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तुर्की में जर्मन पत्रकार हिरासत में, जर्मनी ने जताई नाराजगी

२८ फ़रवरी २०१७

तुर्की की एक अदालत ने जर्मन अखबार 'डी वेल्ट' के संवाददाता को रिमांड पर हिरासत में रखने का आदेश दिया है. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है.

Deutschland Demo für die Freilassung von Welt-Korrespondent Deniz Yücel
तस्वीर: Reuters/A. Schmidt

डी वेल्ट का कहना है कि 43 वर्षीय डेनिस युजेल पर आतंकवादी दुष्प्रचार फैलाने और नफरत भड़काने के आरोप लगाए गए हैं. जर्मनी और तुर्की की दोहरी नागरिकता रखने वाले युजेल 18 फरवरी से हिरासत में हैं. 

युजेल ने सितंबर में डी वेल्ट के लिए एक स्टोरी की थी जिसमें बताया गया था कि तुर्की सरकार किस तरह सोशल मीडिया पर ट्रोल्स का इस्तेमाल कर रही है. यह स्टोरी राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोवान के दामाद और तुर्की की सरकार में ऊर्जा मंत्री बेरात अल्बायरक के हैक हुए ईमेल से मिली जानकारी के आधार पर लिखी गई थी. यह जानकारी विकीलीक्स और तुर्की के एक समूह रेड हैक ने प्रकाशित की थी. रेड हैक को तुर्की में एक आतंकवादी समूह माना जाता है. युजेल के लेख में जो जानकारी थी वह सार्वजनिक यानी पब्लिक डोमेन में थी.

युजेल पहले जर्मन पत्रकार हैं जिन्हें तुर्की में पिछले साल नाकाम सैन्य तख्तापलट के बाद मीडिया के खिलाफ छेड़े गए अभियान के तहत निशाना बनाया गया है. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने इस्तांबुल की अदालत के फैसले को "कड़वा और निराशाजनक बताया है."

चांसलर मैर्केल ने बर्लिन में कहा, "यह कदम अत्यधिक सख्त है, खासकर तब जब डेनिस युजेल ने खुद को तुर्की की अदालतों को सौंप दिया था और जांच में हर तरह का सहयोग दे रहे थे." मैर्केल ने कहा कि जर्मन सरकार तुर्की की न्यायपालिका से उम्मीद करती है कि युजेल के मामले में वह प्रेस की आजादी और लोकतांत्रिक समाज के उच्च मूल्यों का पालन करेगी.

डी वेल्ट के अनुसार सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकारी अभियोजकों ने जज मुस्तफा चकर के सामने युजेल से उनके लेखों के बारे में सामान्य सवाल पूछे थे. यह वही जज हैं जिन्होंने विपक्षी अखबार जम्हूरियत के कई पत्रकारों को हिरासत में भेजा था.

युजेल के वकीलों का कहना है कि उनके मुवक्किल को आतंकवादी संगठन से जुड़े होने, आतंकवादी दुष्प्रचार फैलाने और आंकड़ों के गलत इस्तेमाल करने के संदेह में हिरासत में रखा गया है.

मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने युजेल को हिरासत में रखे जाने की आलोचना की है. एमनेस्टी तुर्की के विशेषज्ञ एंड्रयू गार्डनर ने डीपीए को बताया, "यह एक और मामला दिखाई पड़ता है जिसमें एक पत्रकार पर आलोचनात्मक लेख की वजह से आतंकवाद विरोधी कानून के तहत आरोप तय किए गए हैं." गार्डनर कहते हैं कि तुर्की में पत्रकारों के खिलाफ इस कानून का खूब दुरुपयोग किया जा रहा है.

तुर्की में फिलहाल 100 से ज्यादा पत्रकार जेल में हैं, जो किसी भी देश के मुकाबले ज्यादा हैं. रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरडब्ल्यू) की प्रेस फ्रीडम रैंकिंग में तुर्की 180 देशों में 151वें स्थान पर है.

एके/एमजे (एएफफी, डीपीए)

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