तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि उसे अब सभी भाषाओं में 'तुर्किए नाम से संबोधित किया जाए. राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान की सरकार अब पूरी दुनिया में इसी नाम को लोकप्रिय कराने की कोशिश में लगी हुई है.
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संयुक्त राष्ट्र के मुख्य प्रवक्ता स्टेफन दुजारिच ने यह जानकारी देते हुए घोषणा की कि "बदलाव तत्काल प्रभाव से लागू है." उन्होंने यह भी बताया कि बदलाव का अनुरोध करते हुए अंकारा से आधिकारिक पत्र बुधवार, एक जून को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में प्राप्त हुआ.
तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कोवुसोग्लु ने चिट्ठी पर हस्ताक्षर करते हुए अपनी एक तस्वीर ट्वीट भी की थी. उन्होंने कहा था कि इस बदलाव से उनके देश की "ब्रांड वैल्यू को बढ़ाने" के लिए राष्ट्रपति एर्दोवान द्वारा की गई एक पहल पूरी हो जाएगी.
माना जाता है कि एर्दोवान सरकार देश के नाम को टर्की चिड़िया के नाम से और टर्की शब्द से जुड़े कुछ नकारात्मक मायनों से अलग करने की कोशिश कर रही है. 1923 में आजादी की घोषणा के बाद देश ने खुद को 'तुर्किए' नाम ही दिया था.
एर्दोवान का आदेश है कि देश की संस्कृति और मूल्यों का बेहतर प्रतिनिधित्व करने के लिए "तुर्किए" नाम का इस्तेमाल किया जाएतस्वीर: Adem Altan/Getty Images/AFP
दिसंबर में एर्दोवान ने आदेश दिया था कि देश की संस्कृति और मूल्यों का बेहतर प्रतिनिधित्व करने के लिए "तुर्किए" नाम का इस्तेमाल किया जाए और निर्यात होने वाले उत्पादों पर "मेड इन टर्की" की जगह "मेड इन तुर्किए" लिखा जाए. मंत्रालयों ने भी आधिकारिक दस्तावेजों में "तुर्किए" का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.
कुछ महीनों पहले सरकार ने एक प्रमोशनल वीडियो भी जारी किया था, जिसमें पूरी दुनिया से आए पर्यटकों को मशहूर स्थलों पर "हेलो तुर्किए" कहते हुए दिखाया गया था.
टर्की का मतलब "बेवकूफ"
देश के अंग्रेजी भाषा के सरकारी टीवी चैनल टीआरटी वर्ल्ड ने भी "तुर्किए" कहना शुरू कर दिया है, हालांकि अभी भी कभी कभी उसके पत्रकारों के मुंह से "टर्की" निकल जाता है.
तुर्की टर्की नाम की चिड़िया से अपने नाम को जोड़े जाना बंद करना चाह रहा हैतस्वीर: Robin Loznak/ZUMAPRESS.com/picture alliance
कुछ महीनों पहले चैनल की वेबसाइट पर एक लेख में बताया गया था कि "टर्की" को गूगल करने पर "कुछ भ्रमित करने वाली तस्वीरें, लेख और परिभाषाऐं सामने आती हैं जो देश को दूसरी चीजों के नाम से मिला देते हैं, जैसे मेलाग्रेस या टर्की चिड़िया."
लेख में यह भी लिखा था कि कैंब्रिज डिक्शनरी में टर्की का मतलब "एक बेवकूफ व्यक्ति" या "कोई ऐसी चीज जो बुरी तरह से असफल हो जाती है" बताया गया है.
सीके/एए (एपी, एएफपी)
परी जगत की यात्रा जैसा है तुर्की के कैपादोशिया जाना
तुर्की के कैपादोशिया इलाके को वहां की पत्थरों से बानी अजीबोगरीब आकृतियों के लिए जाना जाता है. इन्हें जमीन से तो देखा जा ही सकता है, लेकिन गर्म हवा के गुब्बारों में उड़ कर नीचे का नजारा देखने की बात ही कुछ और है.
