्षेत्र को खतरा है. उन्होंने कहा, "यह बमबारी किसी पक्ष के पक्ष में नहीं है. हम किसी भी बड़ी तबाही से बचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. अगर युद्ध छिड़ जाता है, तो हर कोई प्रभावित होगा."
तुर्की 2016 से सीरिया के अंदर तीन बड़े सीमा पार अभियान को अंजाम दे चुका है.
एए/सीके (एएफपी, एपी,डीपीए)
कौन से देश विदेशियों को करते हैं अपनी सेना में शामिल
क्या कोई देश किसी दूसरे देश के नागरिकों को अपनी सेना में भर्ती कर सकता है? जर्मनी इस बारे में विचार कर रहा है, लेकिन वास्तव में अमेरिका और रूस समेत कई देश सेना में विदेशी लोगों को भर्ती करते हैं.
तस्वीर: Ryan Remiorz/Canadian Press/Zuma/picture alliance
कनाडा
2022 के नवंबर की शुरुआत में कनाडा के सशस्त्र बलों (सीएएफ) ने घोषणा की कि स्थायी निवासियों को अब सेवाओं में भर्ती दी जाएगी, क्योंकि सेना में इन दिनों सैनिकों की कमी है. सीएएफ के इस कदम से कनाडा निवासी भारतीयों को फायदा मिलेगा. 2021 में करीब एक लाख भारतीय कनाडा के स्थायी निवासी बने थे.
तस्वीर: Ryan Remiorz/Canadian Press/Zuma/picture alliance
अमेरिका
अमेरिका की सेना में स्थाई निवासी और ग्रीन कार्ड रखने वाले ही शामिल हो सकते हैं. हालांकि उन्हें सेना में कमीशन नहीं मिलता. 2002 में तब के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने गैर-अमेरिकी सैनिकों की नागरिकता को आसान और तेज बनाने के आदेश दिए. हर साल यहां सेना में 8,000 विदेशी नागरिक भर्ती होते हैं. इनमें ज्यादातर मेक्सिको और फ्रांस के लोग हैं. माइक्रोनेशिया और पलाउ के लोग भी सेना में आ सकते हैं.
तस्वीर: Patrick T. Fallon/AFP
रूस
सेना में शामिल होने के नियमों को 2010 में रूस ने आसान किया. इसे पुराने सोवियत संघ के देशों में रह रहे रूसी लोगों को बुलाने का जरिया माना गया. हालांकि रूस ने विदेशियों के लिए कई दूसरे कदम भी उठाए हैं. रूसी भाषा बोलने वाले गैर-रूसी लोग 5 साल के करार पर सेना में जा सकते हैं. 3 साल बाद नागरिकता के भी कई विकल्प मिलते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Tass/V. Savitskii
ब्रिटेन
ब्रिटेन ने 2018 में कॉमनवेल्थ देशों के नागरिकों के सेना में भर्ती होने के लिए चली आ रही 5 साल ब्रिटेन में रहने की शर्त को खत्म कर दिया है. अन्य देशों के नागरिक यहां की सेना में नहीं जा सकते यहां तक कि यूरोपीय संघ के भी नहीं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/G. Kirk
फ्रांस
फ्रांस का फॉरेन लीजन अनोखा है. यह सबसे पुरानी सिर्फ विदेशी सैनिकों की शाखा है जो अब भी सक्रिय है. यह 1831 में बनी और इसे अब भी फ्रेंच सेना के अधिकारियों से आदेश मिलता है. इसमें शामिल लोग 3 साल की नौकरी के बाद ही फ्रांस की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं.
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स्पेन
स्पेन ने 2002 से विदेशियों की सेना में भर्ती शुरू की. पहले स्पेन के पुराने उपनिवेशों के नागरिकों को मौका दिया गया. बाद में इसमें मोरक्को भी शामिल हुआ. मोरक्को का उत्तरी हिस्सा कभी स्पेन का उपनिवेश रहा था. सेना में कई ऐसे लोग भी हैं जो स्पेनवासी नहीं हैं. विदेशियों का कोटा 2 फीसदी से बढ़ कर अब 9 फीसदी हो गया.
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बेल्जियम
2004 से बेल्जियम की सेना में 18-34 साल के यूरोपीय नागरिकों की सैनिक के रूप में भर्ती शुरू की गई.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/V. Lefour
आयरलैंड
आयरलैंड यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र यानी यूरोपीय संघ समेत आइसलैंड, लिश्टेनश्टाइन और नॉर्वे के लोगों को सेना में शामिल करता है. दूसरे देश के नागरिक अगर 3 साल से ज्यादा समय से आयरलैंड में रह रहे हों, तो वे भी सेना में भर्ती हो सकते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/A. Widak
लग्जमबर्ग
लग्जमबर्ग भी यूरोपीय नागरिकों को अपनी सेना में जगह देता है. बशर्ते वो देश में 3 साल से ज्यादा वक्त से रह रहे हों और उनकी उम्र 18 से 24 साल के बीच हो.
तस्वीर: Getty Images/AFP/L. Marin
डेनमार्क
डेनमार्क की सेना में भर्ती होने के लिए डेनमार्क में रहने वाले विदेशी लोग आवेदन दे सकते हैं. डेनमार्क में रहने के अलावा उम्मीदवार का डैनिश भाषा बोलना भी जरूरी है.