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उचीसर में सूर्योदय
कैपादोशिया केंद्रीय एनाटोलिया का एक ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण प्रांत है जहां कम से कम 3000 ईसापूर्व काल से मानव गतिविधियों की खोज हुई है. इसे 1985 में एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित कर दिया गया था. उचीसर के इस किले में जमीन के नीचे बने आवासों के साथ साथ इस इलाके का सबसे ऊंचा स्थल भी है.
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शिल्पकारी और संस्कृति
यहां तोहफों और कालीनों की कई दुकानें हैं जिन्हें सजाने के लिए छोटी से छोटी बारीकियों का ख्याल रखा गया है. नेवसेहीर की इन गलियों में आप खुद को किसी और समय में पा सकते हैं.
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जरा नजारा तो देखिए
गोरमे नाम का यह छोटा सा शहर एक राष्ट्रीय उद्यान के ठीक बीच में स्थित है. यहां छतों पर सजी इस तरह की कई आरामदायक बैठकें हैं, जिन्हें रंग बिरंगे गद्दों से सजाया गया है. यहां से ज्वालामुखीय परिदृश्य के ऊपर तैरते हुए गर्म हवा के गुब्बारों को बखूबी निहारा जा सकता है.
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हवा में सैर
कैपादोशिया के ऊपर गर्म हवा के गुब्बारे में सैर करना एक जादूई अनुभव जैसा हो सकता है. खास कर तड़के सुबह में, जब उगते सूरज की किरणें इलाके की ऊंची ऊंची चट्टानों पर पड़ती हैं, तब तो नजारा ही कुछ और होता है. एक यात्रा एक से ले कर चार घंटों तक लंबी हो सकती है.
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एक बढ़िया तस्वीर हो जाए
यह दुर्लभ दृश्य तस्वीरों और वीडियो बनाने के लिए यहां आने वाले लोगों का मनपसंद है. आप चाहें तो इनकी तरह एक सुर्ख लाल ड्रेस में हवा में तैरते हुए तस्वीर खिचवा सकती हैं या घोड़े या ऊंट की पीठ पर बैठ कर नए नए नजारों का आनंद ले सकती हैं.
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पत्थर की दुर्लभ आकृतियां
राष्ट्रीय उद्यान में 'लव वैली' के नाम से जानी जाने वाली यह अजीबोगरीब जगह भी है. इस जगह को यह नाम इन लिंग नुमा पत्थर की इन आकृतियों से मिला है. इन चट्टानों को यह आकार हजारों सालों में हवा और मौसम के थपेड़ों ने दिया है.
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चट्टानों में रिहाइश
ज्वालामुखी से निकला नरम टफ पत्थर इस इलाके में बड़ी मात्रा में मिलता है. इसके गुणों की वजह से चट्टानों के अंदर पूरे के पूरे शहर बनाना भी संभव हो सका है. जुल्म झेल रहे ईसाई समुदाय के लोगों ने यहां सबसे पहले तीसरी शताब्दी में छिपने की जगह बनाई थी. बाद में घर, चर्च और पूरे के पूरे मठ इन चट्टानों में बना दिए गए.
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दुर्लभ गुफाएं
जमीन के नीचे बनी गुफाओं की यह श्रंखला इस पूरे इलाके में फैली हुई है. इसे ऊपर से देख पाना मुश्किल है लेकिन नीचे उतरने वाले लोगों को ऐसी वास्तुकला मिलेगी जो पूरी दुनिया में दुर्लभ है.
यहां गर्म हवा के गुब्बारों, साइकिल, घोड़े और ऊंट की सवारी के अलावा क्वॉड बाइक से भी घूमा जा सकता है. आप इन्हें ले कर छोटे छोटे गांवों की तंग गलियों से गुजर सकते हैं या गोरमे के इर्द गिर्द राष्ट्रीय उद्यान में भी जा सकते हैं. (क्लॉडिया डेन)